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कानपुर 1984 सिख दंगे मामले में एसआईटी ने 2 और को किया गिरफ्तार - एसआईटी की सिख दंगे मामले में कार्रवाई

कानपुर 1984 सिख दंगे के मामले में गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है. एसआईटी ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों पनकी के रहने वाले हैं.

कानपुर 1984 सिख दंगा मामले में दो गिरफ्तार.
कानपुर 1984 सिख दंगा मामले में दो गिरफ्तार.
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Published : Aug 6, 2022, 1:16 PM IST

Updated : Aug 6, 2022, 1:32 PM IST

कानपुर: 1984 सिख दंगे के मामले में एसआईटी ने शुक्रवार देर रात दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. डीआईजी बलेन्दू भूषण ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष मिल गए थे.

एसआईटी ने पनकी निवासी ब्रजेश दुबे और राजेंद्र कुमार जयसवाल को गिरफ्तार किया है. दोनों पर वजीर सिंह और सतनाम उर्फ सिम्मी जो की उस वक्त आर्मापुर स्टेट में रहते थे, दोनों की हत्या का आरोप है. इससे पहले सिख दंगे मामले में कानपुर से 27 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली थी. वहीं, इस पूरे मामले में एसआईटी को कुल 96 आरोपी मिले थे. इनमें से 74 आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में एसआईटी की ओर से बताया गया है. उनमें से जो 22 आरोपी हैं, वह पहले ही मृत हो चुके हैं.

जानकारी देते डीआईजी.

यह भी पढ़ें: बीएसपी सांसद अतुल राय तीन साल पुराने रेप केस मामले में बरी

कानपुर में जब 1984 में ये जो दंगा हुआ था, उस समय किदवई नगर, बर्रा, निराला नगर, गोविंद नगर समेत अन्य क्षेत्रों के तमाम सिख परिवार एकजुट होकर रह रहे थे. उनके साथ बेहद दर्दनाक घटना घटित हुई थी. इसमें आगजनी, लूट समेत कई ऐसे मामले थे, जिनमें लोग पीड़ित हुए थे. कुल 1000 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए थे. 40 मामले तो बिल्कुल ऐसे थे, जो नरसंहार के दर्ज हुए थे.

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कानपुर: 1984 सिख दंगे के मामले में एसआईटी ने शुक्रवार देर रात दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. डीआईजी बलेन्दू भूषण ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष मिल गए थे.

एसआईटी ने पनकी निवासी ब्रजेश दुबे और राजेंद्र कुमार जयसवाल को गिरफ्तार किया है. दोनों पर वजीर सिंह और सतनाम उर्फ सिम्मी जो की उस वक्त आर्मापुर स्टेट में रहते थे, दोनों की हत्या का आरोप है. इससे पहले सिख दंगे मामले में कानपुर से 27 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली थी. वहीं, इस पूरे मामले में एसआईटी को कुल 96 आरोपी मिले थे. इनमें से 74 आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में एसआईटी की ओर से बताया गया है. उनमें से जो 22 आरोपी हैं, वह पहले ही मृत हो चुके हैं.

जानकारी देते डीआईजी.

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कानपुर में जब 1984 में ये जो दंगा हुआ था, उस समय किदवई नगर, बर्रा, निराला नगर, गोविंद नगर समेत अन्य क्षेत्रों के तमाम सिख परिवार एकजुट होकर रह रहे थे. उनके साथ बेहद दर्दनाक घटना घटित हुई थी. इसमें आगजनी, लूट समेत कई ऐसे मामले थे, जिनमें लोग पीड़ित हुए थे. कुल 1000 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए थे. 40 मामले तो बिल्कुल ऐसे थे, जो नरसंहार के दर्ज हुए थे.

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Last Updated : Aug 6, 2022, 1:32 PM IST
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