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कौशांबी: बिजली कर्मचारियों ने मशाल जुलूस निकालकर निजीकरण का किया विरोध

यूपी के कौशांबी जिले के मंझनपुर जिला मुख्यालय पर सोमवार को बिजली कर्मचारियों ने मशाल जुलूस निकालकर निजीकरण का विरोध किया. कर्मचारियों ने कहा कि सरकार द्वारा बिजली विभाग को निजीकरण किए जाने का फैसला गलत है. सरकार इस पर पुनर्विचार करे.

बिजली कर्मचारियों ने मशाल जुलूस निकालकर निजीकरण का किया विरोध
बिजली कर्मचारियों ने मशाल जुलूस निकालकर निजीकरण का किया विरोध
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Published : Sep 29, 2020, 10:05 PM IST

कौशांबी: जनपद मुख्यालय में उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सोमवार को मशाल जुलूस निकाल कर सरकार द्वारा विद्युत विभाग का निजीकरण करने का विरोध किया गया. कर्मचारियों ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए. लखनऊ में गिरफ्तारी की खबर पर नाराज कर्मचारियों ने पावर हाउस परिसर में बेमियादी धरने पर भी बैठ गए. सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर साथियों को जल्द रिहा नहीं किया गया तो हम लोग भी गिरफ्तरी देंगे. साथ ही कार्य बहिष्कार भी करेंगे और पूरे प्रदेश में अंधेरा कर देंगे.

मंझनपुर जिला मुख्यालय पर सोमवार को बिजली कर्मचारियों ने 'विशाल मशाल जुलूस' निकालकर निजीकरण का विरोध किया. मशाल जुलूस प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर बिजली विभाग के कर्मचारियों ने निकाला था. कर्मचारियों ने मांग की कि सरकार द्वारा बिजली विभाग के निजीकरण किए जाने का फैसला गलत है. इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. बिजली विभाग के कर्मचारियों की मानें तो निजीकरण से एक ओर जहां लोगों पर बिजली बिल का भार बढ़ेगा तो वहीं कर्मचारियों का भी शोषण किया जाएगा. इसीलिए बिजली विभाग के कर्मचारी लगातार पूर्वांचल विद्युत वितरण खंड के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.

कर्मचारियों की मशाल जुलुस शांतिपूर्वक समाप्त होने वाला था तभी उन्हें लखनऊ में प्रदेश नेतृत्व की गिरफ्तारी की खबर लग गई. गिरफ्तारी की खबर लगते ही बिजली विभाग के कर्मचारियों में भारी आक्रोश देखने को मिला. इस गिरफ्तारी के विरोध से बिजली विभाग के कर्मचारी जिला मुख्यालय मंझनपुर स्थित पावर हाउस पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. बिजली विभाग के कर्मचारी सरकार से प्रदेश नेतृत्व की तुरंत रिहाई की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि यदि प्रदेश नेतृत्व की रिहाई तुरंत नहीं की गई तो वह पूरे प्रदेश की बिजली सप्लाई बंद कर विरोध करेंगे. इसके साथ ही जिला इकाई के सभी कर्मचारी भी अपनी गिरफ्तारी देंगे.

कौशांबी: जनपद मुख्यालय में उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सोमवार को मशाल जुलूस निकाल कर सरकार द्वारा विद्युत विभाग का निजीकरण करने का विरोध किया गया. कर्मचारियों ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए. लखनऊ में गिरफ्तारी की खबर पर नाराज कर्मचारियों ने पावर हाउस परिसर में बेमियादी धरने पर भी बैठ गए. सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर साथियों को जल्द रिहा नहीं किया गया तो हम लोग भी गिरफ्तरी देंगे. साथ ही कार्य बहिष्कार भी करेंगे और पूरे प्रदेश में अंधेरा कर देंगे.

मंझनपुर जिला मुख्यालय पर सोमवार को बिजली कर्मचारियों ने 'विशाल मशाल जुलूस' निकालकर निजीकरण का विरोध किया. मशाल जुलूस प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर बिजली विभाग के कर्मचारियों ने निकाला था. कर्मचारियों ने मांग की कि सरकार द्वारा बिजली विभाग के निजीकरण किए जाने का फैसला गलत है. इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. बिजली विभाग के कर्मचारियों की मानें तो निजीकरण से एक ओर जहां लोगों पर बिजली बिल का भार बढ़ेगा तो वहीं कर्मचारियों का भी शोषण किया जाएगा. इसीलिए बिजली विभाग के कर्मचारी लगातार पूर्वांचल विद्युत वितरण खंड के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.

कर्मचारियों की मशाल जुलुस शांतिपूर्वक समाप्त होने वाला था तभी उन्हें लखनऊ में प्रदेश नेतृत्व की गिरफ्तारी की खबर लग गई. गिरफ्तारी की खबर लगते ही बिजली विभाग के कर्मचारियों में भारी आक्रोश देखने को मिला. इस गिरफ्तारी के विरोध से बिजली विभाग के कर्मचारी जिला मुख्यालय मंझनपुर स्थित पावर हाउस पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. बिजली विभाग के कर्मचारी सरकार से प्रदेश नेतृत्व की तुरंत रिहाई की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि यदि प्रदेश नेतृत्व की रिहाई तुरंत नहीं की गई तो वह पूरे प्रदेश की बिजली सप्लाई बंद कर विरोध करेंगे. इसके साथ ही जिला इकाई के सभी कर्मचारी भी अपनी गिरफ्तारी देंगे.

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