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कासगंज हिरासत में मौत के मामले पर गरमाई सियासत, प्रियंका बोली- रक्षक बने भक्षक

यूपी के कासगंज में पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस प्रशासन ने पूरे प्रकरण में लापरवाही बरतने पर सदर कोतवाल सहित पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए एक बयान जारी किया था, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में इस मौत पर सवाल खड़े होने लगे. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामला बेहद संदेहास्पद बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है तो वहीं बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है.

कासगंज हिरासत में मौत के मामले पर गरमाई सियासत
कासगंज हिरासत में मौत के मामले पर गरमाई सियासत
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Published : Nov 11, 2021, 10:21 AM IST

Updated : Nov 11, 2021, 10:26 AM IST

लखनऊ: यूपी के कासगंज में पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. घटना के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामला बेहद संदेहास्पद बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है, तो वहीं बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है.

कासगंज की सदर कोतवाली में पुलिस हिरासत में अल्ताफ की मौत के बाद सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा है, साथ ही उन्होंने पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए ट्विट करते हुए लिखा है कि 'कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है. लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है. इस मामले में इंसाफ व भाजपा के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जाँच होनी ही चाहिए.'

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ट्विट
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ट्विट

वहीं इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी ट्विट करते हुए लिखा है कि 'कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक भक्षक बन चुके हैं. उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है. भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है. यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है.'

प्रियंका गांधी ने भी ट्विट किया
प्रियंका गांधी ने भी ट्विट किया

बीएसपी प्रमुख मायावती ने ट्विट करते हुए लिखा है कि 'कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति-दुखद व शर्मनाक. सरकार घटना की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषियों को सख़्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद भी करे. यूपी सरकार आएदिन कस्टडी में मौत रोकने व पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है यह अति-चिन्ता की बात.'

बीएसपी प्रमुख मायावती का ट्विट
बीएसपी प्रमुख मायावती का ट्विट

पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि कासगंज की सदर कोतवाली में नाबालिग लड़की भगाने के मामले में पुलिस द्वारा नामजद अभियुक्त अल्ताफ (22) निवासी अहरोली को पूछताछ के लिए लाया गया था. युवक द्वारा मौजूद पुलिस कर्मचारी को बाथरूम ले जाने के लिए कहा. इसके बाद पुलिस कर्मचारी ने अल्ताफ को हवालात के बाथरूम में ले जाया गया.
जब काफी समय तक युवक बाथरूम से बाहर नहीं आया तो पुलिस कर्मचारी ने अंदर जाकर देखा तो चौंक गया.

पुलिस कर्मचारी के अनुसार जब उसने अंदर देखा कि अल्ताफ ने अपने जैकेट में लगी डोरी को पाइप में बांधकर अपना गला कस लिया गया था. पुलिसकर्मी ने पास में जाकर देखा तो युवक की सांस चल रही थी. इसके बाद आनन-फानन में पुलिस कर्मियों ने युवक के गले से डोरी खोल कर अशोक नगर स्थित अस्पताल ले जाया गया. यहां उपचार के दौरान डॉक्टरों ने अल्ताफ को मृत घोषित कर दिया था. इस मामले में 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.

लखनऊ: यूपी के कासगंज में पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. घटना के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामला बेहद संदेहास्पद बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है, तो वहीं बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है.

कासगंज की सदर कोतवाली में पुलिस हिरासत में अल्ताफ की मौत के बाद सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा है, साथ ही उन्होंने पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए ट्विट करते हुए लिखा है कि 'कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है. लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है. इस मामले में इंसाफ व भाजपा के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जाँच होनी ही चाहिए.'

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ट्विट
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ट्विट

वहीं इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी ट्विट करते हुए लिखा है कि 'कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक भक्षक बन चुके हैं. उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है. भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है. यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है.'

प्रियंका गांधी ने भी ट्विट किया
प्रियंका गांधी ने भी ट्विट किया

बीएसपी प्रमुख मायावती ने ट्विट करते हुए लिखा है कि 'कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति-दुखद व शर्मनाक. सरकार घटना की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषियों को सख़्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद भी करे. यूपी सरकार आएदिन कस्टडी में मौत रोकने व पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है यह अति-चिन्ता की बात.'

बीएसपी प्रमुख मायावती का ट्विट
बीएसपी प्रमुख मायावती का ट्विट

पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि कासगंज की सदर कोतवाली में नाबालिग लड़की भगाने के मामले में पुलिस द्वारा नामजद अभियुक्त अल्ताफ (22) निवासी अहरोली को पूछताछ के लिए लाया गया था. युवक द्वारा मौजूद पुलिस कर्मचारी को बाथरूम ले जाने के लिए कहा. इसके बाद पुलिस कर्मचारी ने अल्ताफ को हवालात के बाथरूम में ले जाया गया.
जब काफी समय तक युवक बाथरूम से बाहर नहीं आया तो पुलिस कर्मचारी ने अंदर जाकर देखा तो चौंक गया.

पुलिस कर्मचारी के अनुसार जब उसने अंदर देखा कि अल्ताफ ने अपने जैकेट में लगी डोरी को पाइप में बांधकर अपना गला कस लिया गया था. पुलिसकर्मी ने पास में जाकर देखा तो युवक की सांस चल रही थी. इसके बाद आनन-फानन में पुलिस कर्मियों ने युवक के गले से डोरी खोल कर अशोक नगर स्थित अस्पताल ले जाया गया. यहां उपचार के दौरान डॉक्टरों ने अल्ताफ को मृत घोषित कर दिया था. इस मामले में 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.

Last Updated : Nov 11, 2021, 10:26 AM IST
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