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कासगंज: किसानों ने किया चकबंदी का विरोध, बैरंग लौटे अधिकारी - कासगंज समाचार

उत्तर प्रदेश के कासगंज में कई जगहों पर किसानों द्वारा चकबंदी का विरोध देखने को मिल रहा है. किसानों द्वारा चकबंदी न कराने पर चकबंदी अधिकारी बैरंग ही वापस लौट आए.

चकबंदी का विरोध करते किसान
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Published : Sep 21, 2019, 7:20 PM IST

कासगंज : पूरे जनपद में चकबंदी को लागू किया जा रहा है. शनिवार को पटियाली तहसील क्षेत्र के ग्राम समसपुर और आसपास के सैकड़ों किसानों ने चकबंदी का जमकर विरोध करते हुए प्रदर्शन किया. विरोध की जानकारी मिलने पर जनपद से पहुंचे चकबंदी अधिकारियों ने किसानों के साथ खुली बैठक की जिसमें सभी किसानों ने एकमत होकर चकबंदी को स्वीकार करने से मना कर दिया.

किसानों ने किया चकबंदी का विरोध.

किसानों ने किया चकबंदी का विरोध -

  • पटियाली तहसील क्षेत्र के ग्राम समसपुर का है मामला.
  • किसानों ने चकबंदी का खुलकर विरोध किया.
  • चकबंदी अधिकारी स्वयं उन्हें समझाने पहुंचे.
  • किसानों ने एकमत होकर चकबंदी को स्वीकार करने से मना कर दिया.
  • किसानों ने कहा हमारे खेतों तक चकरोड पहुंच रही है, नालियां भी हैं, हमें कोई समस्या नहीं है.

इसे भी पढ़ें - मुरादाबाद: चकबंदी रिकॉर्ड रूम में सांप निकलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

चकबंदी किसानों के हित में है. अगर यह एकमत होकर चकबंदी का विरोध कर रहे हैं तो इनकी मंशा के विपरीत कार्य नहीं किया जाएगा. किसानों की मंशा को शासन से भी अवगत करा दिया जाएगा. अगर यह किसान बाद में मान जाते हैं तो चकबंदी लाई जाएगी अन्यथा इस क्षेत्र में चकबंदी नहीं लाई जाएगी.
- भीमसेन यादव, चकबन्दी बंदोबस्त अधिकारी

कासगंज : पूरे जनपद में चकबंदी को लागू किया जा रहा है. शनिवार को पटियाली तहसील क्षेत्र के ग्राम समसपुर और आसपास के सैकड़ों किसानों ने चकबंदी का जमकर विरोध करते हुए प्रदर्शन किया. विरोध की जानकारी मिलने पर जनपद से पहुंचे चकबंदी अधिकारियों ने किसानों के साथ खुली बैठक की जिसमें सभी किसानों ने एकमत होकर चकबंदी को स्वीकार करने से मना कर दिया.

किसानों ने किया चकबंदी का विरोध.

किसानों ने किया चकबंदी का विरोध -

  • पटियाली तहसील क्षेत्र के ग्राम समसपुर का है मामला.
  • किसानों ने चकबंदी का खुलकर विरोध किया.
  • चकबंदी अधिकारी स्वयं उन्हें समझाने पहुंचे.
  • किसानों ने एकमत होकर चकबंदी को स्वीकार करने से मना कर दिया.
  • किसानों ने कहा हमारे खेतों तक चकरोड पहुंच रही है, नालियां भी हैं, हमें कोई समस्या नहीं है.

इसे भी पढ़ें - मुरादाबाद: चकबंदी रिकॉर्ड रूम में सांप निकलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

चकबंदी किसानों के हित में है. अगर यह एकमत होकर चकबंदी का विरोध कर रहे हैं तो इनकी मंशा के विपरीत कार्य नहीं किया जाएगा. किसानों की मंशा को शासन से भी अवगत करा दिया जाएगा. अगर यह किसान बाद में मान जाते हैं तो चकबंदी लाई जाएगी अन्यथा इस क्षेत्र में चकबंदी नहीं लाई जाएगी.
- भीमसेन यादव, चकबन्दी बंदोबस्त अधिकारी

Intro:कासगंज जनपद में कई जगह किसानों के द्वारा चकबंदी का विरोध देखने को मिल रहा है। आज एक गांव में चकबंदी का विरोध कर रहे हैं किसानों की सूचना पर आनन-फानन में पहुंचे चकबंदी के अधिकारियों ने किसानों के साथ खुली बैठक की जिसमें किसानों ने दो टूक कह दिया उन्हें चकबंदी स्वीकार नहीं है। जिसके चलते अधिकारी बैरंग वापस लौट गए।


Body:वीओ-1- दरअसल पूरे जनपद में चकबंदी को लागू किया जा रहा है जिसके चलते आज पटियाली तहसील क्षेत्र के ग्राम समसपुर और आसपास के सैकड़ों किसानों ने चकबंदी का जमकर विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। विरोध की जानकारी मिलने पर जनपद से पहुंचे चकबंदी अधिकारियों ने किसानों के साथ खुली बैठक की जिसमें सभी किसानों ने एकमत होकर चकबंदी को स्वीकार करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा हमारे खेतों तक चकरोड पहुंच रही है नालियां भी हैं हमें कोई समस्या नहीं है।हमें चकबंदी नहीं चाहिए।

वीओ-2- वही मौके पर पहुंचे चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी भीमसेन यादव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि चकबंदी किसानों के हित में है हमने उनको समझाया भी है लेकिन अगर यह एकमत होकर चकबंदी का विरोध कर रहे हैं तो इनकी मंशा के विपरीत कार्य नहीं किया जाएगा और इस क्षेत्र में चकबंदी को लागू नहीं किया जाएगा। वहीं किसानों की मनीषा को शासन को भी अवगत करा दिया जाएगा ।अगर यह किसान बाद में मान जाते हैं तो चकबंदी लाई जाएगी अन्यथा इस क्षेत्र में चकबंदी नहीं लाई जाएगी।

वन टू वन -किसान
बाइट-भीमसेन यादव (चकबन्दी बंदोबस्त अधिकारी)


Conclusion:
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