कौशांबी: जिले में संचालित हो रहे 250 ईंट-भट्ठों पर नए सीजन के लिए ईंट के पथाई शुरू हो गई थी. असमय हुई बारिश से कच्ची ईंट दोबारा मिट्टी बन गई. कच्ची ईंट तैयार होने के बाद कई भट्टों में पकाने के लिए, आग डालने की तैयारी चल रही थी. तेज हवा और बरसात के चलते सब बर्बाद हो गया.
इस भारी नुकसान से एक ओर जहां भट्ठा मालिकों को करोड़ों का नुकसान हुआ, वहीं भट्ठा मजदूरों की भी कमर टूट गई है. भट्ठा मजदूर इंद्रराज ने बताया, कि बारिश के चलते पथाई करने वाले मजदूरों को भारी नुकसान झेलना पड़ा, क्योंकि कच्ची ईंट बारिश में घुल गई है. वही बारिश की संभावना को देखते हुए पथरी का काम भी बंद हो गया है.
उन्होंने बताया कि ईंट की पथाई करने वाले मजदूरों को ₹500 प्रति हजार मिलता है, मगर बारिश के चलते उन्हें एक ओर जहां 15 से ₹20 हजार का घाटा हुआ वहीं काम बंद होने जाने की वजह से रोजी रोटी के भी संकट खड़े हो गए हैं.
ईंट भट्टा मालिक राधे श्याम ने बताया, कि असमय हुई बारिश के चलते भट्ठा मालिकों को लाखों का नुकसान हुआ है. बारिश के कारण ईंट-भट्टे में लगीं सारी ईंट बर्बाद हो गई. वहीं इसके कारण ईट के रेट भी बढ़ने की संभावनाएं हैं.इसे भी पढे़ं: उत्तर प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या हुई 15