कानपुर: अभी तक आपने यह तो खूब सुना होगा, कि स्कूलों में छात्रों को आधुनिक तकनीकों वाले उपकरणों के साथ, कई तरह के खेलकूद के सामानों के बीच पढ़ाई कराई जाती है लेकिन क्या आपको पता है कि छात्रों को नवग्रह वाटिका, पंचवटी वाटिका व अन्य पौधों के बीच बैठाकर पढ़ाया जा रहा है तो, शायद एक पल के लिए आपको हैरानी होगी. चलिए जानते हैं इस बारे में.
शहर के सर पदमपत सिंघानिया स्कूल (Sir Padampat Singhania School) में इस सत्र से 11वीं व 12वीं के छात्रों को नेचर लव कांसेप्ट के साथ पढ़ाया जा रहा है. स्कूल में यह व्यवस्था फिलहाल लागू है. स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि इसके लिए कई देशों से शिक्षकों को यहां बुलाया गया है जो अपने अनूठे अंदाज के साथ छात्रों को पढ़ा रहे हैं.
स्कूल की प्रधानाचार्या भावना गुप्ता (Principal Bhavna Gupta) ने बताया कि जब पूरी दुनिया में अचानक से कोरोना महामारी सामने आ गई थी तभी स्कूलों की ओर से आनलाइन पढ़ाई शुरू करा दी गई थी. उसके बाद छात्रों को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही मोड में पढ़ने का मौका मिला. इसे हाइब्रिड मॉडल का नाम दिया गया. ठीक वैसे ही हमारे शिक्षकों ने कई दिनों तक शोध कार्य के बाद यह देखा,कि छात्रों को क्लासरूम टीचिंग के बजाए अगर पर्यावरण के समीप लाकर पढ़ाया जाए तो उनमें सर्वांगीण विकास होगा. इस खुले वातावरण में वह विषयों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे. इसके बाद ही नेचर लव कांसेप्ट (Nature love concept ) को लागू कर दिया गया.
स्कूल के छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर मारी बाजी
सर पदमपत सिंघानिया स्कूल के छात्रों ने सीबीएसई (CBSE Board kanpur) के परिणाम में पिछले कई सालों से लगातार राष्ट्रीय स्तर पर बाजी मार रहे हैं. कुछ दिनों पहले जारी हुए सीबीएसई के नतीजों में स्कूल की छात्रा ज्योत्सना ने पूरे सूबे में टाप किया था.
यह भी पढ़ें- UP PCS 2021 का परिणाम घोषित, प्रतापगढ़ के अतुल कुमार ने किया टॉप