कासगंजः जिले की प्रसिद्ध गौखुर आद्रभूमि पर वन विभाग के द्वारा नव निर्माण के साथ-साथ मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है. कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में सारे काम बंद पड़े थे. अनलॉक-1 में सबसे पहले पर्यटकों के बैठने के लिए पूर्व में बनाये गए टीन शेड और बेंचों की मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है.
गोखुर भूमि में लगेंगे औषधीय पौधे
वन विभाग के ठेकेदार प्रवीन कुमार शर्मा ने बताया कि दरियावगंज की गौखुर आद्रभूमि पर स्थित 7 किलोमीटर लंबी झील पर पर्यटकों के बैठने के लिए ग्रामीण लुक की झोपड़ियां वन विभाग द्वारा तैयार करवाई जा रहीं हैं. जिससे यहां पर आने वाले पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश की अनुभूति हो. साथ ही वन विभाग द्वारा बड़े-बड़े सिमेंटेड गमले तैयार कराए जा रहे हैं, जिनमें विशेष प्रकार के औषधीय पौधे रोपित किये जायेंगे.
भारी संख्या में होता है पर्यटकों का आगमन
इस गौखुर आद्र भूमि मेें 7 किलोमटर लंबी झील है. इस झील में प्रति वर्ष अनेकों प्रकार के देशी और विदेशी पक्षी आते हैं. खास तौर पर साइबेरियन पक्षियों का आगमन काफी संख्या में होता है. इनको देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटकों का भी आगमन होता है. इसी को देखते हुए वन विभाग द्वारा इस झील पर विकास एवं सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है.
विकास कार्यों में ग्रामीण लुक
यह भूमि शहर से दूर निर्जन क्षेत्र में स्थित है सबसे बड़ी विशेषता यहां 7 किलोमीटर लंबी गौखुर झील है. सीएम योगी के पर्यटन क्षेत्रों को बढ़ावा देने के बाद यहां विकास कार्य और तेज कर दिया गया है. लेकिन यहां पर हो रहे सभी विकास कार्यों में ध्यान दिया जाता है कि सारे निर्माण ग्रामीण लुक में हो. जिससे पर्यटकों को थोड़ा अलग महसूस हो और वे अपने इस भ्रमण को यादगार बना सकें.