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कासगंज: ANM सेंटर में ग्रामीणों ने भरा भूसा - disease of health facilities in Kasganj

बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. दूसरी तरफ लापरवाह अफसर स्वास्थ्य योजनाओं को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. कासगंज में पटियाली ब्लाक के ग्राम मिलक इलाही में महिलाओं के लिए एएनएम सेंटर बनाया गया था, जिसमें ग्रमीणों ने भूसा भर दिया है.

एएनएम सेंटर की बदहाली की जानकारी देती स्थानीय महिला..
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Published : Jul 20, 2019, 7:14 PM IST

कासगंज: प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. नई-नई योजनाएं लागू की जा रही हैं. वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कारगुजारियों के चलते ये सभी योजनाएं लापरवाही की भेंट चढ़ रही हैं. ताजा मामला जिले के ग्राम मिलक इलाही का है, जहां वर्षों से बंद पड़े उप स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीणों ने भूसा भरा हुआ है.

जानकारी देते संवाददाता.

भूसा भरने के लिए बना ANM सेंटर

  • पटियाली ब्लाक के ग्राम मिलक इलाही में महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था.
  • अस्पताल बनने के तीन वर्ष बाद भी यहां स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं शुरू हो पाई हैं.
  • ईटीवी भारत ने जब मौके पर जाकर इस स्वास्थ्य केंद्र की पड़ताल की तो पाया कि उप स्वास्थ्य केंद्र के कमरों में भूसा भरा हुआ था.
  • यहां पर बकायदा एएनएम की नियुक्ति है, लेकिन बेपरवाह एएनएम साहिबा यहां पर बैठने में अपनी तौहीन महसूस करती हैं.

महिलाओं ने कहीं ये बातें-

  • ग्राम मिलक इलाही की ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि जब से यह अस्पताल बना है तब से खुला ही नहीं. यहां कभी भी एएनएम बैठने नहीं आईं.
  • जब हमारी तबियत खराब होती है या प्रसव के लिए जाना होता है तो हमें 30-35 किलोमीटर दूर पटियाली या 25 किलोमीटर दूर कायमगंज जनपद फर्रुखाबाद जाना पड़ता है.

अब सवाल यह उठता है कि यह बेपरवाह अधिकारी अपने एसी लगे बंद कमरों से निकलना मुनासिब नहीं समझते. आखिर कोई अस्पताल तीन वर्षों से बंद पड़ा है और इसकी खबर उच्चाधिकारियों को क्यों नहीं हुई. आखिर इतने वर्षों में कोई अधिकारी यहां पर निरीक्षण करने क्यों नहीं पहुंचा. क्या इसी तरीके से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण अंचलों तक पहुंच पाएंगी?

कासगंज: प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. नई-नई योजनाएं लागू की जा रही हैं. वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कारगुजारियों के चलते ये सभी योजनाएं लापरवाही की भेंट चढ़ रही हैं. ताजा मामला जिले के ग्राम मिलक इलाही का है, जहां वर्षों से बंद पड़े उप स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीणों ने भूसा भरा हुआ है.

जानकारी देते संवाददाता.

भूसा भरने के लिए बना ANM सेंटर

  • पटियाली ब्लाक के ग्राम मिलक इलाही में महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था.
  • अस्पताल बनने के तीन वर्ष बाद भी यहां स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं शुरू हो पाई हैं.
  • ईटीवी भारत ने जब मौके पर जाकर इस स्वास्थ्य केंद्र की पड़ताल की तो पाया कि उप स्वास्थ्य केंद्र के कमरों में भूसा भरा हुआ था.
  • यहां पर बकायदा एएनएम की नियुक्ति है, लेकिन बेपरवाह एएनएम साहिबा यहां पर बैठने में अपनी तौहीन महसूस करती हैं.

महिलाओं ने कहीं ये बातें-

  • ग्राम मिलक इलाही की ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि जब से यह अस्पताल बना है तब से खुला ही नहीं. यहां कभी भी एएनएम बैठने नहीं आईं.
  • जब हमारी तबियत खराब होती है या प्रसव के लिए जाना होता है तो हमें 30-35 किलोमीटर दूर पटियाली या 25 किलोमीटर दूर कायमगंज जनपद फर्रुखाबाद जाना पड़ता है.

अब सवाल यह उठता है कि यह बेपरवाह अधिकारी अपने एसी लगे बंद कमरों से निकलना मुनासिब नहीं समझते. आखिर कोई अस्पताल तीन वर्षों से बंद पड़ा है और इसकी खबर उच्चाधिकारियों को क्यों नहीं हुई. आखिर इतने वर्षों में कोई अधिकारी यहां पर निरीक्षण करने क्यों नहीं पहुंचा. क्या इसी तरीके से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण अंचलों तक पहुंच पाएंगी?

Intro:प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है ।नई नई योजनाएं लागू की जा रही हैं ।वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के बेपरवाह अधिकारियों की कारगुजारियों के चलते ये सभी योजनाएं लापरवाही की भेंट चढ़ रहीं है।ताज़ा मामला जनपद कासगंज के ग्राम मिलक इलाही का है जहां वर्षों से बंद पड़े उप स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम बैठनी चाहिए थी वहां भूसा भरा हुआ है।


Body:वीओ-1- कासगंज जनपद की पटियाली ब्लाक के ग्राम मिलक इलाही में महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से इस उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था लेकिन किसे पता था कि अस्पताल बनने के 3 वर्ष बाद भी यहां स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं शुरू हो पाएंगी। ईटीवी भारत ने जब मौके पर जाकर इस स्वास्थ्य केंद्र की पड़ताल की तो पाया के उप स्वास्थ्य केंद्र के कमरों में भूसा भरा हुआ था। बता दे कि यहां पर बकायदा एएनएम की नियुक्ति है। लेकिन बेपरवाह एएनएम साहिबा यहां पर बैठने में अपनी तौहीन महसूस करती हैं।

वीओ-2- ग्राम मिलक इलाही ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि जब से यह अस्पताल बना है तब से खुला ही नहीं कभी भी एएनएम बैठने नहीं आई जब हमारी तबीयत खराब होती है या प्रसव काल में हमें 30 35 किलोमीटर दूर पटियाली या 25 किलोमीटर दूर कायमगंज जनपद फर्रुखाबाद जाना पड़ता है। जब कभी रात में तबीयत खराब होती है तो और ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।


Conclusion:अब सवाल यह उठता है कि यह बेपरवाह अधिकारी अपने ऐसी लगे बंद कमरों से निकलना मुनासिब नहीं समझते। आखिर कोई अस्पताल 3 वर्ष से बंद पड़ा है इसकी खबर उच्चाधिकारियों को क्यों नहीं हुई।आख़िर इतने वर्षों में कोई अधिकारी यहां तक निरीक्षण करने क्यों नहीं पहुंचा।क्या इसी तरीके से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण अंचलों तक पहुंच पाएंगीं।ये सब बड़े सवाल हैं जिनके जवाब ढूंढने ज़रूरी हैं।
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