कानपुर: शहर के सबसे चर्चित मामलों में सपा विधायक इरफान सोलंकी को लेकर बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है. हाईकोर्ट के आदेशानुसार आगामी 10 अक्टूबर तक सेशन कोर्ट अपना फैसला न सुनाए. वहीं, विचारण का काम इस मामले में जारी रहेगा. कोर्ट ने साफतौर से कहा है कि विचारण की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई जा सकती. ऐसे में कहा जा सकता है कि सपा विधायक के मामले में न्यायालय से जल्द फैसला आ जाएगा. हालांकि अब कुछ दिनों का इंतजार और बढ़ गया है.
दरअसल, बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो अभियुक्त के अधिवक्ता ने बताया कि रिजवान सोलंकी आगजनी वाले दिन लुलु मॉल में खरीदारी कर रहे थे. इसकी बानगी के तौर पर अधिवक्ता पक्ष की ओर से वाउचर स्लिप भी प्रस्तुत की गई है. उन्होंने जब यह तथ्य रखा, तो यह भी कहा कि जब रिजवान सोलंकी कानपुर में नहीं थे, तो उनकी लोकेशन की भी जांच कराई जा सकती है. इसके अलावा एक और पक्ष रखा, जिसमें कहा गया कि एफआईआर पर वादिनी के हस्ताक्षर नहीं हैं. इसके मिलान कराए जाएं. ऐसे में हाईकोर्ट की ओर से यह आदेश दिया गया है कि फिलहाल 10 अक्टूबर तक इस मामले में सेशन कोर्ट कोई फैसला न दे. वहीं, सरकारी पक्ष के लिए कहा गया कि विचारण की प्रक्रिया जारी रहेगी. साथ ही जो अभियुक्त पक्ष की ओर से बिंदु प्रस्तुत किए गए हैं, उसका जवाब तैयार कर प्रस्तुत करवाया जाए.
सरकारी पक्ष के अधिवक्ता बोले
इस पूरे मामले में सरकारी पक्ष के अधिवक्ता भास्कर मिश्रा ने बताया कि विचारण की प्रक्रिया पर उच्च न्यायालय ने किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई है. यहां हाईकोर्ट के अनुसार सेशन कोर्ट में आगामी 10 अक्टूबर तक कोई फैसला नहीं आएगा. जबकि विचारण की प्रक्रिया भी अपने अंतिम दौर में है. गुरुवार को जब सुनवाई होगी तो सरकारी पक्ष से अभियुक्त पक्ष के सभी बिंदुओं का जवाब प्रस्तुत किया जाएगा. वहीं, इस मामले पर फैसला आने में 20 से 25 दिनों का समय लग सकता है. इस दौरान सरकारी पक्ष की ओर से सारे साक्ष्य भी प्रस्तुत किए जाएंगे.
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