कासगंजः उत्तर प्रदेश के जनपद कासगंज में देर रात एक निजी अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया, जब फिल्मी स्टाइल में आए फर्जी डॉक्टर और रिश्तेदारों ने एक मरीज को जहरीला इंजेक्शन देने की कोशिश की. मेडिकल स्टाफ की तत्परता से दो लोगों को दबोच लिया गया तो वहीं बाकी तीन लोग भागने में सफल रहे.
पकड़े गए दोनों लोगों की जेब से पुलिस ने जहरीले इंजेक्शन भी बरामद किये हैं. वहीं हॉस्पिटल संचालक की तरफ से पांच नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.
फिल्मी स्टाइल में पहुंचे आरोपी
कासगंज जनपद में एक निजी अस्पताल में भर्ती एक मरीज के रिश्तेदार बनकर आये फर्जी चिकित्सक ने आईसीयू वार्ड में घुसकर मरीज को जहरीला इंजेक्शन लगाकर जान से मारने का प्रयास किया. दरअसल, पूरा मामला कासगंज जनपद के कृष्णा हॉस्पिटल का है, जहां मध्यरात्रि पांच युवक कार संख्या डीएल ओटीसी 0020 में सवार होकर अस्पताल पहुंचे. जिनमें से दो युवक सीधे आईसीयू वार्ड में पहुंच गए और विजेन्द्र नाम के मरीज की फाइल में मेडिसन चार्ट पर एनाबिन इंजेक्शन पांच एमएल, 9.30 बजे लिखकर चढ़ा दिया. साथ ही स्वयं मरीज को भी वह इंजेक्शन लगाने लगे.
इतने में मेडिकल स्टाफ और मरीज के तीमरदारों ने उन्हें रोका तो दोनों लोग गाली गलौज करने लगे. जिसके बाद दोनों को तीमरदार और हॉस्पिटल स्टाफ ने दबोच कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया. साथ ही उनकी जब तलाशी ली गई तो उनके पास से चार और इंजेक्शन भी पुलिस ने बरामद किये. बताया जा रहा है कि इंजेक्शन लगने से मरीज की मौत हो सकती थी.
पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
मरीज के दामाद प्रवीन ने बताया कि हथौड़ावन थाना पटियाली निवासी उसके ससुर विजेन्द्र सिंह 16 जुलाई को छत से गिर गए थे. गंभीर हालत होने के कारण उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां आईसीयू में उपचार चल रहा था. इसी बीच रिश्तेदार बनकर मौत का इंजेक्शन लगाने आये दो लोगों को पकड़ा गया है. गिरफ्त में आये युवकों में से एक ने अपना नाम प्रमोद और दूसरा आमांपुर निवासी तथाकथित डॉ. शांतनु चौधरी है. जबकि हरिओम चौधरी और अरूण कुमार उर्फ रवि सहित एक अन्य व्यक्ति मौके से फरार हो गए. अस्पताल संचालक की तरफ से पांच नामजद लोगों के खिलाफ कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.