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पंचायत सचिवों पर भ्रष्टाचार का आरोप, प्रधान बोले- विकास कार्यों में मांगी जाती है 40% कमीशन

कासगंज में ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने मोर्चा खोल दिया. प्रधानों का आरोप है कि ग्राम पंचायत सचिव विकास कार्यों में 40% कमीशन की मांग करते हैं.

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ग्राम प्रधान संघ के ब्लॉक गंजडुंडवारा
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Published : Sep 26, 2022, 10:09 PM IST

कासगंज: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) भले ही भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति (zero tolerance policy) अपना रहे हो. लेकिन इसके बावजूद लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे है. कुछ ऐसा ही मामला कासगंज से सामने आया है. यहां 350 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने ग्राम पंचायत सचिवों पर विकास कार्यों में 40% कमीशन मांगने का आरोप लगाया है. साथ ही अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

पंचायत सचिवों पर भ्रष्टाचार का आरोप

ग्राम प्रधान संघ (village head union) के जिला महामंत्री शिवकुमार हमदर्द ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिव कार्यों का भुगतान करते समय मोटी रकम मांगते हैं, जिन ग्राम प्रधानों ने पूर्व में अग्रिम कार्य करवा लिया है. उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है, क्योंकि डोंगल जिससे भुगतान किया जाता है वह ग्राम पंचायत सचिवों के पास ही होता है. ग्राम प्रधान मजबूर बना हुआ है.

यह भी पढ़ें- दीपावली में अवकाश नहीं ले सकेंगे पुलिसकर्मी, 31 अक्टूबर तक DGP ने कैंसिल की छुट्टियां

ग्राम प्रधान संघ के ब्लॉक गंजडुंडवारा के अध्यक्ष प्रतिनिधि ओम कुमार वैश्य ने कहा कि डेढ़ साल का हमारा कार्यकाल हो गया है. लेकिन अब जो नए सचिव आए हैं. वह 40 प्रतिशत तक कमीशन मांग रहे हैं. जब इतना कमीशन दे दिया जाएगा तो विकास कार्य गुणवत्तापूर्ण कैसे होगा. उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर कमीशन नहीं दे पाएंगे. ग्राम पंचायत म्याऊ के ग्राम प्रधान शोएब खान ने कहा विगत दो माह से जो जो नए सचिव आये हैं. प्रथम तो यह पंचायत में आते नहीं हैं और विकास कार्य कराने के लिए बड़ा कमीशन मांग रहे हैं.

ग्राम पंचायत भुजपुरा के ग्राम प्रधान गिरीश चंद ने बताया कि जो विकास कार्य हम ग्राम प्रधान अपने स्तर से कराते हैं. उसमें ग्राम पंचायत सचिव अनर्गल हस्तक्षेप करते हैं. भुगतान करने में दिक्कत करते हैं और उसके एवज में कमीशन मांगते हैं. इसके अलावा ग्राम पंचायत सचिव रोजगार सेवक, महिला मेट, पंचायत मित्रों से पंचायत में बिना ग्राम प्रधान की देखरेख में कार्य करा देते हैं. ग्राम प्रधानों को पता ही नहीं चलता कि कब उनकी आईडी बन गई कब फर्म फीड हो गई और कब कार्यों का भुगतान हो गया.

यह भी पढ़ें- सावधान यात्रा के रथ पर सवार होकर बिहार जीतने निकले सुभासपा चीफ ओपी राजभर

ग्राम प्रधान संघ के जिला महामंत्री शिवकुमार हमदर्द ने बताया कि इस मामले में जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखे जा चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता तो वह समस्त ग्राम प्रधान जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे. जबकि जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कहा है कि मामले की जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी पाया जाता है उस पर सख्त कार्यवाई की जाएगी.



कासगंज: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) भले ही भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति (zero tolerance policy) अपना रहे हो. लेकिन इसके बावजूद लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे है. कुछ ऐसा ही मामला कासगंज से सामने आया है. यहां 350 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने ग्राम पंचायत सचिवों पर विकास कार्यों में 40% कमीशन मांगने का आरोप लगाया है. साथ ही अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

पंचायत सचिवों पर भ्रष्टाचार का आरोप

ग्राम प्रधान संघ (village head union) के जिला महामंत्री शिवकुमार हमदर्द ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिव कार्यों का भुगतान करते समय मोटी रकम मांगते हैं, जिन ग्राम प्रधानों ने पूर्व में अग्रिम कार्य करवा लिया है. उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है, क्योंकि डोंगल जिससे भुगतान किया जाता है वह ग्राम पंचायत सचिवों के पास ही होता है. ग्राम प्रधान मजबूर बना हुआ है.

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ग्राम प्रधान संघ के ब्लॉक गंजडुंडवारा के अध्यक्ष प्रतिनिधि ओम कुमार वैश्य ने कहा कि डेढ़ साल का हमारा कार्यकाल हो गया है. लेकिन अब जो नए सचिव आए हैं. वह 40 प्रतिशत तक कमीशन मांग रहे हैं. जब इतना कमीशन दे दिया जाएगा तो विकास कार्य गुणवत्तापूर्ण कैसे होगा. उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर कमीशन नहीं दे पाएंगे. ग्राम पंचायत म्याऊ के ग्राम प्रधान शोएब खान ने कहा विगत दो माह से जो जो नए सचिव आये हैं. प्रथम तो यह पंचायत में आते नहीं हैं और विकास कार्य कराने के लिए बड़ा कमीशन मांग रहे हैं.

ग्राम पंचायत भुजपुरा के ग्राम प्रधान गिरीश चंद ने बताया कि जो विकास कार्य हम ग्राम प्रधान अपने स्तर से कराते हैं. उसमें ग्राम पंचायत सचिव अनर्गल हस्तक्षेप करते हैं. भुगतान करने में दिक्कत करते हैं और उसके एवज में कमीशन मांगते हैं. इसके अलावा ग्राम पंचायत सचिव रोजगार सेवक, महिला मेट, पंचायत मित्रों से पंचायत में बिना ग्राम प्रधान की देखरेख में कार्य करा देते हैं. ग्राम प्रधानों को पता ही नहीं चलता कि कब उनकी आईडी बन गई कब फर्म फीड हो गई और कब कार्यों का भुगतान हो गया.

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ग्राम प्रधान संघ के जिला महामंत्री शिवकुमार हमदर्द ने बताया कि इस मामले में जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखे जा चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता तो वह समस्त ग्राम प्रधान जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे. जबकि जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कहा है कि मामले की जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी पाया जाता है उस पर सख्त कार्यवाई की जाएगी.



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