कासगंज : जनपद की स्वास्थ्य सेवाएं किस क़दर लचर हैं. इसका जीता जागता उदाहरण जिले के एक एएनएम सेंटर पर देखने को मिला जहां कमरों में दवाओं और स्वास्थ्य उपकरणों की जगह ग्रामीणों का तंबाकू, आलू और अन्य सामान भरा पड़ा है.
ग्रामीणों ने बताया कि इस एएनएम सेंटर को स्वास्थ्यकर्मियों ने किराए पर उठाया दिया है. एएनएम यहां कभी नहीं बैठतीं हैं. इससे ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रहीं हैं. ईटीवी भारत ने इस उप स्वास्थ्य केंद्र का रियलिटी चेक किया तो स्वाथ्य केंद्र का नज़ारा चौकाने वाला था.
कासगंज ज़िले के पटियाली ब्लॉक के ग्राम अलैयापुर (मिलक इलाही) के एएनएम सेंटर को बने वर्षों हो गए लेकिन इस एएनएम सेंटर पर कभी एएनएम कभी नहीं बैठीं. इससे स्थानीय प्रसूताओं व अन्य मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है.
न ही इस उप स्वास्थ्य केंद्र पर दवाइयां हैं और न ही कोई स्वास्थ्य उपकरण. स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग भी जर्जर हो गयी है. परिसर के अंदर बड़ी-बड़ी घास उगी है. कमरों के दरवाजे उखड़ गए हैं.
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रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर शिव नारायण मिश्र की अगर माने तो इस एएनएम सेंटर को स्वास्थ्यकर्मियों ने किराए पर उठा दिया है जिससे इस उप स्वास्थ्य केंद्र के अंदर कमरों में लोगों ने तंबाकू, आलू और अन्य निजी समान भरकर रखा हुआ है.
ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र के अंदर अपने पशु बांधते हैं. परिसर में पशु बांधने के लिए खूंटे गड़े हुए हैं. अस्पताल परिसर के चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य है.
स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की अकर्मण्यता और निष्क्रियता के चलते ज़िले के न जाने कितने स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बद से बदतर हो गयी है.
कासगंज के मुख्य चिकित्साधिकारी अनिल कुमार सिंह को ज़िले में आए लगभग छः महीने हो चुके हैं लेकिन स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण अब तक उन्होंने शुरू नहीं किया है. अगर अधिकारियों द्वारा समय-समय पर इन स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण होता रहे तो यह नौबत न आए.