कासगंजः गोस्वामी तुलसीदास की जन्म स्थली और भगवान वाराह की प्राकट्य और निर्वाण स्थली कही जाने वाली तीर्थ नगरी सोरों जी शूकर क्षेत्र के श्री हरिपदी गंगा जल और .25 क्विंटल प्रसादी अयोध्या के राम मंदिर के लिए रवाना किया गया. यह आयोजन अखण्ड आर्यावर्त निर्माण संघ की ओर से संपन्न कराया गया.
श्री हरिपदी गंगा का महात्म्य
सोरों जी शूकर क्षेत्र की श्री हरिपदी गंगा में स्नान करने और अपने पुरुखों का श्राद्ध कर्म और मृत लोगों के पिंडदान तथा अस्थि विसर्जन करने के लिए वर्ष में कई बार लोग आते हैं. कहा जाता है कि सोरों जी की श्री हरिपदी गंगा में तीन दिन में ही अस्थियां गल जाती हैं और मृत आत्माओं को मोक्ष मिलता है.
पुरातन समय में जब हिरण्यक्ष नाम का राक्षस पूरी पृथ्वी पर शासन करना चाहता था तब वह समूची पृथ्वी को लेकर समुद्र में चला गया और वहां पृथ्वी को छिपा दिया तो संसार में हाहाकार मच गया. देवी देवताओं ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि इस संकट से हमें मुक्ति दिलाएं.तब उस समय भगवान विष्णु ने अपना पहला वाराह अवतार इस पवित्र भूमि पर लिया था और हिरण्यक्ष को मारकर पृथ्वी को समुद्र से निकाल कर लाए थे.
अखंड आर्यावर्त निर्माण संघ की ओर से शनिवार देर शाम ढोल, मंजीरों के साथ पवित्र श्री हरिपदी गंगा से जल भरकर गंगा कलश और 1 कुंतल 25 किलो सोरों जी का प्रसिद्ध इलायची दाना प्रसादी अयोध्या राम मंदिर के लिए रवाना की गई. रविवार को अयोध्या में मकर संक्रांति के पर्व पर यह प्रसादी ट्रस्ट को सौंपी जाएगी. यह जानकारी अखंड आर्यावर्त निर्माण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश शर्मा ने दी है.