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कासगंज : जिला प्रशासन ने लगाया थाई मांगुर मछली पर प्रतिबंध, बेचने वालों पर होगी कार्रवाई

कासगंज में जिला प्रशासन ने विदेशी थाई हब्सी मछली पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं प्रशासन ने मछली पालने और बेचने वालोंं पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इससे मछली कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है.

इस प्रजाति की मछलियों द्वारा वातावरण प्रदूषित होता है.
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Published : Mar 2, 2019, 3:27 PM IST

कासगंज : जनपद में देशी मांगुर मछली की आड़ में बेची जा रही विदेशी थाई हब्सी मांगुर मछली पर शासन ने पर्यावरण को खतरा बताते हुए पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को विदेशी मांसाहारी प्रवृति की मांगुर मछली के कारोबारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. वहीं शासन की इस कार्रवाई से मछली कारोबारियों में हड़कम्प मचा हुआ है.

इसप्रजाति की मछलियों द्वारा वातावरण प्रदूषित होताहै.


अपर जिलाधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि ये मछलियां मांसाहारी प्रवृति की होने के कारण इनके पालने से स्थानीय मत्स्य सम्पदा को क्षति पहुंचती है.साथ ही जलीय पर्यावरण के असंतुलन और जन स्वास्थ्य को खतरा होने की संभावना बनी रहती है. इस प्रजाति की मछलियों द्वारा सड़ा गला मांस खाने से आसपास का वातावरण भी प्रदूषित होता है.

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जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश ने जनपद के समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि थाई मांगुर मछली का पालन, मत्स बीज आयात, संचय, मछली का परिवहन और इनको खिलाये जाने वाले अपशिष्ट की आपूर्ति को पूर्णतः रोक लगाई जाए. यहीं नहीं इसकेकारोबारियों पर कार्रवाईकी जाए.

कासगंज : जनपद में देशी मांगुर मछली की आड़ में बेची जा रही विदेशी थाई हब्सी मांगुर मछली पर शासन ने पर्यावरण को खतरा बताते हुए पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को विदेशी मांसाहारी प्रवृति की मांगुर मछली के कारोबारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. वहीं शासन की इस कार्रवाई से मछली कारोबारियों में हड़कम्प मचा हुआ है.

इसप्रजाति की मछलियों द्वारा वातावरण प्रदूषित होताहै.


अपर जिलाधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि ये मछलियां मांसाहारी प्रवृति की होने के कारण इनके पालने से स्थानीय मत्स्य सम्पदा को क्षति पहुंचती है.साथ ही जलीय पर्यावरण के असंतुलन और जन स्वास्थ्य को खतरा होने की संभावना बनी रहती है. इस प्रजाति की मछलियों द्वारा सड़ा गला मांस खाने से आसपास का वातावरण भी प्रदूषित होता है.

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जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश ने जनपद के समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि थाई मांगुर मछली का पालन, मत्स बीज आयात, संचय, मछली का परिवहन और इनको खिलाये जाने वाले अपशिष्ट की आपूर्ति को पूर्णतः रोक लगाई जाए. यहीं नहीं इसकेकारोबारियों पर कार्रवाईकी जाए.

Intro:स्लग-कासगंज में थाई मांगुर मछली पर प्रतिबंध,बेचने,पालने,स्टॉक रखने वालों पर होगी कार्यवाही


एंकर-उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग व राष्ट्रीय हरित न्यायाधिक नई दिल्ली के निर्णय के अनुसार जनपद कासगंज में देशी मांगुर मछली की आड़ में बेची जा रही विदेशी थाई हब्सी मांगुर मछली पर शासन ने इससे पर्यावरण को खतरा बताते हुए पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है।ज़िलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारीयों को विदेशी मांसाहारी प्रवृति की मांगुर मछली के कारोबारियों पर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।वहीं शासन की इस कार्यवाही से मछली कारोबारियों में हड़कम्प मचा हुआ है।



Body:
वीओ-1-अपर जिलाधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि ये मछलियां मांसाहारी प्रवृति की होने के कारण इनके पालने से स्थानीय मत्स्य सम्पदा को क्षति पहुंचने के साथ ही जलीय पर्यावरण के असंतुलन एवं जन स्वास्थ्य को खतरा होने की संभावना बनी रहती है।साथ ही उक्त प्रजाति की मछलियों द्वारा सड़ा गला मांस खाने से आसपास का वातावरण भी प्रदूषित रहता है।

वीओ-2- ज़िलाधिकारी कासगंज चंद्र प्रकाश ने जनपद के समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि थाई मांगुर मछली का पालन,मत्स बीज आयात,संचय,मछली का परिवहन, एवं इनको खिलाये जाने वाले अपशिष्ट की आपूर्ति को पूर्णतः रोकने के लिए अपनी तहसील क्षेत्र में मत्स्य विभाग के अधिकारियों एवं लेखपालों के माध्यम से आवश्यक पुलिस बल लेकर इन के कारोबारियों पर कार्यवाही की जाय।

वीओ-3- बाइट-1 मछली विक्रेता
बाइट-2- योगेंद्र कुमार (एडीएम-कासगंज)


Conclusion:प्रशांत शर्मा
रिपोर्टर -कासगंज
09760810106
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