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IIT कानपुर में कामगारों को मिलेगा प्रशिक्षण, शहर की इकाइयों में मिलेगा रोजगार

आईआईटी कानपुर बिठूर समेत अन्य गांवों के लोगों को प्रशिक्षण (Workers training in IIT Kanpur) मिलेगा. जो शहर की फैक्ट्रियों में काम करेंगे. मुख्य सचिव ने महिला कारीगरों द्वारा तैयार मिट्टी के उत्पादों को देख जमकर सराहना की.

आईआईटी कानपुर में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा
आईआईटी कानपुर में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 2, 2023, 10:34 PM IST

IIT कानपुर में कामगारों को मिलेगा प्रशिक्षण

कानपुर: वैसे तो आमतौर पर आईआईटी कानपुर में छात्रों व शिक्षकों द्वारा नवाचार की बातें सामने आती हैं. हालांकि, अब आईआईटी कानपुर की ओर से कामगारों को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा. जिससे वह शहर की फैक्ट्रियों में बेहतर ढंग से काम कर सकें. इससे जहां कामगारों को कानपुर में ही रोजगार मिल जाएगा. वहीं, शहर की फैक्ट्रियों को जो अभी तक स्किल्ड मैनपॉवर नहीं मिल पाती थी वह समस्या भी खत्म हो जाएगी.

रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र में उन्नत महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा
रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र में उन्नत महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा


दरअसल, आईआईटी कानपुर में गुरुवार को उप्र के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा पहुंचे थे. यहां रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र में उन्नत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें शहर के वरिष्ठ उद्यमी आरके जालान भी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान ही जहां मुख्य सचिव ने केंद्र द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकीं महिलाओं द्वारा तैयार मिट्टी से बने उत्पादों को देख उनकी सराहना की. वहीं, मौके पर काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने कहा कि शहर के अन्य उद्यमियों को हम इस केंद्र के साथ जोड़ेंगे. जिससे भविष्य में केंद्र द्वारा प्रशिक्षित स्टाफ को हम अपनी औद्योगिक इकाईयों में रोजगार दे सकें.



बिठूर समेत कानपुर के आसपास कई गांवों तक बढ़ाया अपना नेटवर्क: रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र के सदस्यों ने कानपुर में बिठूर समेत आसपास के कई गांवों के लोगों को आईआईटी कैम्पस से सीधे जोड़ा है. यहां कई ग्रामीण ऐसे हैं, जिनके उत्पादों को वैश्विक स्तर पर मंच देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल गंगा तैयार किया गया है. इसी तरह गांवों के बच्चों को पढ़ाने के लिए समय-समय पर आईआईटी कानपुर के कई प्रोफेसर खुद ही गांवों में पहुंचते हैं. कुछ माह पहले जयपुर के विशेषज्ञों से ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिलवाकर, उनसे तरह-तरह के आकर्षक उत्पाद भी तैयार कराए गए हैं.

यह भी पढ़ें: IIT कानपुर का 64वां स्थापना दिवस: Infosys चेयरमैन नारायणमूर्ति, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा समेत कई दिग्गजों ने यहीं से की पढ़ाई, देश-दुनिया में बज रहा डंका

यह भी पढ़ें: IIT कानपुर 63 साल का: देश-दुनिया को पोर्टेबल वेंटीलेटर देकर कोरोना को हराया, बैलगाड़ी पर आया पहला कंप्यूटर

IIT कानपुर में कामगारों को मिलेगा प्रशिक्षण

कानपुर: वैसे तो आमतौर पर आईआईटी कानपुर में छात्रों व शिक्षकों द्वारा नवाचार की बातें सामने आती हैं. हालांकि, अब आईआईटी कानपुर की ओर से कामगारों को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा. जिससे वह शहर की फैक्ट्रियों में बेहतर ढंग से काम कर सकें. इससे जहां कामगारों को कानपुर में ही रोजगार मिल जाएगा. वहीं, शहर की फैक्ट्रियों को जो अभी तक स्किल्ड मैनपॉवर नहीं मिल पाती थी वह समस्या भी खत्म हो जाएगी.

रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र में उन्नत महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा
रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र में उन्नत महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा


दरअसल, आईआईटी कानपुर में गुरुवार को उप्र के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा पहुंचे थे. यहां रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र में उन्नत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें शहर के वरिष्ठ उद्यमी आरके जालान भी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान ही जहां मुख्य सचिव ने केंद्र द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकीं महिलाओं द्वारा तैयार मिट्टी से बने उत्पादों को देख उनकी सराहना की. वहीं, मौके पर काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने कहा कि शहर के अन्य उद्यमियों को हम इस केंद्र के साथ जोड़ेंगे. जिससे भविष्य में केंद्र द्वारा प्रशिक्षित स्टाफ को हम अपनी औद्योगिक इकाईयों में रोजगार दे सकें.



बिठूर समेत कानपुर के आसपास कई गांवों तक बढ़ाया अपना नेटवर्क: रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र के सदस्यों ने कानपुर में बिठूर समेत आसपास के कई गांवों के लोगों को आईआईटी कैम्पस से सीधे जोड़ा है. यहां कई ग्रामीण ऐसे हैं, जिनके उत्पादों को वैश्विक स्तर पर मंच देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल गंगा तैयार किया गया है. इसी तरह गांवों के बच्चों को पढ़ाने के लिए समय-समय पर आईआईटी कानपुर के कई प्रोफेसर खुद ही गांवों में पहुंचते हैं. कुछ माह पहले जयपुर के विशेषज्ञों से ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिलवाकर, उनसे तरह-तरह के आकर्षक उत्पाद भी तैयार कराए गए हैं.

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