कौशांबी: जिले में सीबीआई एक बार फिर से डेरा डाल कर वर्ष 2012 से 2016 तक हुए अवैध खनन की जांच कर रही है. सीबीआई जांच के दौरान कई अधिकारियों और बालू माफियाओं से पूछताछ करेगी. सोमवार की रात से ही दो सदस्यीय अफसरों की टीम कांशीराम गेस्ट हाउस में रुकी है. फिलहाल अभी तक सीबीआई दस्तावेजों को ही खंगाल रही है. सीबीआई की जांच से अवैध खनन में शामिल अफसर और बालू माफियाओं में हड़कंप मचा है.
हाईकोर्ट ने शासन को आदेश दिया था कि 31 मई 2012 से ई-टेंडरिंग के जरिए बालू का खनन कराया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जनपद में बालू माफियाओं ने शासन-प्रशासन से साठ-गांठ कर यमुना के कई घाटों में 31 मई 2012 से जून 2016 तक बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन कराया था. इसके बाद इस मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की थी.
जिले के यमुना घाटों में हुए बालू के अवैध खनन की अधूरी जांच को पूरा करने के लिए दो सदस्यीय केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम सोमवार की रात जनपद पहुंची. सीबीआई ने आते ही अपनी जांच शुरू कर दी है. अभी तक टीम के सदस्य गेस्ट हाउस में ही दस्तावेजों को खंगालने में जुटे हैं.
सीबीआई के आने से खनन विभाग और बालू माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है. सूत्रों की मानें तो पूर्व खनन लिपिक धारा सिंह भी सीबीआइ के निशाने पर हैं. पिछले वर्ष 22 जुलाई को जब टीम आई थी, तो वर्ष 2012 से 16 के बीच यमुना घाटों में हुए अवैध खनन के संबंध में उनसे पूछताछ हुई थी.
जिले में पुरानी लंबित पड़ी जांच को पूरा करने के लिए सीबीआई एक बार फिर वापस आई हुई है. सीबीआई वर्ष 2012 से 2016 तक हुए खनन की जांच करेगी. सीबीआई की जांच में विभाग हर तरह से मदद करेगा.
-आरपी सिंह, खनन अधिकारी