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कासगंज: बाल-बाल बची बच्चे की जान, कीटनाशक की बोतल में पिलाया दूध - जहरीली दवा की बोतल में बच्चे को पिलाया दूध

यूपी के कासगंज जिले में एक बच्चे की जान जाते जाते बची. दरअसल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला कीटनाशक की बोतल में बच्चे को दूध पिलाती नजर आई.

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कीटनाशक की बोतल में बच्चे को पिलाया दूध
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Published : Feb 11, 2020, 4:20 AM IST

कासगंज: एएनएम और आशा बहुएं घर-घर जाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रही हैं. इसके साथ ही बीमारियों से बचाव संबंधी जानकारियां भी लोगों को दे रही हैं. लेकिन इसके इतर जिले में एक महिला बच्चे को कीटनाशक की बोतल में दूध पिलाते हुए नजर आई. वहीं जब महिला से इस बारे में सवाल किया गया तो उसका कहना था कि उसे इस बात की जानकारी ही नहीं है कि बोतल कीटनाशक की है.

महिला ने कीटनाशक की बोतल में बच्चे को पिलाया दूध.

कीटनाशक की बोतल में बच्चे को पिलाया दूध
दरअसल एक महिला नसबंदी कराने स्वास्थ्य केंद्र आई थी. महिला ने ऑपरेशन कराने से पूर्व अपने बच्चे को अपनी सास को दे दिया था. उसी दौरान बच्चे की दादी ने कीटनाशक अर्थात जहरीली दवा की खाली बोतल में दूध भरकर बच्चे को पिला दिया. जब बच्चे की दादी से इस बारे में पूछा गया, तो उसने बताया कि बच्चे की मां के पास पैसे न होने के कारण उसने इस बोतल को धोकर बच्चे को दूध पिलाने की बोतल बनाई थी. वह यह भी नहीं जानती कि यह बोतल कीटनाशक की है.

वहीं मामले की जानकारी जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर कुलदीप सिंह को हुई तो उन्होंने बच्चे की दादी को उस जहरीली दवा की बोतल के बारे में जानकारी दी. डॉक्टर ने महिला को सख्त हिदायत देते हुए उस बोतल को कूड़ेदान में फिंकवा दिया.

ये भी पढ़ें: कासगंज: दुष्कर्म पीड़िता की प्रसव के बाद मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप

कासगंज: एएनएम और आशा बहुएं घर-घर जाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रही हैं. इसके साथ ही बीमारियों से बचाव संबंधी जानकारियां भी लोगों को दे रही हैं. लेकिन इसके इतर जिले में एक महिला बच्चे को कीटनाशक की बोतल में दूध पिलाते हुए नजर आई. वहीं जब महिला से इस बारे में सवाल किया गया तो उसका कहना था कि उसे इस बात की जानकारी ही नहीं है कि बोतल कीटनाशक की है.

महिला ने कीटनाशक की बोतल में बच्चे को पिलाया दूध.

कीटनाशक की बोतल में बच्चे को पिलाया दूध
दरअसल एक महिला नसबंदी कराने स्वास्थ्य केंद्र आई थी. महिला ने ऑपरेशन कराने से पूर्व अपने बच्चे को अपनी सास को दे दिया था. उसी दौरान बच्चे की दादी ने कीटनाशक अर्थात जहरीली दवा की खाली बोतल में दूध भरकर बच्चे को पिला दिया. जब बच्चे की दादी से इस बारे में पूछा गया, तो उसने बताया कि बच्चे की मां के पास पैसे न होने के कारण उसने इस बोतल को धोकर बच्चे को दूध पिलाने की बोतल बनाई थी. वह यह भी नहीं जानती कि यह बोतल कीटनाशक की है.

वहीं मामले की जानकारी जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर कुलदीप सिंह को हुई तो उन्होंने बच्चे की दादी को उस जहरीली दवा की बोतल के बारे में जानकारी दी. डॉक्टर ने महिला को सख्त हिदायत देते हुए उस बोतल को कूड़ेदान में फिंकवा दिया.

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Intro:नोट- ख़बर के विजुअल व महिला की बाईट रैप से भेजी जा रही है


सरकार स्वास्थ्य एवं शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विज्ञापन पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।इतना ही नहीं एएनएम और आशा बहुएं गांव-गांव घर-घर जाकर लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रही है साथ ही बीमारियों से बचाव संबंधी उन्हें जानकारियां भी दे रही हैं। इसी के विपरीत आज कासगंज में एक महिला बच्चे को कीटनाशक की बोतल में दूध पिलाते हुए नजर आई। जिसे कहीं ना कहीं स्वास्थ्य एवं शिक्षा के प्रति चलाए जा रहे जागरूकता अभियान को झटका लगता नजर आया।


Body:नोट- ख़बर के विजुअल व महिला की बाईट रैप से भेजी जा रही है


वीओ-1- दरअसल मामला कासगंज जनपद की पटियाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहां एक महिला नसबंदी कराने पहुंची। महिला ने ऑपरेशन कराने से पूर्व अपने बच्चे को अपनी सास को दे दिया था। तभी बच्चे की दादी मिथलेश कीटनाशक अर्थात जहरीली दवा की खाली बोतल में दूध भर के बच्चे को पिलाने लगी। जब बच्चे की दादी से पूछा गया कि इस बोतल में दूध क्यों पिला रही हो तो बच्चे की दादी ने बताया कि बच्चे की मां ने पैसे ना होने के कारण इस बोतल को धोकर बच्चे को दूध पिलाने की बोतल बनाई थी।वह यह भी नहीं जानती कि यह बोतल किसकी है।


वीओ-2- इस पूरे मामले पर जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर कुलदीप सिंह को मालूम हुआ तो उन्होंने बच्चे की दादी को उस जहरीली दवा की बोतल के बारे में जानकारी दी और सख्त हिदायत देते हुए कहा कि मां अपने 6 माह तक के बच्चे को अपना ही दूध पिलाए इसके बाद डॉक्टर ने उक्त महिला से बोतल को कूड़ेदान में फिकवाया। वहीं डॉ कुलदीप सिंह ने कहा कि एएनएम और आशा को बताया जाता है कि गांव में जाकर वह महिलाओं को बताएं कि अपने छह माह तक के बच्चे को बोतल से दूध नहीं पिलाना है। इसका मतलब साफ है एएनएम और आशा के द्वारा महिलाओं को यह जानकारी नहीं दी जा रही है। यही कारण है कि उस महिला को जानकारी नहीं थी कि बोतल से दूध नहीं पिलाना चाहिए और उस पर भी कीटनाशक की बोतल है तो और खतरे की बात है

बाईट-1-डॉक्टर कुलदीप -चिकित्साधीक्षक

पीटीसी -प्रशांत शर्मा
09760810106/09536541444


Conclusion:इस पूरे मामले से तो यही साफ लग रहा है अभी भी सरकार के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के प्रति चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम का असर अभी उस अशिक्षित तबके से दूर है जो ग्रामीण अंचलों में वास करता है। एएनएम और आशा बहुओं के द्वारा गांव में जाकर सिर्फ खानापूरी की जा रही है? यह बड़ा सवाल है।
निश्चित तौर पर सरकार को अपने अभियान में मूल चूल परिवर्तन लाना होगा जिससे कि अशिक्षित ग्रामीणों में भी स्वास्थ्य एवं शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा हो सके। और महिलाएं अनजाने में किसी दुर्घटना का शिकार ना होने पाएं।

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