कानपुर: कुख्यात विकास दुबे के आर्थिक साम्रज्य की देख रेख करने वाले खजांची जय बाजपेई को पुलिस ने 19 जुलाई को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया था. इसके बाद पुलिस ने जय बाजपेई पर शिकंजा कसते हुए उसके खिलाफ थाना बजरिया में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज किया था. इस मुकदमे में जय के साथ ही उसके तीन भाइयों रजयकांत, अजयकांत और शोभित को भी सह आरोपित बनाया गया था. इसी के तहत पुलिस ने जय के भाइयों को भी अरेस्ट कर लिया था. शनिवार को हुई सुनवाई में जय बाजपेई को छोड़ कर उसके तीनों भाइयों को हाईकोर्ट से गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमों में जमानत मिल गई है.
ऐसे हुई थी गिरफ्तारी
दो जुलाई की रात बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस पर कुख्यात विकास दुबे और उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. जिसमें डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिस वालों की हत्या कर दी गई थी. उसके बाद विकास दुबे के आर्थिक साम्रज्य का खजांची जय बाजपेयी का नाम प्रकाश में आया तो 19 जुलाई को पुलिस ने जय बाजपेयी को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद पुलिस ने जय के खिलाफ थाना बजरिया में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमे में जय के साथ ही उसके तीन भाइयों रजयकांत, अजयकांत और शोभित को भी सह आरोपित बनाया गया था.
संपति कुर्क होने के बाद किया था कोर्ट में समर्पण
पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट की धारा-14-(1) के तहत जय बाजपेयी और उसके भाइयों की करोड़ों रुपये की संपत्ति की कार्की की थी. जिसके बाद खजांची जय के भाइयों ने कानपुर की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था.