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Summer in Kanpur: फरवरी में में टूटा 5 दशक का रिकार्ड, कानपुर में तापमान 30.8 डिग्री पहुंचा - कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर विनय कृष्णा

कानपुर में फरवरी की शुरुआत में ही तामान ने 52 साल का रिकॉर्ड (record of 52 years) को तोड़ दिया है. यदि लगातार तापमान चढता गया तो गेहूं की फसलों पर इसका असर पड़ सकता है.

मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडे
मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडे
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Published : Feb 8, 2023, 9:10 PM IST

मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडे ने बताया.

कानपुर: शहर में फरवरी की शुरुआत में ही दोपहर गर्म हो रही है. आलम यह है कि फरवरी में गर्मी ने 52 साल का पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वर्ष 1971 के बाद पहली बार फरवरी के पहले हफ्ते में तापमान 30.8 डिग्री पहुंचा है. इससे पहले कभी भी 10 फरवरी से पहले यह तापमान 31 डिग्री से अधिक नहीं रहा है. यदि लगातार तापमान चढ़ता गया तो इससे गेहूं की फसल प्रभावित हो सकती है.


चंद्रशेखर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडे का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ इसका सबसे बड़ा कारण है. लेकिन जलवायु परिवर्तन को भी इसका जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. 24 घंटे में ही हवा की दिशा बदल गई है. हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पश्चिम हो गया है. इससे मौसम में बदलाव हो गया है. एक फरवरी से 7 दिनों तक अधिकतम तापमान में लगातार वृद्धि ही हुई है. इसके विपरीत रात में तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है.

फरवरी माह में अचानक पारा चढ़ने की वजह से लोग गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं. जीएसवीएम के प्रोफेसर डॉ. संजय काला ने बताया की जिस तरह से फरवरी के शुरुआत में पारा बढ़ रहा है. उससे यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. डॉ. संजय काला ने बताया कि सांस संबंधी रोगों के साथ साथ वायरल फीवर और आंख संबंधी रोग बढ़ सकते हैं. पारा चढ़ने की वजह से प्रदूषण की वजह से रोग बढ़ जाते हैं. इन बीमारियों से बचने के लिए सावधानियां बेहद जरूरी है. जिन्हें सांस संबंधित बीमारियां हैं. ऐसे लोंगो को घर से कम निकलना चाहिए. साथ ही मास्क का प्रयोग करना चाहिए.



हार्ट अटैक और ब्रेन संबंधी रोगों में आएगी कमी: बीते दिनों कानपुर जनपद में सर्दियों की वजह से मौत के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे थे. लेकिन पारा चढ़ने की वजह से इसमें गिरावट आई है. कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर विनय कृष्णा का कहना है कि पारा बढ़ने की वजह से हृदय रोग संस्थान में रोगीयों में कमी आयी है.

कानपुर शहर में फरवरी के पहले माह में लगातार पारा चढ़ता जा रहा है. जिससे मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मई, जून में गर्मी रिकॉर्ड तोड़ सकती है. शहरी इलाको में गर्मी के लिए ग्लोबल वार्मिंग भी बड़ी वजह रहेगी. इस जलवायु परिवर्तन की वजह से फसलों पर भी खास असर पड़ेगा. ऐसे में कानपुर शहर के निवासियों को इस बार प्रचंड गर्मी झेलनी पड़ सकती है.

यह भी पढ़ें- Meerut Road Accident: थार से दो लोगों को कुचलने के आरोपी भाजपा नेता पर इनाम घोषित, पत्नी और मां धरने पर बैठी

मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडे ने बताया.

कानपुर: शहर में फरवरी की शुरुआत में ही दोपहर गर्म हो रही है. आलम यह है कि फरवरी में गर्मी ने 52 साल का पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वर्ष 1971 के बाद पहली बार फरवरी के पहले हफ्ते में तापमान 30.8 डिग्री पहुंचा है. इससे पहले कभी भी 10 फरवरी से पहले यह तापमान 31 डिग्री से अधिक नहीं रहा है. यदि लगातार तापमान चढ़ता गया तो इससे गेहूं की फसल प्रभावित हो सकती है.


चंद्रशेखर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडे का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ इसका सबसे बड़ा कारण है. लेकिन जलवायु परिवर्तन को भी इसका जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. 24 घंटे में ही हवा की दिशा बदल गई है. हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पश्चिम हो गया है. इससे मौसम में बदलाव हो गया है. एक फरवरी से 7 दिनों तक अधिकतम तापमान में लगातार वृद्धि ही हुई है. इसके विपरीत रात में तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है.

फरवरी माह में अचानक पारा चढ़ने की वजह से लोग गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं. जीएसवीएम के प्रोफेसर डॉ. संजय काला ने बताया की जिस तरह से फरवरी के शुरुआत में पारा बढ़ रहा है. उससे यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. डॉ. संजय काला ने बताया कि सांस संबंधी रोगों के साथ साथ वायरल फीवर और आंख संबंधी रोग बढ़ सकते हैं. पारा चढ़ने की वजह से प्रदूषण की वजह से रोग बढ़ जाते हैं. इन बीमारियों से बचने के लिए सावधानियां बेहद जरूरी है. जिन्हें सांस संबंधित बीमारियां हैं. ऐसे लोंगो को घर से कम निकलना चाहिए. साथ ही मास्क का प्रयोग करना चाहिए.



हार्ट अटैक और ब्रेन संबंधी रोगों में आएगी कमी: बीते दिनों कानपुर जनपद में सर्दियों की वजह से मौत के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे थे. लेकिन पारा चढ़ने की वजह से इसमें गिरावट आई है. कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर विनय कृष्णा का कहना है कि पारा बढ़ने की वजह से हृदय रोग संस्थान में रोगीयों में कमी आयी है.

कानपुर शहर में फरवरी के पहले माह में लगातार पारा चढ़ता जा रहा है. जिससे मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मई, जून में गर्मी रिकॉर्ड तोड़ सकती है. शहरी इलाको में गर्मी के लिए ग्लोबल वार्मिंग भी बड़ी वजह रहेगी. इस जलवायु परिवर्तन की वजह से फसलों पर भी खास असर पड़ेगा. ऐसे में कानपुर शहर के निवासियों को इस बार प्रचंड गर्मी झेलनी पड़ सकती है.

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