कौशांबी: अपर जिला जज रमेश कुमार यादव ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रमेश यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और पदाधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. उनका आरोप है कि एसोसिएशन के अधिकारियों की मेहरबानी से ही खिलाड़ी क्रिकेट खेल सकते हैं. उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों की मैच फीस और पुरस्कार राशि में भी गबन किया जाता है.
एससी एसटी कोर्ट के अपर जिला न्यायाधीश रमेश कुमार यादव ने बताया कि उनका बेटा त्रिकेश यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय की क्रिकेट टीम का उप कप्तान था. उसका चयन वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश अंडर-19 क्रिकेट टीम में हुआ था. त्रिकेश ने कूच बिहार ट्राफी में भी हिस्सा लिया था. इसके बाद वह महाराष्ट्र के विदर्भ में हुए मैच का भी हिस्सा था, लेकिन वहां से लौटने के बाद जब त्रिकेश ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन से उपस्थिति प्रमाणपत्र मांगा, तो एसोसिएशन ने त्रिकेश को बीए द्वितीय वर्ष में हुई अंग्रेजी की परीक्षा में फेल होने का हवाला देते हुए प्रमाणपत्र नहीं दिया. प्रमाणपत्र न मिलने से नाराज त्रिकेश के पिता रमेश यादव ने चंदौली में मुकदमा दर्ज करवाया.
रमेश यादव ने सदर कोतवाली में यूपीसीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक शर्मा, सचिव यदुवीर सिंह, उत्तर प्रदेश-19 क्रिकेट टीम के कोच और मैनेजर समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. जिला जज ने बताया कि पूरे मामले में चार्जशीट कोर्ट भेजी जा चुकी है, लेकिन नामजद आरोपी से पूछताछ नहीं हुई और न ही वह आए थे. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट कराए जाने के बाद उनकी और उनके बेट की जान का खतरा बना हुआ है.
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इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए. इससे उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में हो रहे भ्रष्टाचार का खुलासा हो सके.
- रमेश कुमार यादव, अपर जिला जज