कासगंजः जिले के गन्ना किसानों का चीनी मिल पर लगभग 35 करोड़ रुपये बकाया है. समय पर भुगतान न होने के चलते गन्ना किसान अब चीनी मिल पर गन्ना देने को तैयार नहीं है. किसानों की मांग है कि उनके गन्ने को किसी दूसरी चीनी मिल पर दिया जाए और उनके गन्ने का पिछला भुगतान शीघ्र कराया जाए.
जिले के तमाम गन्ना किसान बुधवार को जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचे. गन्ना किसानों का कहना है कि वे समस्या के समाधान को लेकर कई बार जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन वही ढाक के तीन पात समस्या ज्यों कि त्यों बनी हुई है. किसानों का कहना है कि इस वर्ष सूखा भी पड़ा है, उनका रकबा भी घटा है, ईंख भी घटी है और बारिश भी ज्यादा हुई है और इधर गन्ने का भुगतान नहीं हो रहा है. अब उनके पास दो ही रास्ते बचे हैं या तो समस्या का समाधान हो या फिर वे आत्महत्या करें.
गन्ना किसान शंकर पाल सिंह ने बताया कि चीनी मिल न्योली पिछले 10 वर्षों से गन्ना किसानों का भुगतान समय पर नहीं कर रही है. इस वर्ष का भुगतान अगले वर्ष में किया जाता है. गन्ना किसान भुखमरी के कगार पर हैं. इस वर्ष 58 करोड़ का गन्ना चीनी मिल ने खरीदा था, जिसमें मात्र 40 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ है 60 प्रतिशत बकाया है. मिल चलने के लिए तैयार है, लेकिन हम किसानों की मांग है कि पहले हमारे गन्ने का पिछला भुगतान कराया जाए फिर हमारे गन्ने को चीनी मिल को दिया जाए. अगर चीनी मिल न्योली हमारे गन्ने का पिछला बकाए का भुगतान नहीं करती है, तो हमारे गन्ने को किसी दूसरी चीनी मिल को देने की व्यवस्था की जाए.
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