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कानपुर: मैनुअल सिस्टम खत्म, अब ऑटोमेटिक सिग्नल से आएंगी ट्रेनें - कानपुर

कानपुर आने वाली ट्रेनों को ज्यादा देर आउटर पर नहीं रुकना पड़ेगा. दरअसल, लोको केबिन में 70 साल पुराने मैनुअल सिग्नल सिस्टम को बदलकर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में तब्दील कर दिया गया है. अब लोको केबिन से ट्रेन ऑटोमेटिक सिग्नल की सहायता से आ-जा सकेंगी.

अब ऑटोमेटिक सिग्नल से आएंगी-जाएंगी ट्रेनें
अब ऑटोमेटिक सिग्नल से आएंगी-जाएंगी ट्रेनें
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Published : Oct 27, 2020, 1:26 PM IST

कानपुर: जिले में अब ट्रेनों को ज्यादा देर आउटर पर रुकना नहीं पड़ेगा. अब ट्रेनें लोको से आटोमेटिक सिग्नल से आ-जा सकेंगी. लोको केबिन में 70 साल पुराने मैनुअल सिग्नल सिस्टम को बदलकर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में तब्दील कर दिया गया है. अब लोको केबिन से चंदारी, सुजातगंज, न्यू कोचिंग कॉन्प्लेक्स और निर्माणाधीन मेमू शेड में ट्रेन ऑटोमेटिक सिग्नल में आ-जा सकेंगे.

जानकारी देते उप मुख्य यातायात प्रंबधक रेलवे.
बता दें कि पुराने लोको को अब इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग लोको केबिन में तब्दील कर दिया गया है. अब लोको केबिन से निर्माणाधीन मेमो शेड में ट्रेन ऑटोमेटिक सिग्नल से आ-जा सकेंगी. कहीं दुर्घटना होने पर कानपुर से भेजी जाने वाली एआरटी भी इस क्षेत्र से जल्द भेजी जा सकेगी. पुराने सिस्टम के तहत यहां पर जितनी भी ट्रेने गुजरती है, सभी को पेपर लाइन से क्लीयर कर आना होता है. मतलब हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को धीमे धीमे आगे गुजारा जाता है, लेकिन अब ऑटोमेटिक सिग्नल होने से ट्रेन ट्रैक पर सिग्नल के पास होगी, तो अपने ही आप सिग्नल मिलेगा.

इसमें ट्रेनों को इस सेक्शन से गुजारने में दिक्कत नहीं होगी. वहीं गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन के सेटेलाइट रेलवे स्टेशन बनने से जब कानपुर सेंट्रल का लोड कम कर गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का संचालन होगा, तब इस नए सिस्टम का लाभ मिलेगा. अभी तक बिना सेंट्रल जाए जीएमसी, लोको, चंदारी होकर जो ट्रेन जाती थी, वह पुराने सिस्टम से जाती थी. इसमें गोविंदपुरी से चकेरी तक पहुंचने में समय लगता था. अब हरी झंडी दिखाकर ट्रेनों को रोकना और लाल झंडी दिखाकर खड़ी करने वाला सिस्टम खत्म हो गया है.

कानपुर: जिले में अब ट्रेनों को ज्यादा देर आउटर पर रुकना नहीं पड़ेगा. अब ट्रेनें लोको से आटोमेटिक सिग्नल से आ-जा सकेंगी. लोको केबिन में 70 साल पुराने मैनुअल सिग्नल सिस्टम को बदलकर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में तब्दील कर दिया गया है. अब लोको केबिन से चंदारी, सुजातगंज, न्यू कोचिंग कॉन्प्लेक्स और निर्माणाधीन मेमू शेड में ट्रेन ऑटोमेटिक सिग्नल में आ-जा सकेंगे.

जानकारी देते उप मुख्य यातायात प्रंबधक रेलवे.
बता दें कि पुराने लोको को अब इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग लोको केबिन में तब्दील कर दिया गया है. अब लोको केबिन से निर्माणाधीन मेमो शेड में ट्रेन ऑटोमेटिक सिग्नल से आ-जा सकेंगी. कहीं दुर्घटना होने पर कानपुर से भेजी जाने वाली एआरटी भी इस क्षेत्र से जल्द भेजी जा सकेगी. पुराने सिस्टम के तहत यहां पर जितनी भी ट्रेने गुजरती है, सभी को पेपर लाइन से क्लीयर कर आना होता है. मतलब हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को धीमे धीमे आगे गुजारा जाता है, लेकिन अब ऑटोमेटिक सिग्नल होने से ट्रेन ट्रैक पर सिग्नल के पास होगी, तो अपने ही आप सिग्नल मिलेगा.

इसमें ट्रेनों को इस सेक्शन से गुजारने में दिक्कत नहीं होगी. वहीं गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन के सेटेलाइट रेलवे स्टेशन बनने से जब कानपुर सेंट्रल का लोड कम कर गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का संचालन होगा, तब इस नए सिस्टम का लाभ मिलेगा. अभी तक बिना सेंट्रल जाए जीएमसी, लोको, चंदारी होकर जो ट्रेन जाती थी, वह पुराने सिस्टम से जाती थी. इसमें गोविंदपुरी से चकेरी तक पहुंचने में समय लगता था. अब हरी झंडी दिखाकर ट्रेनों को रोकना और लाल झंडी दिखाकर खड़ी करने वाला सिस्टम खत्म हो गया है.

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