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कासगंज: अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर बांटेंगी सूखा राशन - department of child development and nutrition

यूपी के कासगंज जिले में पोषाहार वितरण योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सूखा राशन, घी और दूध दिया जाएगा. इसके कार्य के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है.

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राशन वितरण के लिये स्वयं सहायता समूहों ने तैयार किया है बैग.
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Published : Nov 11, 2020, 3:04 PM IST

कासगंज: जिले में बुधवार से पोषाहार योजना के नवीन विकेन्द्रीकृत ड्राई राशन वितरण व्यवस्था की शुरुआत की गई है. इसके तहत अब गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सूखा राशन, घी और दूध दिया जाएगा. इस व्यवस्था की जानकारी मुख्य विकास अधिकारी तेजप्रताप मिश्र ने दी.

दरअसल पहले बाल विकास और पुष्टाहार विभाग के माध्यम से गर्भवती, धात्री महिलाओं और बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों से पंजीरी फूड देने की व्यवस्था थी, लेकिन इस बार सरकार ने नई व्यवस्था के तहत सूखा राशन घर-घर वितरित करने का निर्णय लिया है. लाभार्थियों को अब पंजीरी या विनिंग फूड के स्थान पर सूखा राशन वितरित किया जाएगा. यह वितरण राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सक्रिय जनपद के 308 स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार बैग में किया जाएगा. यह काम स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से घर-घर जाकर किया जाएगा. इसके लिए आंगनबाड़ी और स्वयं सहायता समूह के जिले के 509 कोटेदारों से राशन लेंगें.

इस ड्राई राशन वितरण में कोई गड़बड़ी न होने पाए, इसके लिए डिब्बों की पहचान कलर कोड से होगी. 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को नीले रंग के पैक में, 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों को हल्के हरे रंग के पैक में, गर्भवती और धात्री महिलाओं को पीले रंग के पैक में, 11 से 14 वर्ष तक की विद्यालय जाने वाली किशोरी बालिकाओं को गुलाबी रंग के पैक और अति कुपोषित बच्चों को लाल रंग के पैक में प्रति माह गेहूं, चावल, दाल तथा हर तीन माह के अंतराल पर देशी घी और दूध दिया जाएगा.

कासगंज: जिले में बुधवार से पोषाहार योजना के नवीन विकेन्द्रीकृत ड्राई राशन वितरण व्यवस्था की शुरुआत की गई है. इसके तहत अब गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सूखा राशन, घी और दूध दिया जाएगा. इस व्यवस्था की जानकारी मुख्य विकास अधिकारी तेजप्रताप मिश्र ने दी.

दरअसल पहले बाल विकास और पुष्टाहार विभाग के माध्यम से गर्भवती, धात्री महिलाओं और बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों से पंजीरी फूड देने की व्यवस्था थी, लेकिन इस बार सरकार ने नई व्यवस्था के तहत सूखा राशन घर-घर वितरित करने का निर्णय लिया है. लाभार्थियों को अब पंजीरी या विनिंग फूड के स्थान पर सूखा राशन वितरित किया जाएगा. यह वितरण राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सक्रिय जनपद के 308 स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार बैग में किया जाएगा. यह काम स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से घर-घर जाकर किया जाएगा. इसके लिए आंगनबाड़ी और स्वयं सहायता समूह के जिले के 509 कोटेदारों से राशन लेंगें.

इस ड्राई राशन वितरण में कोई गड़बड़ी न होने पाए, इसके लिए डिब्बों की पहचान कलर कोड से होगी. 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को नीले रंग के पैक में, 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों को हल्के हरे रंग के पैक में, गर्भवती और धात्री महिलाओं को पीले रंग के पैक में, 11 से 14 वर्ष तक की विद्यालय जाने वाली किशोरी बालिकाओं को गुलाबी रंग के पैक और अति कुपोषित बच्चों को लाल रंग के पैक में प्रति माह गेहूं, चावल, दाल तथा हर तीन माह के अंतराल पर देशी घी और दूध दिया जाएगा.

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