कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए हत्याकांड में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इसके बाद से राजनीति जगत और पुलिस विभाग में सरगर्मी बढ़ी हुई है. विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. वहीं पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं. मंगलवार को इस मामले में यूपी पुलिस के इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने चौबेपुर थाने के सारे स्टॉफ को लाइन हाजिर कर दिया है. वहीं चौबेपुर थाने के निलंबित एसओ विनय तिवारी और बीट चौकी प्रभारी केके शर्मा को गिरफ्तार कर धारा 120-B के तहत जेल भेज दिया गया है.
इससे पहले प्रदेश के गाजियाबाद के मोदी नगर थाने में 2017 में पुलिस पर सबसे बड़ी कार्रवाई हुई थी. इसमें 1 इंस्पेक्टर, 4 सब इंस्पेक्टर, 13 एचसीपी, 5 हेड कांस्टेबल, 13 महिला कांस्टेबल और 96 कांस्टेबल लाइन हाजिर किए गए थे. इसे अब तक की सबसे बड़ी पुलिस के खिलाफ हुई कार्रवाई माना जा रहा है. वहीं कानपुर के बिकरु कांड में हुई घटना के बाद थाना चौबेपुर में तैनात 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है और उनकी जगह नवीन तैनाती की गई है. इसे प्रदेश में पुलिस पर हुई दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है.
बता दें कि प्रारंभिक जांच में पुलिसकर्मियों को संदेह के चलते लाइन हाजिर किया गया है, वहीं उनके खिलाफ विस्तृत जांच अभी चल रही है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि कानपुर महानगर के थाना चौबेपुर के गांव बिकरु में दबिश देने गई टीम के ऊपर मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. इसके बाद से पूरे प्रदेश भर में हड़कंप मच गया था, वहीं अभी भी गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस की पकड़ से बाहर है. पुलिस ने उसके ऊपर घोषित की गई इनाम की राशि को भी बढ़ाकर अब 5 लाख कर दिया है.