कानपुर: वैसे तो आमतौर पर आईआईटी कानपुर में छात्रों व शिक्षकों द्वारा नवाचार की बातें सामने आती हैं. हालांकि, अब आईआईटी कानपुर की ओर से कामगारों को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा. जिससे वह शहर की फैक्ट्रियों में बेहतर ढंग से काम कर सकें. इससे जहां कामगारों को कानपुर में ही रोजगार मिल जाएगा. वहीं, शहर की फैक्ट्रियों को जो अभी तक स्किल्ड मैनपॉवर नहीं मिल पाती थी वह समस्या भी खत्म हो जाएगी.
दरअसल, आईआईटी कानपुर में गुरुवार को उप्र के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा पहुंचे थे. यहां रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र में उन्नत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें शहर के वरिष्ठ उद्यमी आरके जालान भी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान ही जहां मुख्य सचिव ने केंद्र द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकीं महिलाओं द्वारा तैयार मिट्टी से बने उत्पादों को देख उनकी सराहना की. वहीं, मौके पर काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने कहा कि शहर के अन्य उद्यमियों को हम इस केंद्र के साथ जोड़ेंगे. जिससे भविष्य में केंद्र द्वारा प्रशिक्षित स्टाफ को हम अपनी औद्योगिक इकाईयों में रोजगार दे सकें.
बिठूर समेत कानपुर के आसपास कई गांवों तक बढ़ाया अपना नेटवर्क: रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र के सदस्यों ने कानपुर में बिठूर समेत आसपास के कई गांवों के लोगों को आईआईटी कैम्पस से सीधे जोड़ा है. यहां कई ग्रामीण ऐसे हैं, जिनके उत्पादों को वैश्विक स्तर पर मंच देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल गंगा तैयार किया गया है. इसी तरह गांवों के बच्चों को पढ़ाने के लिए समय-समय पर आईआईटी कानपुर के कई प्रोफेसर खुद ही गांवों में पहुंचते हैं. कुछ माह पहले जयपुर के विशेषज्ञों से ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिलवाकर, उनसे तरह-तरह के आकर्षक उत्पाद भी तैयार कराए गए हैं.