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बिकरू कांड में विकास दुबे का मददगार छोटू गिरफ्तार

कानपुर के बिकरू कांड को अंजाम देने वाले विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा को गाड़ी से सुरक्षित भगाने के आरोपी अभियुक्त को थाना पनकी पुलिस ने दबोच लिया. अभियुक्त पर 25 हजार रुपये का इनाम है.

विकास दुबे का मददगार
विकास दुबे का मददगार
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Published : Dec 18, 2021, 4:05 PM IST

Updated : Dec 18, 2021, 6:48 PM IST

कानपुरः बिकरू कांड को अंजाम देने वाले विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा को गाड़ी से सुरक्षित भगाने के आरोपी अभियुक्त को थाना पनकी पुलिस ने दबोच लिया. अभियुक्त पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था. पकड़े गए अभियुक्त से पुलिस पूछताछ करते हुए विधिक कार्रवाई कर रही है.

पकड़े गए वांछित अभियुक्त की पहचान अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ छोटू उर्फ दीपक निवासी कस्बा और थाना शिवली जिला कानपुर देहात के रूप में हुई है. बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा घटना करने के पश्चात अपने असलहों के साथ ग्राम बिकरू से जब फरार हुए तब विष्णु कश्यप ने अभियुक्त अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ छोटू को अपनी गाड़ी यूपी 78 डीपी 7653 स्विफ्ट डिजायर के साथ कैलई रोड तिराहा पर बुलाया था. जहां पर अभियुक्त विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा और बिकरू कांड में इस्तेमाल किये गये भारी मात्रा में असलहे को गाड़ी में रखा गया. उस गाड़ी को अमर दुबे चला रहा था. गाड़ी में प्रभात मिश्रा, विकास दुबे और अभिषेक उर्फ छोटू बैठकर राधे कश्यप के घर रसूलाबाद गये. राधे कश्यप के घर रसूलाबाद पहुंचने के बाद अभियुक्त अभिषेक उर्फ छोटू अपनी गाड़ी स्विफ्ट डिजायर को वापस लेकर अपने घर गया था. तब से पुलिस को इसकी तलाश थी.

इसे भी पढ़ें- बढ़ी राजा भैया की मुश्किलें, सीबीआई ने शुरू की सीओ हत्याकांड की फिर से जांच

इसके साथ ही इस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था. अभियुक्त के पास से गाड़ी यूपी 78 डीपी 7653 स्विफ्ट डिजायर भी बरामद हुई है. जिसका इस्तेमाल भागने के लिए मदद के रूप में किया गया था.

ये है पूरा मामला

2 जुलाई 2020 की रात को चौबेपुर के जादेपुरधस्सा गांव के रहने वाले राहुल तिवारी ने विकास दुबे और उसके साथियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद उसी रात करीब साढ़े बारह बजे तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बिकरू गांव में दबिश दी गई. यहां पर पहले से ही विकास दुबे और उसके गुर्गे घात लगाए बैठे थे. उन्हें पुलिस के दबिश की पहले से ही जानकारी मिल गई थी. पुलिस से निपटने के लिए कुख्यात विकास ने पहले से ही घेराबंदी कर दी थी. पुलिस को रोकने के लिए उसने जेसीबी लगाई थी. जैसे ही पुलिस बिकरू गांव में विकास के घर के पास पहुंची. बदमाशों ने चारों ओर से उनपर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. कुछ ही पलों में वे सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हो गये. एक-एक पुलिसकर्मियों को बेरहमी से कई गोलियां मारी गई थीं. इस कांड से योगी सरकार के कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे. जिसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. इस मामले में अभीतक 45 आरोपी जेल में बंद हैं और केस का ट्रायल जारी है.

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कानपुरः बिकरू कांड को अंजाम देने वाले विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा को गाड़ी से सुरक्षित भगाने के आरोपी अभियुक्त को थाना पनकी पुलिस ने दबोच लिया. अभियुक्त पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था. पकड़े गए अभियुक्त से पुलिस पूछताछ करते हुए विधिक कार्रवाई कर रही है.

पकड़े गए वांछित अभियुक्त की पहचान अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ छोटू उर्फ दीपक निवासी कस्बा और थाना शिवली जिला कानपुर देहात के रूप में हुई है. बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा घटना करने के पश्चात अपने असलहों के साथ ग्राम बिकरू से जब फरार हुए तब विष्णु कश्यप ने अभियुक्त अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ छोटू को अपनी गाड़ी यूपी 78 डीपी 7653 स्विफ्ट डिजायर के साथ कैलई रोड तिराहा पर बुलाया था. जहां पर अभियुक्त विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा और बिकरू कांड में इस्तेमाल किये गये भारी मात्रा में असलहे को गाड़ी में रखा गया. उस गाड़ी को अमर दुबे चला रहा था. गाड़ी में प्रभात मिश्रा, विकास दुबे और अभिषेक उर्फ छोटू बैठकर राधे कश्यप के घर रसूलाबाद गये. राधे कश्यप के घर रसूलाबाद पहुंचने के बाद अभियुक्त अभिषेक उर्फ छोटू अपनी गाड़ी स्विफ्ट डिजायर को वापस लेकर अपने घर गया था. तब से पुलिस को इसकी तलाश थी.

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इसके साथ ही इस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था. अभियुक्त के पास से गाड़ी यूपी 78 डीपी 7653 स्विफ्ट डिजायर भी बरामद हुई है. जिसका इस्तेमाल भागने के लिए मदद के रूप में किया गया था.

ये है पूरा मामला

2 जुलाई 2020 की रात को चौबेपुर के जादेपुरधस्सा गांव के रहने वाले राहुल तिवारी ने विकास दुबे और उसके साथियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद उसी रात करीब साढ़े बारह बजे तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बिकरू गांव में दबिश दी गई. यहां पर पहले से ही विकास दुबे और उसके गुर्गे घात लगाए बैठे थे. उन्हें पुलिस के दबिश की पहले से ही जानकारी मिल गई थी. पुलिस से निपटने के लिए कुख्यात विकास ने पहले से ही घेराबंदी कर दी थी. पुलिस को रोकने के लिए उसने जेसीबी लगाई थी. जैसे ही पुलिस बिकरू गांव में विकास के घर के पास पहुंची. बदमाशों ने चारों ओर से उनपर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. कुछ ही पलों में वे सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हो गये. एक-एक पुलिसकर्मियों को बेरहमी से कई गोलियां मारी गई थीं. इस कांड से योगी सरकार के कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे. जिसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. इस मामले में अभीतक 45 आरोपी जेल में बंद हैं और केस का ट्रायल जारी है.

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Last Updated : Dec 18, 2021, 6:48 PM IST
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