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कौशांबी: अवैध खनन की जांच के लिए पहुंची सीबीआई, बालू माफियाओं में मचा हड़कंप - कौशांबी समाचार

यूपी के कौशांबी में सीबीआई की दो सदस्यीय टीम सोमवार को पहुंची. सीबीआई की टीम यहां वर्ष 2012 से 2016 तक हुए अवैध खनन की जांच पूरी करेगी. सीबीआई के आने से खनन विभाग और बालू माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है.

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अवैध खनन की जांच के लिए पहुंची सीबीआई
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Published : Jan 29, 2020, 4:50 AM IST

कौशांबी: जिले में सीबीआई एक बार फिर से डेरा डाल कर वर्ष 2012 से 2016 तक हुए अवैध खनन की जांच कर रही है. सीबीआई जांच के दौरान कई अधिकारियों और बालू माफियाओं से पूछताछ करेगी. सोमवार की रात से ही दो सदस्यीय अफसरों की टीम कांशीराम गेस्ट हाउस में रुकी है. फिलहाल अभी तक सीबीआई दस्तावेजों को ही खंगाल रही है. सीबीआई की जांच से अवैध खनन में शामिल अफसर और बालू माफियाओं में हड़कंप मचा है.

अवैध खनन की जांच के लिए पहुंची सीबीआई

हाईकोर्ट ने शासन को आदेश दिया था कि 31 मई 2012 से ई-टेंडरिंग के जरिए बालू का खनन कराया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जनपद में बालू माफियाओं ने शासन-प्रशासन से साठ-गांठ कर यमुना के कई घाटों में 31 मई 2012 से जून 2016 तक बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन कराया था. इसके बाद इस मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की थी.

जिले के यमुना घाटों में हुए बालू के अवैध खनन की अधूरी जांच को पूरा करने के लिए दो सदस्यीय केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम सोमवार की रात जनपद पहुंची. सीबीआई ने आते ही अपनी जांच शुरू कर दी है. अभी तक टीम के सदस्य गेस्ट हाउस में ही दस्तावेजों को खंगालने में जुटे हैं.

सीबीआई के आने से खनन विभाग और बालू माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है. सूत्रों की मानें तो पूर्व खनन लिपिक धारा सिंह भी सीबीआइ के निशाने पर हैं. पिछले वर्ष 22 जुलाई को जब टीम आई थी, तो वर्ष 2012 से 16 के बीच यमुना घाटों में हुए अवैध खनन के संबंध में उनसे पूछताछ हुई थी.

जिले में पुरानी लंबित पड़ी जांच को पूरा करने के लिए सीबीआई एक बार फिर वापस आई हुई है. सीबीआई वर्ष 2012 से 2016 तक हुए खनन की जांच करेगी. सीबीआई की जांच में विभाग हर तरह से मदद करेगा.
-आरपी सिंह, खनन अधिकारी

कौशांबी: जिले में सीबीआई एक बार फिर से डेरा डाल कर वर्ष 2012 से 2016 तक हुए अवैध खनन की जांच कर रही है. सीबीआई जांच के दौरान कई अधिकारियों और बालू माफियाओं से पूछताछ करेगी. सोमवार की रात से ही दो सदस्यीय अफसरों की टीम कांशीराम गेस्ट हाउस में रुकी है. फिलहाल अभी तक सीबीआई दस्तावेजों को ही खंगाल रही है. सीबीआई की जांच से अवैध खनन में शामिल अफसर और बालू माफियाओं में हड़कंप मचा है.

अवैध खनन की जांच के लिए पहुंची सीबीआई

हाईकोर्ट ने शासन को आदेश दिया था कि 31 मई 2012 से ई-टेंडरिंग के जरिए बालू का खनन कराया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जनपद में बालू माफियाओं ने शासन-प्रशासन से साठ-गांठ कर यमुना के कई घाटों में 31 मई 2012 से जून 2016 तक बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन कराया था. इसके बाद इस मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की थी.

जिले के यमुना घाटों में हुए बालू के अवैध खनन की अधूरी जांच को पूरा करने के लिए दो सदस्यीय केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम सोमवार की रात जनपद पहुंची. सीबीआई ने आते ही अपनी जांच शुरू कर दी है. अभी तक टीम के सदस्य गेस्ट हाउस में ही दस्तावेजों को खंगालने में जुटे हैं.

सीबीआई के आने से खनन विभाग और बालू माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है. सूत्रों की मानें तो पूर्व खनन लिपिक धारा सिंह भी सीबीआइ के निशाने पर हैं. पिछले वर्ष 22 जुलाई को जब टीम आई थी, तो वर्ष 2012 से 16 के बीच यमुना घाटों में हुए अवैध खनन के संबंध में उनसे पूछताछ हुई थी.

जिले में पुरानी लंबित पड़ी जांच को पूरा करने के लिए सीबीआई एक बार फिर वापस आई हुई है. सीबीआई वर्ष 2012 से 2016 तक हुए खनन की जांच करेगी. सीबीआई की जांच में विभाग हर तरह से मदद करेगा.
-आरपी सिंह, खनन अधिकारी

Intro:खबर रैप से भेजी है

Anchor---कौशाम्बी जिले में सीबीआई ने एक दफा फिर से डेरा डाल कर वर्ष 2012 से 2016 तक हुए अवैध खनन की जांच कर रही है। सीबीआई कई अधिकारियों और बालू माफियाओं से पूछताछ करेगी। सोमवार की रात से ही दो सदस्यीय अफसरों की टीम कांशीराम गेस्ट हाउस में रुकी है। फिलहाल अभी तक वह बंद कमरे ही दस्तावेजों को खंगाल रहे हैं। जल्द ही वह आवश्यकता वाले दफ्तर एवं अन्य जगहों पर जाएंगे। सीबीआई के आने से अवैध खनन में शामिल अफसर व बालू माफियाओं में हड़कंप मचा है।
Body:हाईकोर्ट ने शासन को आदेश दिया था कि 31 मई 2012 ई-टेंडरिंग के जरिए बालू का खनन कराया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बालू माफिया ने सिंडीकेट बनाकर शासन प्रशासन से साठगांठ कर जनपद में यमुना के डेढ़ दर्जन घाटों में 31 मई 2012 से जून 2016 तक बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन कराया। कौशाम्बी जिले के यमुना घाटों में हुए बालू के अवैध खनन की अधूरी जांच को पूरा करने के लिए दो सदस्यीय केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम सोमवार की रात एक फिर से आ गई। सीबीआई ने आते ही अपनी जांच शुरू कर दी। अभी तक टीम के सदस्य गेस्ट हाउस के बन्द कमरे में ही दस्तावेजों को खंगालने में जुटी है। उन्होंने अभी किसी के मिलने पर पाबंदी लगा दी है। सीबीआई के आने से खनन विभाग और बालू माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों की मानें तो पूर्व खनन लिपिक धारा सिंह भी सीबीआइ के निशाने पर है। पिछले वर्ष 22 जुलाई को जब टीम आई थी तो वर्ष 2012 से 16 के बीच यमुनाघाटों में हुए अवैध खनन के संबंध में उनसे पूछताछ हुई थी। सीबीआई के लोग खनन विभाग के सहयोग से लंबित जांच पूरा करने मे जुटी।


Conclusion:कौशांबी जिले के खान अधिकारी आरपी सिंह के मुतबिक जिले में पुरानी लंबित पड़ी जांच करने के लिए सीबीआई एक बार फिर वापस आई हुई है। सीबीआई वर्ष 2012 से 2016 तक हुए खनन की जांच करेगी। सीबीआई की जांच में विभाग हर तरह से मदद करेगा।

बाइट- आरपी सिंह, खनन अधिकारी, कौशांबी।
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