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कानपुर में रहकर पढ़ाई करने वाले डॉ. विमल को मिलेगा शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार - IIT Kharagpur

कानपुर में रहकर 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले डा. विमल मिश्रा (Vimal Mishra) को शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार (Shanti Swarup Bhatnagar Award) से सम्मानित किया जाएगा. डा. विमल आईआईटी गांधीनगर (IIT Gandhinagar) में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर हैं.

Dr vimal mishra
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 4:01 PM IST

कानपुर: शहर के नवाबगंज स्थित पं.दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय से पढ़ाई करने वाले तमाम छात्र आज देश के विभिन्न संस्थानों व कार्यालयों में उच्च पदों पर बैठे हैं. वहीं अब इस विद्यालय के एक पूर्व छात्र डा. विमल मिश्रा को शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

डा. विमल आईआईटी गांधीनगर में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर हैं. ईटीवी संवाददाता से उन्होंने फोन पर बातचीत के दौरान शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिलने की पुष्टि की. वह मौजूदा समय में बीजिंग में एक कांफ्रेंस में शामिल हुए. केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर देश के 12 वैज्ञानिकों को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है.

विमल मिश्रा ने कहां से की इंजीनियरिंगः प्रधानाचार्य राकेश त्रिपाठी ने बताया कि जल्द ही विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें बतौर अतिथि बुलाया जाएगा जिसमें वह छात्रों से सीधा संवाद करेंगें. मूलरूप से कन्नौज स्थित गुरसहायगंज निवासी डा. विमल ने 6वीं से 12वीं तक की पढ़ाई पं.दीनदयाल स्कूल में की. फिर शहर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) के इंजीनियरिंग कालेज से एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में बीटेक किया.

अमेरिका की यूनिवर्सिटी से की पीएचडीः उसके बाद आईआईटी खड़गपुर से एमटेक करने के बाद अमेरिका की यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई पूरी की. वह साल 2012 से आईआईटी गांधीनगर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं.

इन कार्यों पर कर रहे शोध: प्रो.मिश्रा मुख्य रूप से सरफेस वाटर हाइड्रोलॉजी, क्लाइमेट वैरीएबिल्टी एंड क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल फूड एंड वाटर सिक्योरिटी, वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट, लार्ज स्केल हाइड्रोलॉजिक मॉडलिंग पर शोध कार्य कर रहे हैं. प्रो.विमल ने कहा, कि उनका पूरा फोकस अपने शोध कार्य पर ही है.

यह भी पढ़ें -PCS J 2022: कानपुर की निशि को पहली रैंक, पिता चलाते पान की दुकान

कानपुर: शहर के नवाबगंज स्थित पं.दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय से पढ़ाई करने वाले तमाम छात्र आज देश के विभिन्न संस्थानों व कार्यालयों में उच्च पदों पर बैठे हैं. वहीं अब इस विद्यालय के एक पूर्व छात्र डा. विमल मिश्रा को शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

डा. विमल आईआईटी गांधीनगर में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर हैं. ईटीवी संवाददाता से उन्होंने फोन पर बातचीत के दौरान शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिलने की पुष्टि की. वह मौजूदा समय में बीजिंग में एक कांफ्रेंस में शामिल हुए. केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर देश के 12 वैज्ञानिकों को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है.

विमल मिश्रा ने कहां से की इंजीनियरिंगः प्रधानाचार्य राकेश त्रिपाठी ने बताया कि जल्द ही विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें बतौर अतिथि बुलाया जाएगा जिसमें वह छात्रों से सीधा संवाद करेंगें. मूलरूप से कन्नौज स्थित गुरसहायगंज निवासी डा. विमल ने 6वीं से 12वीं तक की पढ़ाई पं.दीनदयाल स्कूल में की. फिर शहर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) के इंजीनियरिंग कालेज से एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में बीटेक किया.

अमेरिका की यूनिवर्सिटी से की पीएचडीः उसके बाद आईआईटी खड़गपुर से एमटेक करने के बाद अमेरिका की यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई पूरी की. वह साल 2012 से आईआईटी गांधीनगर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं.

इन कार्यों पर कर रहे शोध: प्रो.मिश्रा मुख्य रूप से सरफेस वाटर हाइड्रोलॉजी, क्लाइमेट वैरीएबिल्टी एंड क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल फूड एंड वाटर सिक्योरिटी, वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट, लार्ज स्केल हाइड्रोलॉजिक मॉडलिंग पर शोध कार्य कर रहे हैं. प्रो.विमल ने कहा, कि उनका पूरा फोकस अपने शोध कार्य पर ही है.

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