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13 वर्षीय रेप पीड़िता बेटी ने दिया बच्चे को जन्म, पिता ने अपनाने से किया इंकार - Rape victim delivery on court order

यूपी के कौशांबी में 13 वर्षीय रेप पीड़िता ने बच्चे को जन्म दिया है. कोर्ट के आदेश पर पीड़िता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं, रेप पीड़िता के पिता ने बच्चे को अपनाने से इंकार कर दिया है.

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13 वर्षीय रेप पीड़िता बेटी बनी मां
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Published : Dec 13, 2022, 8:55 PM IST

कौशांबीः चरवा थाना क्षेत्र की रहने वाली 13 वर्षीय रेप पीड़िता किशोरी ने मंगलवार की दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर जिला अस्पताल में बेटे को जन्म दिया है. नार्मल डिलेवरी के बाद जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ बताये जा रहे हैं. बच्चे के जन्म लेते ही पीड़ित किशोरी का पिता बदहवास हो गया. उसे समझ नहीं आ रहा कि वह पीड़ित बेटी के 9 माह से दर्द के खत्म होने की खुशी मनाये या फिर अनचाहे बच्चे को अपनाकर समाज में अपने परिवार को हंसी का पात्र बनाये. पीड़ित बच्ची के पिता ने डॉक्टरों से बच्चे को अपनाने से साफ इंकार कर दिया है.

बच्चे को अपनाया तो समाज जीने नहीं देगाः पीड़िता के पिता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'बच्चा उसे नहीं चाहिए, क्योंकि वह नाजायज औलाद है. उसे केवल उसकी बच्ची चाहिए. बेटी की जिंदगी को सवारने के लिए उसे पढ़ा लिखा कर लायक बनाऊंगा. शायद उसकी जिंदगी बन जाय. यदि मैंने बच्चे को अपना लिया तो पढ़ना-लिखना छोड़िये उसकी दूसरे बेटियों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. वो सब नाजायज औलाद कहलाये जाएंगे. कोई मर्यादा नहीं रह जाएगी. हमें लोग ताना मारेंगे और बहुत परेशान करेंगे. जो गांव में दबंग लोग है वह और परेशान करेंगे. तरह तरह की बात कर उनकी जिंदगी मुश्किल कर देंगे.'

कोर्ट के आदेश पर डॉक्टरों ने कराई डिलीवरीः रेप पीड़िता के पिता ने बताया कि 'उनकी किशोर बेटी के गर्भ के चलते उसकी शरीर में बदलाव होने लगे. जिससे उनकी तबियत लगातार खराब रहने लगी. अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टरों से उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया. बेटी की जान बचाने को उसने अदालत में गुहार लगा कर गर्भपात कराये जाने की मांग की. अदालत से 15 अक्टूबर को आदेश देकर सीएमओ / सीएमएस को मेडिकल बोर्ड गठित कर गर्भ हटाने का आदेश दिया. लेकिन डाक्टरों ने बेटी का गर्भ नहीं हटाया. बाद में 12 नवम्बर को अदालत ने आदेश दिया कि डॉक्टरों की टीम की देखरेख में पीड़िता को रखा जाए और उसकी जान माल की सुरक्षा को देखते हुए आगे का निर्णय डॉक्टर की टीम करे कि उसका गर्भपात होना है या डिलीवरी करवानी है. जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया था, अब उसकी बेटी ने एक बच्चे को जन्म दिया है.'

पीड़िता के पिता को समझाने की कोशिश जारीः सीएमएस डॉ. दीपक सेठ ने बताया कि अदालत के आदेश पर पीड़ित का सामान्य प्रसव कराया गया है. जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. बच्चे को आईसीयू में सुरक्षा कारणों से रखा गया है. पीड़ित बच्ची के पिता को बच्चे की सुपुर्दगी देने की कोशिश की गई लेकिन वह किसी भी हालत में बच्चे के लेना छोड़िये देखने को तैयार नहीं है. समझने की कोशिश के साथ उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया है.

अगस्त 2022 में आरोपी को पुलिस ने भेजा जेलः बता दें कि थाना क्षेत्र के शिव मूरत ने ही गांव की 13 वर्षीय किशोरी से रेप की घटना को अंजाम दिया था. दुष्कर्म का राज किसी के सामने खुल न जाय इसके लिए आरोपी ने पीड़ित के पिता को हत्या का डर दिखा कर उसे चुप रहने पर मजबूर कर दिया था. लेकिन दुष्कर्म राज पीड़ित के गर्भ ठहरने पर सबके सामने आ गया. पीड़ित परिवार ने डाक्टरी रिपोर्ट जैसे पुख्ता दस्तावेज थाना पुलिस को देकर केस दर्ज करने की मांग की. पीड़िता के पिता के मुताबिक चरवा के तत्कालीन इंचार्ज ने उन्हें और उनकी बेटी को बुरा-भला कह कर थाने से भगा दिया. बाद में एसपी के निर्देश पर अगस्त 2022 में केस दर्ज कर शिव मूरत को पुलिस ने जेल भेज दिया.

इसे भी पढ़ें-कोर्ट के आदेश के बाबजूद डॉक्टरों ने नहीं किया नाबालिग रेप पीड़िता का गर्भपात, दर-दर भटकने को मजबूर है पीड़ित पिता

कौशांबीः चरवा थाना क्षेत्र की रहने वाली 13 वर्षीय रेप पीड़िता किशोरी ने मंगलवार की दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर जिला अस्पताल में बेटे को जन्म दिया है. नार्मल डिलेवरी के बाद जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ बताये जा रहे हैं. बच्चे के जन्म लेते ही पीड़ित किशोरी का पिता बदहवास हो गया. उसे समझ नहीं आ रहा कि वह पीड़ित बेटी के 9 माह से दर्द के खत्म होने की खुशी मनाये या फिर अनचाहे बच्चे को अपनाकर समाज में अपने परिवार को हंसी का पात्र बनाये. पीड़ित बच्ची के पिता ने डॉक्टरों से बच्चे को अपनाने से साफ इंकार कर दिया है.

बच्चे को अपनाया तो समाज जीने नहीं देगाः पीड़िता के पिता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'बच्चा उसे नहीं चाहिए, क्योंकि वह नाजायज औलाद है. उसे केवल उसकी बच्ची चाहिए. बेटी की जिंदगी को सवारने के लिए उसे पढ़ा लिखा कर लायक बनाऊंगा. शायद उसकी जिंदगी बन जाय. यदि मैंने बच्चे को अपना लिया तो पढ़ना-लिखना छोड़िये उसकी दूसरे बेटियों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. वो सब नाजायज औलाद कहलाये जाएंगे. कोई मर्यादा नहीं रह जाएगी. हमें लोग ताना मारेंगे और बहुत परेशान करेंगे. जो गांव में दबंग लोग है वह और परेशान करेंगे. तरह तरह की बात कर उनकी जिंदगी मुश्किल कर देंगे.'

कोर्ट के आदेश पर डॉक्टरों ने कराई डिलीवरीः रेप पीड़िता के पिता ने बताया कि 'उनकी किशोर बेटी के गर्भ के चलते उसकी शरीर में बदलाव होने लगे. जिससे उनकी तबियत लगातार खराब रहने लगी. अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टरों से उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया. बेटी की जान बचाने को उसने अदालत में गुहार लगा कर गर्भपात कराये जाने की मांग की. अदालत से 15 अक्टूबर को आदेश देकर सीएमओ / सीएमएस को मेडिकल बोर्ड गठित कर गर्भ हटाने का आदेश दिया. लेकिन डाक्टरों ने बेटी का गर्भ नहीं हटाया. बाद में 12 नवम्बर को अदालत ने आदेश दिया कि डॉक्टरों की टीम की देखरेख में पीड़िता को रखा जाए और उसकी जान माल की सुरक्षा को देखते हुए आगे का निर्णय डॉक्टर की टीम करे कि उसका गर्भपात होना है या डिलीवरी करवानी है. जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया था, अब उसकी बेटी ने एक बच्चे को जन्म दिया है.'

पीड़िता के पिता को समझाने की कोशिश जारीः सीएमएस डॉ. दीपक सेठ ने बताया कि अदालत के आदेश पर पीड़ित का सामान्य प्रसव कराया गया है. जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. बच्चे को आईसीयू में सुरक्षा कारणों से रखा गया है. पीड़ित बच्ची के पिता को बच्चे की सुपुर्दगी देने की कोशिश की गई लेकिन वह किसी भी हालत में बच्चे के लेना छोड़िये देखने को तैयार नहीं है. समझने की कोशिश के साथ उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया है.

अगस्त 2022 में आरोपी को पुलिस ने भेजा जेलः बता दें कि थाना क्षेत्र के शिव मूरत ने ही गांव की 13 वर्षीय किशोरी से रेप की घटना को अंजाम दिया था. दुष्कर्म का राज किसी के सामने खुल न जाय इसके लिए आरोपी ने पीड़ित के पिता को हत्या का डर दिखा कर उसे चुप रहने पर मजबूर कर दिया था. लेकिन दुष्कर्म राज पीड़ित के गर्भ ठहरने पर सबके सामने आ गया. पीड़ित परिवार ने डाक्टरी रिपोर्ट जैसे पुख्ता दस्तावेज थाना पुलिस को देकर केस दर्ज करने की मांग की. पीड़िता के पिता के मुताबिक चरवा के तत्कालीन इंचार्ज ने उन्हें और उनकी बेटी को बुरा-भला कह कर थाने से भगा दिया. बाद में एसपी के निर्देश पर अगस्त 2022 में केस दर्ज कर शिव मूरत को पुलिस ने जेल भेज दिया.

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