ETV Bharat / state

पीपीएस से आईपीएस बने कासगंज के एएसपी आदित्य प्रकाश वर्मा से खास बातचीत - interview of kasganj additional sp

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के एडिशनल एसपी आदित्य प्रकाश वर्मा को पीपीएस से आईपीएस बनाया गया है. वे 1991 बैच के पुलिस अधिकारी हैं. आईपीएस बनने के बाद उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपने सफर के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

interview of additional sp aditya prakash verma
आईपीएस आदित्य प्रकाश वर्मा.
author img

By

Published : Sep 10, 2020, 1:29 PM IST

कासगंज: अभी हाल ही में पीपीएस से आईपीएस बने 1991 बैच के पुलिस अधिकारी और वर्तमान में कासगंज के एडिशनल एसपी आदित्य प्रकाश वर्मा ने किसी वरिष्ठ अधिकारी की बजाय अपनी पत्नी और बेटी से आईपीएस के बैज लगवाकर सारे मिथक तोड़ते हुए लीक से हटकर कार्य किया है. पीपीएस बनने से लेकर आईपीएस बनने तक के सफर के बारे में आदित्य प्रकाश वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत की.

आईपीएस आदित्य प्रकाश वर्मा से बातचीत करते संवाददाता.

उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन के कालपी कस्बे में स्वर्गीय वीपी वर्मा और स्वर्गीय श्रीमती कमला वर्मा के यहां आदित्य प्रकाश वर्मा का जन्म हुआ था. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया, 'मेरा शुरू से ही कार्य के प्रति जोर रहा है. जब मैं जनपद एटा में सीओ अंडर ट्रेनिंग रहा, उस समय वहां के एसएसपी दलजीत सिंह चौधरी थे. उन्होंने मुझे सिखाया कि किस तरीके से मुझे लोगों की शिकायत सुननी है. कैसे उनके प्रार्थना पत्रों की जांच करनी है तो मेरी जो बेसिक ट्रेनिंग है, वह अच्छी रही.

आईपीएस आदित्य प्रकाश वर्मा आगे बताते हैं, 'प्रेमप्रकाश जी वर्तमान में एडीजी हैं और महेश मिश्रा जी, जो उस समय पीएसी में कमांडेंट रहे, उनके सानिध्य में मैंने पुलिस की बारीकियों को सीखा है और उसी के तहत अब तक कार्य कर रहा हूं.' 14 जुलाई 1997 में डिप्टी एसपी बने आदित्य प्रकाश वर्मा की पहली पोस्टिंग फिरोजाबाद में हुई थी.

interview of additional sp aditya prakash verma
बेटी से बैज लगवाते एएसपी.
प्रमोशन पाकर आईपीएस बनने के बाद अधिकतर अधिकारी अपने किसी उच्च अधिकारी से आईपीएस का बैज लगवाते हैं, लेकिन आदित्य प्रकाश वर्मा ने यह मिथक तोड़ते हुए लीक से हटकर काम किया. उन्होंने अपनी पत्नी और बेटी से आईपीएस के बैज लगवाए. इसके बारे में उन्होंने बताया, 'बैज सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति से लगवाया जाता है. सेना में भी लोग अपने निकटतम परिजनों से बैज लगवाते हैं तो मां-बाप के बाद पत्नी और बेटी का ही स्थान आता है. माता-पिता का स्वर्गवास हो चुका है, इसलिए मैंने अपनी पत्नी और बेटी से आईपीएस के बैज लगवाए. उन्हें भी यह अनुभव प्राप्त कर प्रसन्नता महसूस हो रही होगी.'
interview of additional sp aditya prakash verma
बैज.

आदित्य प्रकाश वर्मा ने सन 1991 में पीपीएस की परीक्षा दी थी, लेकिन उन्हें 1997 में पहली पोस्टिंग मिली. इस बीच उन्होंने अन्य विभागों में भी महत्वपूर्ण पदों पर नौकरी की. आइए डालते हैं एक नजर,

  • आदित्य प्रकाश वर्मा 1989 से 1990 तक इलाहाबाद बैंक में लघु उद्योग क्षेत्राधिकारी के पद पर रहे.
  • 1991-92 में लघु उद्योग विकास बैंक में प्रबंधक के पद पर रहे.
  • 1992-93 में लघु उद्योग क्षेत्राधिकारी, इलाहाबाद बैंक में रहे.
  • 1993-94 में भारतीय औद्योगिक विकास बैंक में प्रबंधक रहे.
  • 1995-1997 में व्यापार कर अधिकारी रहे.

आईपीएस बने आदित्य प्रकाश वर्मा को उनके विशिष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति पदक सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं. साल 2018 में यातायात पुलिस में गांधीवादी विचारधारा के लिए उन्हें दिल्ली में एसएन सुब्बाराव अवार्ड मिला. 2018 में ही दिल्ली में इन्हें चौधरी रणवीर सिंह हुड्डा पुरस्कार मिला. साल 2019 में इंदौर में ग्लोबल शांति सम्मान मिला और 2020 में विशिष्ट कार्यों के लिए महामहिम राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्रदान किया गया.

कासगंज: अभी हाल ही में पीपीएस से आईपीएस बने 1991 बैच के पुलिस अधिकारी और वर्तमान में कासगंज के एडिशनल एसपी आदित्य प्रकाश वर्मा ने किसी वरिष्ठ अधिकारी की बजाय अपनी पत्नी और बेटी से आईपीएस के बैज लगवाकर सारे मिथक तोड़ते हुए लीक से हटकर कार्य किया है. पीपीएस बनने से लेकर आईपीएस बनने तक के सफर के बारे में आदित्य प्रकाश वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत की.

आईपीएस आदित्य प्रकाश वर्मा से बातचीत करते संवाददाता.

उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन के कालपी कस्बे में स्वर्गीय वीपी वर्मा और स्वर्गीय श्रीमती कमला वर्मा के यहां आदित्य प्रकाश वर्मा का जन्म हुआ था. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया, 'मेरा शुरू से ही कार्य के प्रति जोर रहा है. जब मैं जनपद एटा में सीओ अंडर ट्रेनिंग रहा, उस समय वहां के एसएसपी दलजीत सिंह चौधरी थे. उन्होंने मुझे सिखाया कि किस तरीके से मुझे लोगों की शिकायत सुननी है. कैसे उनके प्रार्थना पत्रों की जांच करनी है तो मेरी जो बेसिक ट्रेनिंग है, वह अच्छी रही.

आईपीएस आदित्य प्रकाश वर्मा आगे बताते हैं, 'प्रेमप्रकाश जी वर्तमान में एडीजी हैं और महेश मिश्रा जी, जो उस समय पीएसी में कमांडेंट रहे, उनके सानिध्य में मैंने पुलिस की बारीकियों को सीखा है और उसी के तहत अब तक कार्य कर रहा हूं.' 14 जुलाई 1997 में डिप्टी एसपी बने आदित्य प्रकाश वर्मा की पहली पोस्टिंग फिरोजाबाद में हुई थी.

interview of additional sp aditya prakash verma
बेटी से बैज लगवाते एएसपी.
प्रमोशन पाकर आईपीएस बनने के बाद अधिकतर अधिकारी अपने किसी उच्च अधिकारी से आईपीएस का बैज लगवाते हैं, लेकिन आदित्य प्रकाश वर्मा ने यह मिथक तोड़ते हुए लीक से हटकर काम किया. उन्होंने अपनी पत्नी और बेटी से आईपीएस के बैज लगवाए. इसके बारे में उन्होंने बताया, 'बैज सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति से लगवाया जाता है. सेना में भी लोग अपने निकटतम परिजनों से बैज लगवाते हैं तो मां-बाप के बाद पत्नी और बेटी का ही स्थान आता है. माता-पिता का स्वर्गवास हो चुका है, इसलिए मैंने अपनी पत्नी और बेटी से आईपीएस के बैज लगवाए. उन्हें भी यह अनुभव प्राप्त कर प्रसन्नता महसूस हो रही होगी.'
interview of additional sp aditya prakash verma
बैज.

आदित्य प्रकाश वर्मा ने सन 1991 में पीपीएस की परीक्षा दी थी, लेकिन उन्हें 1997 में पहली पोस्टिंग मिली. इस बीच उन्होंने अन्य विभागों में भी महत्वपूर्ण पदों पर नौकरी की. आइए डालते हैं एक नजर,

  • आदित्य प्रकाश वर्मा 1989 से 1990 तक इलाहाबाद बैंक में लघु उद्योग क्षेत्राधिकारी के पद पर रहे.
  • 1991-92 में लघु उद्योग विकास बैंक में प्रबंधक के पद पर रहे.
  • 1992-93 में लघु उद्योग क्षेत्राधिकारी, इलाहाबाद बैंक में रहे.
  • 1993-94 में भारतीय औद्योगिक विकास बैंक में प्रबंधक रहे.
  • 1995-1997 में व्यापार कर अधिकारी रहे.

आईपीएस बने आदित्य प्रकाश वर्मा को उनके विशिष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति पदक सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं. साल 2018 में यातायात पुलिस में गांधीवादी विचारधारा के लिए उन्हें दिल्ली में एसएन सुब्बाराव अवार्ड मिला. 2018 में ही दिल्ली में इन्हें चौधरी रणवीर सिंह हुड्डा पुरस्कार मिला. साल 2019 में इंदौर में ग्लोबल शांति सम्मान मिला और 2020 में विशिष्ट कार्यों के लिए महामहिम राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्रदान किया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.