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कासगंज: सहावर में बंद मिला रैन बसेरा, अपर जिलाधिकारी ने कहा- होगी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के कासगंज स्थित सहावर में रैन बसेरा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती की जा रही है. वहां के जरूरतमंद लोगों को रैन बसेरा के बारे में कोई जानकारी तक नहीं है, जिसके चलते वे पेड़ के नीचे सो रहे हैं.

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रैन बसेरा के बारे में किसी को कुछ पता ही नहीं है.
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Published : Dec 19, 2019, 1:17 PM IST

कासगंज: ठंड से गरीब बेसहारा लोगों को निजात देने के लिए प्रशासन ने जनपद भर में रैन बसेरा बनाने के निर्देश समस्त नगर पालिका एवं नगर पंचायतों को दिए हैं. नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में रैन बसेरा बनाए हैं. जिले के सहावर में रैन बसेरा का रियलिटी टेस्ट किया गया, जिसमें सहावर नगर पंचायत फेल होती नजर आई है. जहां पर रैन बसेरा में ताला बंद हुआ था.

रैन बसेरा के बारे में किसी को कुछ पता ही नहीं है.

कहां है रैन बसेरा, हमें नहीं पता
जनपद के सहावर रेलवे स्टेशन से रैन बसेरा की पड़ताल की शुरुआत की तो पाया कि पेड़ के नीचे एक दंपति रह रहे हैं. रैन बसेरा के बारे में दंपति से पूछा गया तो उन्होंने रैन बसेरा के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि अगर रैन बसेरा का हमें पता होता तो हम पेड़ के नीचे क्यों रहते.

रैन बसेर में लगा था ताला
नगर में घूम-घूम कर कई और लोगों से रैन बसेरा के बारे में जानकारी की लेकिन कोई नहीं बता सका कि रैन बसेरा सहावर में कहां पर है. आखिर में काफी तलाश करने के बाद रैन बसेरा मिल ही गया. रैन बसेरा एक बड़ी सी बिल्डिंग के अंदर था. उस बिल्डिंग के बड़े से मुख्य दरवाजे पर अंदर से ताला लगा हुआ था. चौकीदार से ताला खुलवाया और अंदर देखा की रैन बसेरा दुकान नुमा जगह में बनाया गया था. वहीं रेन बसेरा के आगे एक बैनर लगा हुआ था और जिस दुकान में रैन बसेरा था उसका शटर बंद था.

रैन बसेरा में पसरा सन्नाटा
इस बारे में अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत सहावर से बात की गई तो उन्होंने बहाना बनाते हुए कहा कि जो केयर टेकर है वह खाना खाने गया हुआ है. सबसे बड़ी बात यह है कि रैन बसेरा ऐसी जगह पर बनाया गया है. जहां कोई चाह कर भी रात में नहीं जा सकता. जब रैन बसेरा के केयर टेकर को बुलाकर रैन बसेरा का शटर खुलवाया गया तो एक और लापरवाही नगर पंचायत की सामने आई. उस रैन बसेरा के अंदर अंधेरा था. वहां लाइट का कोई प्रबंध नहीं था और न ही गरीबों के हाथ सेकने के लिए वहां कोई साधन था और न ही रैन बसेरा में कोई जरूरत मंद ठहरा हुआ था. कुल मिलाकर रैन बसेरा के व्यवस्थाओं की सहावर में पोल खुलती नजर आई और सहावर नगर पंचायत रैन बसेरा की बेहतर सेवा देने में फेल साबित हुई.

सर्वप्रथम जो लापरवाह कर्मचारी हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. रैन बसेरा को ऐसी जगह पर बनाया जाएगा जहां आम जन और जरूरतमंद आसानी से पहुंच सकें. जिस कार्य के लिए रैन बसेरा बनाए जा रहे हैं वह कार्य हमारा सार्थक हो.
-योगेंद्र कुमार -अपर जिलाधिकारी

कासगंज: ठंड से गरीब बेसहारा लोगों को निजात देने के लिए प्रशासन ने जनपद भर में रैन बसेरा बनाने के निर्देश समस्त नगर पालिका एवं नगर पंचायतों को दिए हैं. नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में रैन बसेरा बनाए हैं. जिले के सहावर में रैन बसेरा का रियलिटी टेस्ट किया गया, जिसमें सहावर नगर पंचायत फेल होती नजर आई है. जहां पर रैन बसेरा में ताला बंद हुआ था.

रैन बसेरा के बारे में किसी को कुछ पता ही नहीं है.

कहां है रैन बसेरा, हमें नहीं पता
जनपद के सहावर रेलवे स्टेशन से रैन बसेरा की पड़ताल की शुरुआत की तो पाया कि पेड़ के नीचे एक दंपति रह रहे हैं. रैन बसेरा के बारे में दंपति से पूछा गया तो उन्होंने रैन बसेरा के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि अगर रैन बसेरा का हमें पता होता तो हम पेड़ के नीचे क्यों रहते.

रैन बसेर में लगा था ताला
नगर में घूम-घूम कर कई और लोगों से रैन बसेरा के बारे में जानकारी की लेकिन कोई नहीं बता सका कि रैन बसेरा सहावर में कहां पर है. आखिर में काफी तलाश करने के बाद रैन बसेरा मिल ही गया. रैन बसेरा एक बड़ी सी बिल्डिंग के अंदर था. उस बिल्डिंग के बड़े से मुख्य दरवाजे पर अंदर से ताला लगा हुआ था. चौकीदार से ताला खुलवाया और अंदर देखा की रैन बसेरा दुकान नुमा जगह में बनाया गया था. वहीं रेन बसेरा के आगे एक बैनर लगा हुआ था और जिस दुकान में रैन बसेरा था उसका शटर बंद था.

रैन बसेरा में पसरा सन्नाटा
इस बारे में अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत सहावर से बात की गई तो उन्होंने बहाना बनाते हुए कहा कि जो केयर टेकर है वह खाना खाने गया हुआ है. सबसे बड़ी बात यह है कि रैन बसेरा ऐसी जगह पर बनाया गया है. जहां कोई चाह कर भी रात में नहीं जा सकता. जब रैन बसेरा के केयर टेकर को बुलाकर रैन बसेरा का शटर खुलवाया गया तो एक और लापरवाही नगर पंचायत की सामने आई. उस रैन बसेरा के अंदर अंधेरा था. वहां लाइट का कोई प्रबंध नहीं था और न ही गरीबों के हाथ सेकने के लिए वहां कोई साधन था और न ही रैन बसेरा में कोई जरूरत मंद ठहरा हुआ था. कुल मिलाकर रैन बसेरा के व्यवस्थाओं की सहावर में पोल खुलती नजर आई और सहावर नगर पंचायत रैन बसेरा की बेहतर सेवा देने में फेल साबित हुई.

सर्वप्रथम जो लापरवाह कर्मचारी हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. रैन बसेरा को ऐसी जगह पर बनाया जाएगा जहां आम जन और जरूरतमंद आसानी से पहुंच सकें. जिस कार्य के लिए रैन बसेरा बनाए जा रहे हैं वह कार्य हमारा सार्थक हो.
-योगेंद्र कुमार -अपर जिलाधिकारी

Intro:हाड़ कंपाती ठंड से ग़रीब बेसहारा लोगों को निजात देने के लिए प्रशासन ने जनपद भर में रेन बसेरा बनाने के निर्देश समस्त नगर पालिका एवं नगर पंचायतों को दिए हैं। जिसके चलते नगर पंचायतों में नगर पालिकाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में रैन बसेरा बनाए हैं। आज रात्रि ईटीवी भारत ने कासगंज के सहावर में रैन बसेरा का रियलिटी टेस्ट किया जिसमें सहावर नगर पंचायत फेल होती नजर आई। यहां रैन बसेरा ताला बंद मिला।


Body:वीओ-1- ईटीवी भारत ने कासगंज जनपद के सहावर रेलवे स्टेशन से रेन बसेरा की पड़ताल की शुरुआत की तो पाया खुले आसमान में पेड़ के नीचे एक दंपति रह रहे हैं। उन दंपति वहां रहने का कारण और रैन बसेरा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने रेन बसेरा के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि अगर रैन बसेरा का हमें पता होता तो हम पेड़ के नीचे खुले आसमान में क्यों रहते।
वहीं हमने नगर में घूम घूम कर कई और लोगों से रैन बसेरा के बारे में जानकारी की लेकिन कोई नहीं बता सका कि रैन बसेरा सहावर में कहां पर है। आखिर में काफी तलाश करने के बाद रेन बसेरा मिल ही गया। रैन बसेरा एक बड़ी सी बिल्डिंग के अंदर था उस बिल्डिंग के बड़े से मुख्य दरवाजे पर अंदर से ताला लगा हुआ था। बमुश्किल चौकीदार से हमने में ताला खुलवाया और अंदर गए तो देखा की रेन बसेरा दुकान नुमा जगह में बनाया गया था।वहीं रेन बसेरा के आगे एक बैनर लगा हुआ था और जिस दुकान में रैन बसेरा था उसका शटर बंद था इस बारे में अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत सहावर से बात की गई तो उन्होंने बहाना बनाते हुए कहा कि जो केयरटेकर है वह खाना खाने गया हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि रैन बसेरा ऐसी जगह पर बनाया गया है जहां कोई चाह कर भी रात में नहीं जा सकता। जब रेन बसेरा के केयरटेकर को बुलाकर रैन बसेरा का शटर खुलवाया गया तो एक और लापरवाही नगर पंचायत की सामने आई। उस रेन बसेरा के अंदर अंधेरा था वहा लाइट का कोई प्रबंध नहीं था और ना ही गरीबों के हाथ सेकने के लिए वहां कोई साधन था और ना ही रेन बसेरा में कोई जरूरत मंद ठहरा हुआ था। कुल मिलाकर रेन बसेरा के व्यवस्थाओं की सहावर में पोल खुलती नजर आई और सहावर नगर पंचायत रेन बसेरा की बेहतर सेवा देने में फेल साबित हुई।

वीओ-2- वहीं इस पूरे मामले पर अपर जिलाधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया ईटीवी भारत के माध्यम से मामला हमारे संज्ञान में आया है सर्वप्रथम जो लापरवाह कर्मचारी हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और रैन बसेरा को ऐसी जगह पर बनाया जाएगा जहां आम जन और जरूरतमंद आसानी से पहुंच सकें और जिस कार्य के लिए रैन बसेरा बनाए जा रहे हैं वह कार्य हमारा सार्थक हो।

बाईट-1-गरीब दंपति
बाईट-2-स्थानीय निवासी

रेन बसेरा प्रांगण का गेट खुलवाते हुए चौकीदार से बातचीत का विजुअल

रेन बसेरा के अंदर लाइट ना होने के चलते कर्मचारी से बातचीत का विजुअल

बाईट- 3-योगेंद्र कुमार -अपर जिलाधिकारी कासगंज

पीटीसी-प्रशांत शर्मा


Conclusion:
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