कानपुरः 75वां स्वतंत्रता दिवस देश के साथ-साथ उन 6 महिलाओं के लिए भी खुशियां लेकर आया जो ओमान में कैद थीं. ये सभी महिलाएं ओमान से आजाद होकर अपने घर पहुंच गई हैं. लंबे समय से उनकी घर वापसी के लिए प्रयासरत कानपुर क्राइम ब्रांच को आखिर सफलता मिल ही गई. इनमें से तीन कानपुर और उन्नाव की रहने वाली हैं. तीनों महिलाओं के लिए ओमान किसी काला पानी की सजा से कम नहीं था. तीनों महिलाएं रविवार सुबह फ्लाइट से ओमान से लखनऊ एयरपोर्ट पहुंची.
दलालों ने महिलाओं को अच्छी नौकरी का झांसा देकर इंप्लॉयमेंट वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा पर ओमान भेज दिया था. इसके चलते महिलाएं वहां फंस गई और इस दौरान उनको यातनाएं झेलनी पड़ी. महिलाओं ने बताया कि बगैर खाए-पिए 20-20 घंटे काम, बीमार होने पर दवा और खाना तक नहीं दिया जाता था. पिटाई के साथ कई यातनाएं भी झेली. जिसे सोचकर भी अब उनकी रूह कांप उठती है.
एक कानपुर और दो उन्नाव की हैं
घर लौटने वाली महिलाएं रिजवी रोड की रहने वाली 45 वर्षीय हुस्नआरा, कांशीराम कॉलोनी उन्नाव की रहने वाली 44 वर्षीय उमरजहां और सफीपुर उन्नाव की रहने वाली 46 वर्षीय नसरीन को वहां से मुक्त कराने के लिए क्राइम ब्रांच भारतीय दूतावास के संपर्क में था. वो लगातार महिलाओं के वापस लौटाने का प्रयास कर रहे थे, जो सफल हुआ और तीनों महिलाएं अपने वतन लौट आईं.
अच्छी नौकरी का लालच
डीसीपी क्राइम ने बताया कि गिरोह अच्छी नौकरी का झांसा देकर पीड़ितों से पहले ही लाखों रुपये वसूल लेता है. इसके बाद महिलाओं को टूरिस्ट वीजा पर ओमान भेज दिया जाता है. टूरिस्ट वीजा होने के चलते महिलाएं फंस जाती हैं. इसके बाद वापस आने का खर्च उनका परिवार नहीं उठा पाता. इसके बाद लाखों रुपये देने के बाद उन्हें वापस भारत भेजा जाता है. मानव तस्करी का पूरा गिरोह सक्रिय था. एजेंट का सरगना प्रति महिला की सप्लाई पर 25-30 हजार रुपये कमीशन देता था.
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तीन तस्कर जा चुके हैं जेल
उन्नाव की कांशीराम कालोनी निवासी महिला को क्राइम ब्रांच ने जब अप्रैल में ओमान से मुक्त कराया था, तब उसके पति की तहरीर पर तस्कर मुजम्मिल और अतिकुर्ररहमान के खिलाफ कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि उनका एक गिरोह कर्नाटक में भी सक्रिय है. वे तो सिर्फ एजेंट है. जिसका सरगना बंगलूरू निवासी मोहम्मद अमीन है. इसके बाद डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल इस गिरोह को लेकर वहां के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क में थे. उसकी सही लोकेशन मिलने पर क्राइम ब्रांच की एक टीम को बंगलूरू भेजा गया था. मुजम्मिज और अतिकुर्ररहमान के साथ ही सरगना मोहम्मद अमीन को गिरफ्तार करके पहले ही जेल भेजा जा चुका है.
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