कानपुर: देशभर में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है. इस दौरान लोगों से घरों में रहने की अपील की जा रही है. लॉकडाउन के चलते देश में सब कुछ बंद है. चाहे स्कूल हों या ऑफिस हों, सभी पर ताला लगा हुआ है. वहीं स्कूलों द्वारा इन दिनों ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है, जिसको लेकर अभिभावकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
वहीं स्कूलों की इस मनमानी पर जिले में लोग लामबंद हुए और लॉकडाउन पीरियड में फीस न देने के लिए अड़े हुए हैं. अभिभावकों ने साफ कह दिया है कि वह लॉकडाउन के समय स्कूलों से मांगी जा रही फीस नहीं देंगे. इसके लिए अभिभावकों का नेतृत्व कर रहे व्यापारी नेता ने अपने खून से लिखा एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा है.
इस पत्र में व्यापारी नेता विनय वर्मा ने लिखा है कि लॉकडाउन के कारण व्यापारी और रोज कमा कर खाने वाले लोगों की स्थिति बेहद खराब हो गई है. अभिभावक किसी तरह अपना पेट काटकर बच्चों को पढ़ा रहे थे, लेकिन अब पेट भरना ही मुश्किल हो गया है.
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि तीन माह की फीस माफ कर दी जाए. इतना ही नहीं अभिभावकों को किताबों के खर्च से भी राहत दिलाई जाए. इसलिए जो बच्चे पास हो चुके हैं, उनकी किताबें लेकर अन्य बच्चों को दे दी जाएं.