कासगंज: 2022 विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. आदर्श आचार संहिता लागू है. नेता दल बदलने में लगे हैं. घाटा मुनाफा देख राजनीतिक पार्टियों टिकट बांट रही हैं. ऐसे में जनता किसको सत्ता में बैठाएगी यह जानने को निकली ईटीवी भारत की टीम ने एटा लोकसभा व कासगंज के क्षेत्रीय सांसद राजवीर सिंह राजू भैया के गोद लिए गांव औरंगाबाद पहुंची और वहां के लोगों से उनकी सियासी राय जानी. राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया एटा लोकसभा से 2014 में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते थे. राजू भैया उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे हैं. सांसद बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर राजवीर सिंह ने कासगंज की पटियाली विधानसभा के गांव औरंगाबाद को गोद लिया था. आज ठाकुर बाहुल्य इस गांव में ईटीवी भारत ने पहुंचकर चुनावी चौपाल के जरिए यहां के लोगों की राय जानने की कोशिश की.
यहां के ग्रामीणों से बात करने पर जो बात निकल कर आई वो यह कि यहां के लोग सपा शासनकाल में ज्यादा परेशान रहे. यहां पर ज्यादातर लोग पशुपालक हैं. जिनका कहना है कि सपा शासनकाल में दिन दहाड़े उनके पशु चोरी हो जाते थे. पशु तस्कर गोलियां चलाते थे. यहां लोगों का जीना तक दुश्वार हो गया था.
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अखिलेश यादव की फ्री बिजली देने की घोषणा के जवाब में ग्रामीणों ने जिलों के नाम गिनाते हुए कहा कि अखिलेश यादव के राज में कुछ जिलों में ही बिजली थी. बाकी लोग तो अंधेरे में ही रहते थे. ग्रामीणों ने कहा कि जब से भाजपा आई है, गुंडागर्दी समाप्त हो गई है. पशु चोरी बंद हो गई है. वहीं, कई लोग योगी सरकार के शासनकाल में फ्री मिल रहे राशन से भी राहत की सांस लेते नजर आए.
वहीं, एक ग्रामीण ने तो गाना गाकर अपनी मंशा जताई कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे. औरंगाबाद की महिलाएं भी योगी सरकार के कामकाज से संतुष्ट नजर आई और 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा को ही वोट देने की बात कहती दिखी.
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