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कासगंज: आवारा जानवरों से परेशान किसान करेंगे चुनाव बहिस्कार

कासगंज के ग्राम रमपुरा में ग्रामीणों ने बंदरों के आतंक और अन्ना गायों से परेशान किसान चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है.

बंदरों के आतंक से परेशान किसानों का प्रदर्शन
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Published : Apr 14, 2019, 3:12 PM IST


कासगंज: अगर आप कासगंज के ग्राम रमपुरा से गुज़र रहे हैं तो सावधान यहां बंदरों का आतंक इस कदर व्याप्त है कि यहां के ग्रामीणों ने बंदरों से परेशान हो कर चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है. साथ ही अन्ना गाय किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं. जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है.

बंदरों के आतंक और अन्ना गायों से परेशान हैं किसान .


ग्रामीण इससे हैं परेशान

  • बंदरों और घुमंतू गौवंशों के आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग की है
  • ग्रामीणों कहना है कि कोई सुनने वाला नहीं है
  • ग्रामीण नितेश ने बताया कि हम जब फसल बोते हैं तो बंदर उक्त फसल का बीज ही खेतों में से बीन कर खा जाते हैं और जो फसल थोड़ी बहुत बड़ी हो जाती है उसे गौवंश खत्म कर देते हैं. जिससे किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है.
  • वहीं एक ग्रामीण ने बताया कि गांव में लगभग 5 हज़ार बंदर है जो आये दिन हमारे बच्चों को काटते रहते हैं तो वहीं पटियाली में भी कई लोगों की बंदरों के काटने से मौत भी हो चुकी है.
  • ग्रामीणों का कहना है कि कई बार अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से शिकायत भी की तहसील कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. अगर इस समस्या का कोई ठोस समाधान न निकल सका तो समस्त ग्रामीण आने वाले मतदान की 23 तारीख को बहिष्कार करेंगे.


कासगंज: अगर आप कासगंज के ग्राम रमपुरा से गुज़र रहे हैं तो सावधान यहां बंदरों का आतंक इस कदर व्याप्त है कि यहां के ग्रामीणों ने बंदरों से परेशान हो कर चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है. साथ ही अन्ना गाय किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं. जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है.

बंदरों के आतंक और अन्ना गायों से परेशान हैं किसान .


ग्रामीण इससे हैं परेशान

  • बंदरों और घुमंतू गौवंशों के आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग की है
  • ग्रामीणों कहना है कि कोई सुनने वाला नहीं है
  • ग्रामीण नितेश ने बताया कि हम जब फसल बोते हैं तो बंदर उक्त फसल का बीज ही खेतों में से बीन कर खा जाते हैं और जो फसल थोड़ी बहुत बड़ी हो जाती है उसे गौवंश खत्म कर देते हैं. जिससे किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है.
  • वहीं एक ग्रामीण ने बताया कि गांव में लगभग 5 हज़ार बंदर है जो आये दिन हमारे बच्चों को काटते रहते हैं तो वहीं पटियाली में भी कई लोगों की बंदरों के काटने से मौत भी हो चुकी है.
  • ग्रामीणों का कहना है कि कई बार अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से शिकायत भी की तहसील कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. अगर इस समस्या का कोई ठोस समाधान न निकल सका तो समस्त ग्रामीण आने वाले मतदान की 23 तारीख को बहिष्कार करेंगे.
Intro:स्लग-घुमंतू गौवंश और बंदरों के आतंक से भयभीत किसानों ने किया मतदान के बहिष्कार का निर्णय


एंकर-अगर आप कासगंज के ग्राम रमपुरा से गुज़र रहे हैं तो सावधान यहां बंदरों का आतंक इस क़दर व्याप्त है कि यहां के ग्रामीणों ने बंदरों से परेशान हो कर चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है साथ ही घुमंतू गौवंश किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट उतपन्न हो गया है।ग्रामीणों कहना है कि कोई सुनने वाला नहीं है।


Body:वीओ-1- आज ग्राम रमपुरा के दर्जनों ग्रामीणों ने गांव में ही प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से बंदरों और घुमंतू गौवंशों के आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग की है।ग्राम रमपुरा के ग्रामीण नितेश ने बताया कि हम जब फसल बोते हैं तो बंदर उक्त फसल का बीज ही खेतों में से बीन कर खा जाते हैं और जो फसल थोड़ी बहुत बड़ी हो जाती है उसे गौवंश खत्म कर देते हैं।जिससे किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है।

वीओ-2- वहीं एक ग्रामीण ने बताया कि गांव में लगभग 5 हज़ार बंदर है जो आये दिन हमारे बच्चों को काटते रहते हैं तो वहीं पटियाली में भी कई लोगों की बंदरों के काटने से मौत भी हो चुकी है।ग्रामीणों का कहना है कि कई बार अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से शिकायत भी की तहसील कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।अगर इस समस्या का कोई ठोस समाधान न निकल तो समस्त ग्रामीण आने वाली मतदान की 23 तारीख़ को बहिष्कार करेंगे।


वन टू वन ग्रामीण ग्राम रमपुरा
पीटीसी


Conclusion:प्रशांत शर्मा
रिपोर्टर कासगंज
09760810106
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