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कौशांबी में महिला कर्मचारी से छेड़खानी के आरोपी DPO की जमानत खारिज

कौशांबी में महिला कर्मचारी के साथ छेड़खानी के आरोपी DPO की जमानत खारिज हो गई है. चलिए जानते हैं पूरे मामले के बारे में.

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Published : Jan 6, 2023, 8:59 PM IST

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कौशांबीः जिले के डिस्ट्रिक प्रोबेशन अधिकारी (DPO) रामनाथ राम की राते अभी जेल में ही कटने वाली है. दरअसल जिला अदालत की लोवर कोर्ट ने शुक्रवार को DPO की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है. अदालत ने जमानत याचिका में सुनवाई करते हुए छेड़खानी जैसे गंभीर अपराध में जमानत देने से साफ़ इनकार कर दिया है.

मामला विकास भवन के जिला प्रोबेशन दफ्तर का है. यहां 10 दिन पहले छेड़खानी का मामला सामने आया था. DPO के अधीन कार्यरत एक सविंदा महिला कर्मी ने DPO रामनाथ राम का एक वीडियो वायरल कर प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मचा दिया था. वीडियो में DPO रामनाथ राम अपने दफ्तर की कुर्सी पर बैठ महिला कर्मचारी के साथ छेड़खानी करते हुए दिखाई पड़े. इसके बाद हुई ताबड़तोड़ कार्यवाही में डीएम ने DPO रामनाथ राम के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति करते हुए शासन को पत्र भेजा था. डीएम का सख्त रुख देख पुलिस अधिकारियो ने बिना समय गंवाए जिला प्रोबेशन अधिकारी के खिलाफ न सिर्फ छेड़खानी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया बल्कि उसे गिरफ्तार पर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया. फिलहाल आरोपी DPO राजनाथ राम 27 दिसंबर से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद है.

शुक्रवार को आरोपी DPO रामनाथ राम के अधिवक्ता ने जिला अदालत की लोवर कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की. इस पर शुक्रवार को अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया. जमानत याचिका ख़ारिज होने के बाद आरोपी की राते फिलहाल अभी जेल में ही कटने वाली है. गवर्नमेंट काउंसिल ने बताया कि आरोपी ने पूर्व में वन स्टाप सेंटर से 2 पीड़ित युवतियों के भागने के मामले को आधार बना कर पीड़ित महिला पर कार्यवाही किये जाने की बात कह रहा है. इसके चलते पीड़िता पर आरोपी ने आरोप लगाया है कि पीड़िता ने पेशबंदी के तहत सुनियोजित तरीके से छेड़खानी की घटना का वीडियो तैयार कर उसके खिलाफ षड्यंत्र किये जाने की बात जिक्र किया है.

वहीं, दूसरी तरफ पीड़ित महिला कर्मचारी का अदालत में कलम बंद बयान शुक्रवार को दर्ज किया गया. पीड़िता के मुताबिक अदालत में पीड़िता ने अपने साथ हुए घटनाक्रम को सिलसिलेवार बताया. पीड़िता ने इसके लिए वीडियो, व्हाट्सअप चैट, एवं ऑडियो क्लिप बतौर साक्ष्य अदालत के समक्ष पेश किया.

कौशांबीः जिले के डिस्ट्रिक प्रोबेशन अधिकारी (DPO) रामनाथ राम की राते अभी जेल में ही कटने वाली है. दरअसल जिला अदालत की लोवर कोर्ट ने शुक्रवार को DPO की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है. अदालत ने जमानत याचिका में सुनवाई करते हुए छेड़खानी जैसे गंभीर अपराध में जमानत देने से साफ़ इनकार कर दिया है.

मामला विकास भवन के जिला प्रोबेशन दफ्तर का है. यहां 10 दिन पहले छेड़खानी का मामला सामने आया था. DPO के अधीन कार्यरत एक सविंदा महिला कर्मी ने DPO रामनाथ राम का एक वीडियो वायरल कर प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मचा दिया था. वीडियो में DPO रामनाथ राम अपने दफ्तर की कुर्सी पर बैठ महिला कर्मचारी के साथ छेड़खानी करते हुए दिखाई पड़े. इसके बाद हुई ताबड़तोड़ कार्यवाही में डीएम ने DPO रामनाथ राम के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति करते हुए शासन को पत्र भेजा था. डीएम का सख्त रुख देख पुलिस अधिकारियो ने बिना समय गंवाए जिला प्रोबेशन अधिकारी के खिलाफ न सिर्फ छेड़खानी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया बल्कि उसे गिरफ्तार पर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया. फिलहाल आरोपी DPO राजनाथ राम 27 दिसंबर से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद है.

शुक्रवार को आरोपी DPO रामनाथ राम के अधिवक्ता ने जिला अदालत की लोवर कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की. इस पर शुक्रवार को अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया. जमानत याचिका ख़ारिज होने के बाद आरोपी की राते फिलहाल अभी जेल में ही कटने वाली है. गवर्नमेंट काउंसिल ने बताया कि आरोपी ने पूर्व में वन स्टाप सेंटर से 2 पीड़ित युवतियों के भागने के मामले को आधार बना कर पीड़ित महिला पर कार्यवाही किये जाने की बात कह रहा है. इसके चलते पीड़िता पर आरोपी ने आरोप लगाया है कि पीड़िता ने पेशबंदी के तहत सुनियोजित तरीके से छेड़खानी की घटना का वीडियो तैयार कर उसके खिलाफ षड्यंत्र किये जाने की बात जिक्र किया है.

वहीं, दूसरी तरफ पीड़ित महिला कर्मचारी का अदालत में कलम बंद बयान शुक्रवार को दर्ज किया गया. पीड़िता के मुताबिक अदालत में पीड़िता ने अपने साथ हुए घटनाक्रम को सिलसिलेवार बताया. पीड़िता ने इसके लिए वीडियो, व्हाट्सअप चैट, एवं ऑडियो क्लिप बतौर साक्ष्य अदालत के समक्ष पेश किया.

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