कासगंज: जिले में 9 फरवरी को कच्ची शराब माफियाओं द्वारा एक सिपाही की हत्या किए जाने के बाद पुलिस रात से ही एक्शन मोड में थी, जिसके बाद बुधवार तड़के घटना में शामिल मुख्य आरोपी मोती के भाई एलकार को पुलिस ने नगला धीमर में काली नदी के पुल के नीचे मुठभेड़ में मार गिराया है.
सिढ़पुरा थाना क्षेत्र स्थित नगला धीमर गांव में मंगलवार को शराब माफिया पर नकेल कसने पहुंची पुलिस को बंधक बनाकर पीटने से एक सिपाही की मौत हो गई और दारोगा बुरी तरह जख्मी हो गए. शराब माफिया के हमले में सिढ़पुरा थाना में तैनात दारोगा गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जबकि सिपाही देवेंद्र की मौत हुई है. आगरा जोन के एडीजी अजय आनंद देर रात घटनास्थल पहुंचे. उन्होंने बताया माफिया पर 11 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
हत्यारों ने सिपाही को भाले से गोद कर मारा
नगला धीमर में भारी मात्रा में अवैध रूप से कच्ची शराब का कारोबार किया जाता है. एडीजी अजय आनंद ने बताया दारोगा अशोक कुमार और सिपाही देवेंद्र रूटीन गश्त के दौरान ही शराब माफिया को पकड़ने गए थे. तभी शराब के कारोबार में लिप्त वांछित अपराधी मोती और उसके साथियों ने मिलकर दारोगा अशोक कुमार और सिपाही को बंधक बना लिया और उनकी बर्बरतापूर्वक पिटाई कर शरीर को भाले से गोद दिया, जिससे दारोगा अशोक कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और सिपाही देवेंद्र की मौत हो गयी. वारदात को अंजाम देने में 6 लोग शामिल थे.
रक्त रंजित हालत में मिला था सिपाही देवेंद्र का शव
पुलिस के अनुसार वारदात के बाद दारोगा अशोक कुमार जंगल की तरफ घायल अवस्था में एक गड्ढे में पड़े मिले, जिन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया था. थोड़ी देर बाद गेहूं के खेत में रक्त रंजित हालत में सिपाही देवेंद्र पड़े मिले, जिनको तत्काल सिढ़पुरा पीएचसी पर लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
कासगंज के एसपी मनोज कुमार सोनकर ने बताया मुठभेड़ में मारे गए मुख्य आरोपी मोती के भाई एलकार पर 4 मुकदमे दर्ज हैं. वहीं मौके का फायदा उठाकर कई बदमाश भागने में कामयाब रहे,जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी.