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लापता बच्चे के मिलने पर सामने आए दो दावेदार, DNA टेस्ट से होगा फैसला

कासगंज में 17 दिन पहले लापता हुए बच्चे के मिलने पर दो दावेदार सामने आए हैं. ऐसे में चाइल्ड लाइन की टीम अब बच्चे का डीएनए टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है.

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कासगंज में 17 दिन पहले लापता बच्चे के एक से अधिक दावेदार होने से बच्चे का डीएनए जांच कराया जाएगा
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Published : Sep 12, 2022, 4:14 PM IST

कासगंजः जनपद के सहावर थाना (Sahawar Thana) क्षेत्र में 17 दिन पूर्व लापता हुए बालक के मिलने के बाद बच्चे के दो दावेदार सामने आए हैं. दोनों उसे अपना बेटा बता रहे हैं. इसके बाद प्रशासन ने बालक का डीएनए टेस्ट (DNA test) कराने का निर्णय लिया है. अधिकारियों ने फिलहाल बालक को शिशु गृह आगरा भेज दिया है.

चाइल्ड लाइन के मुताबिक सहावर थाना (Sahawar Thana) क्षेत्र के ग्राम धौरिका से बीती 25 अगस्त को एक बालक लापता हो गया था. इसके बाद बालक 26 अगस्त को कासगंज में रेलवे फाटक के निकट फतेहपुर गांव के निवासी अवनीश को मिला था.वहां से अवनीश बालक को अपने साथ घर लेकर चले गए. इसके बाद उन्होंंने मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस और चाइल्डलाइन को दी. सूचना पर पहुंची चाइल्डलाइन की टीम बच्चे को अपने साथ लेकर चली गई. इसके बाद वहां बच्चे का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया. बालक की उम्र छह वर्ष के आसपास निकली है.

चाइल्डलाइन (Kasganj Childline) ने बच्चे को उसके परिजनों से मिलाने के लिए सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से प्रयास करना शुरू किया है. चाइल्डलाइन की टीम को जानकारी मिली थी कि ग्राम धौरिका से 25 अगस्त को एक बच्चा लापता हो गया था. इसके बाद चाइल्डलाइन की टीम लापता बालक के घर पहुंची. वहां बालक को दिखाया तो परिजनों ने उसे अपना बताते हुए उसका नाम अमित बताया.

वहीं, सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चे के मिलने की सूचना लगातार चाइल्डलाइन की टीम द्वारा प्रसारित की गई थी. इसके बाद जनपद के ग्राम कुतुबपुर मेला से से भी वर्ष 2019 में एक 2 वर्ष के बालक के गायब होने की जानकारी मिली थी. कुतुबपुर मेला से गायब बालक के परिजनों के अनुसार बालक अपनी बहन के साथ मेला गया था. जहां कुछ लोगों ने बालिका को गुटखा लेने भेज दिया. इसके बाद बालक को लेकर गायब हो गए थे. वहां पर परिजनों ने बच्चे को अपना बताते हुए लापता बच्चे का नाम मयंक बताया है.


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इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन के सामने बड़ा धर्म संकट खड़ा हो गया है कि आखिर 26 अगस्त को बरामद बच्चा मयंक है या अमित. चाइल्डलाइन के डायरेक्टर (Director of Childline) डॉक्टर हरिओम वर्मा ने बताया की बरामद बच्चे के दो दावेदार सामने आ गए हैं. इसके चलते निर्णय लिया गया है कि बच्चे की डीएनए जांच कराई जाएगी. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. फिलहाल चाइल्डलाइन की टीम ने बच्चे को शिशु गृह आगरा भेज दिया है.


यह भी पढ़ें- सामान के बहाने साथ ले जाकर ई-रिक्शा चालक को सुंघाया नशीला पदार्थ, फिर लूट लिया

कासगंजः जनपद के सहावर थाना (Sahawar Thana) क्षेत्र में 17 दिन पूर्व लापता हुए बालक के मिलने के बाद बच्चे के दो दावेदार सामने आए हैं. दोनों उसे अपना बेटा बता रहे हैं. इसके बाद प्रशासन ने बालक का डीएनए टेस्ट (DNA test) कराने का निर्णय लिया है. अधिकारियों ने फिलहाल बालक को शिशु गृह आगरा भेज दिया है.

चाइल्ड लाइन के मुताबिक सहावर थाना (Sahawar Thana) क्षेत्र के ग्राम धौरिका से बीती 25 अगस्त को एक बालक लापता हो गया था. इसके बाद बालक 26 अगस्त को कासगंज में रेलवे फाटक के निकट फतेहपुर गांव के निवासी अवनीश को मिला था.वहां से अवनीश बालक को अपने साथ घर लेकर चले गए. इसके बाद उन्होंंने मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस और चाइल्डलाइन को दी. सूचना पर पहुंची चाइल्डलाइन की टीम बच्चे को अपने साथ लेकर चली गई. इसके बाद वहां बच्चे का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया. बालक की उम्र छह वर्ष के आसपास निकली है.

चाइल्डलाइन (Kasganj Childline) ने बच्चे को उसके परिजनों से मिलाने के लिए सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से प्रयास करना शुरू किया है. चाइल्डलाइन की टीम को जानकारी मिली थी कि ग्राम धौरिका से 25 अगस्त को एक बच्चा लापता हो गया था. इसके बाद चाइल्डलाइन की टीम लापता बालक के घर पहुंची. वहां बालक को दिखाया तो परिजनों ने उसे अपना बताते हुए उसका नाम अमित बताया.

वहीं, सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चे के मिलने की सूचना लगातार चाइल्डलाइन की टीम द्वारा प्रसारित की गई थी. इसके बाद जनपद के ग्राम कुतुबपुर मेला से से भी वर्ष 2019 में एक 2 वर्ष के बालक के गायब होने की जानकारी मिली थी. कुतुबपुर मेला से गायब बालक के परिजनों के अनुसार बालक अपनी बहन के साथ मेला गया था. जहां कुछ लोगों ने बालिका को गुटखा लेने भेज दिया. इसके बाद बालक को लेकर गायब हो गए थे. वहां पर परिजनों ने बच्चे को अपना बताते हुए लापता बच्चे का नाम मयंक बताया है.


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इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन के सामने बड़ा धर्म संकट खड़ा हो गया है कि आखिर 26 अगस्त को बरामद बच्चा मयंक है या अमित. चाइल्डलाइन के डायरेक्टर (Director of Childline) डॉक्टर हरिओम वर्मा ने बताया की बरामद बच्चे के दो दावेदार सामने आ गए हैं. इसके चलते निर्णय लिया गया है कि बच्चे की डीएनए जांच कराई जाएगी. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. फिलहाल चाइल्डलाइन की टीम ने बच्चे को शिशु गृह आगरा भेज दिया है.


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