कासगंज: यूपी के कासगंज में सिपाही हत्याकांड के मुख्य आरोपी मोती के गांव नगला धीमर में उसके नाम का आतंक इस कदर है कि मोती का नाम सुनकर लोग कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि मोती जाति का धीमर नहीं बल्कि लोधे है.
मोती की जाति धीमर नहीं
ईटीवी भारत की टीम सिपाही हत्याकांड के मुख्य आरोपी मोती के गांव कासगंज की सिढ़पुरा कोतवाली क्षेत्र के नगला धीमर पहुंची और लोगों से मोती के बारे में बात करनी चाही, लेकिन मोती के आतंक के चलते कोई भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था. हालांकि एक बुजुर्ग ने अपना बिना नाम बताए कहा कि मोती धीमर जाति का नहीं है बल्कि लोधे जाति से है. मीडिया में उसकी जाति गलत चलाई जा रही है.
मोती पर 1 दर्जन मुकदमे
वहीं कैमरे के पीछे लोगों ने बताया कि यहां कच्ची शराब का कारोबार लगभग 10 वर्षों से चल रहा है और पुलिस की जानकारी में है. जब कि मोती हिस्ट्रीशीटर भी है और उस पर लगभग 1 दर्जन मुकदमे दर्ज है. इसके बावजूद मोती बेखौफ हो कर कच्ची शराब का कारोबार कर रहा था. ग्रामीणों ने बताया कि मोती के पास कोई खेती बाड़ी नहीं है. वह और उसका भाई कच्ची शराब की भट्टियां चलाते हैं और कारोबार करते हैं.
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