कानपुर: बहुचर्चित बिकरू कांड में पुलिस की 1,800 पन्नों की चार्जशीट में चौबेपुर में तैनात रहे सिपाही का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. आरोप पत्र में विकास दुबे और उसके गुर्गों को पकड़ने के लिए दबिश देने गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की पूरी दस्ता दर्ज है.
पुलिस की चार्जशीट के अनुसार विकास दुबे ने सिपाही से AK-47 राइफल लूट कर करीब आधा घंटे तक फायरिंग कर डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. इतना ही नहीं पुलिस टीम पर AK-47 से पहली गोली विकास दुबे ने ही चलाई थी. जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह रहा विकास दुबे इतना शातिर था कि फायरिंग के दौरान अपने गुर्गों को खोखा और कारतूस हटाने के लिए बार-बार हिदायत दे रहा था. इससे यह बात तो साफ है कि उसका इरादा जुर्म के सबूत मिटाने का था. इस बात का जिक्र भी पुलिस की चार्जशीट में है.
विकास दुबे को पकड़ने के लिए थाना चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात पहुंची पुलिस टीम पर विकास और उसके गुर्गों ने घात लगा कर यूपी का सबसे बड़ा कांड कर डाला, जिसमें एक साथ आठ पुलिस वालों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. इतना ही नहीं पुलिस टीम में शामिल शहीद थाना प्रभारी शिवराजपुर महेश चंद्र यादव से पिस्टल, दारोगा अनूप कुमार से पिस्टल, सिपाही सुल्तान से इंसास राइफल, सिपाही जितेंद्र पाल से AK-47, एसओ बिठूर कौशलेंद्र से भी पिस्टल लूट ली गई थी.
500 पन्नों की है कॉल डिटेल रिपोर्ट
बिकरू कांड में खाकी और गैंस्टर विकास दुबे की मिलीभगत के कई ऑडियो सोशल मीडिया पर वॉयरल हुए थे. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में परीक्षण के बाद न सिर्फ ऑडियो क्लिप्स को दाखिल किया है बल्कि चार्जशीट के साथ भारी भरकम सीडीआर भी सबमिट किया है. चार्जशीट में पुलिस ने 152 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं. पुलिस अब तक अपनी चार्जशीट में चश्मदीद पुलिसकर्मियों समेत 152 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है.
इन पुलिस टीम ने की विवेचना
पुलिस ने बिकरू कांड की चार्जशीट में कहीं कोई खामी न रह जाए, इसके लिए बाकायदा पांच थानेदारों को लगाया गया था. इसमें मुख्य विवेचक की भूमिका निभाने वाले थाना रेलबाजार प्रभारी दधिबल तिवारी ने गुरुवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी, बीट दारोगा केके शर्मा और जुविनाइल कोर्ट से नाबालिक करार दी गई खुशी दुबे पर पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया है.