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IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने बनाया एयर बैलून, सरहद से जंगल तक करेगा निगरानी - आईआईटी कानपुर एयरोस्पेस विभाग

यूपी के कानपुर आईआईटी में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एयर बैलून तैयार किया है, जो सरहद से लेकर जंगल तक सुरक्षा के मायनों में पैनी नजर रखेगा. वहीं इस एयर बैलून में हिलियम और हाइड्रोजन गैस भरी होगी, जिस वजह से यह तीन-चार दिन तक हवा में रह सकेगा.

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों नेे बनाया एयर बैलून
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Published : Aug 22, 2019, 9:51 PM IST

कानपुर: आईआईटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एयर बैलून तैयार किया है, जो सरहद से लेकर जंगल तक सुरक्षा के मायनों में पैनी नजर रखेगा और एयर बैलून ड्रोन की तरह काम करेगा. वहीं इस ड्रोन की खासियत यह होगी कि यह तीन-चार दिन तक हवा में रहकर निगरानी कर सकेगा.

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने बनाया एयर बैलून.

पढ़ें: लापता सैनिकों को खोजने में वर्दी करेगी मदद, बताएगी जवान की लोकेशन

आईआईटी एयरोस्पेस विभाग ने बनाया एयर बैलून

आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के विभाग वैज्ञानिकों ने एक विशेष एयर बैलून तैयार किया है, जो सुरक्षा के नजरिए से एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. फिलहाल इस एयर बैलून को वन विभाग के अधिकारियों के सामने दर्शाया गया, ताकि वन में घुसने वाले तस्करों, शिकारियों पर इसके जरिए नजर रखी जा सकेगी और उनकी रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जा सकेंगे.

एयर बैलून आस-पास की लगभग 100 मीटर जमीन से ऊपर की भेजेगा तस्वीर
इस एयर बैलून में हिलियम और हाइड्रोजन गैस भरी हुई है. यह लगभग 100 मीटर जमीन से ऊपर स्टैटिक रूप से आसपास के इलाके की तस्वीरें भेजेगा. एयर बैलून जंगलों में पेड़ और जानवरों की तस्करी को रोकने में काफी मददगार साबित होगा. इसे रोकने के लिए वन विभाग की टीम ने आईआईटी के वैज्ञानिकों से मदद भी मांगी थी और इसको लेकर वन विभाग और आईआईटी के बीच एक एमओयू भी हुआ था. विदेश के घने जंगलों में जानवरों पर निगरानी रखना जंगल के अंदर हो रहे गलत कामों पर रोक लगा पाना काफी मुश्किल होता है, लेकिन इस बैलून की मदद से तस्करी समेत सभी गलत कामों को रोका जा सकेगा.

कानपुर: आईआईटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एयर बैलून तैयार किया है, जो सरहद से लेकर जंगल तक सुरक्षा के मायनों में पैनी नजर रखेगा और एयर बैलून ड्रोन की तरह काम करेगा. वहीं इस ड्रोन की खासियत यह होगी कि यह तीन-चार दिन तक हवा में रहकर निगरानी कर सकेगा.

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने बनाया एयर बैलून.

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आईआईटी एयरोस्पेस विभाग ने बनाया एयर बैलून

आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के विभाग वैज्ञानिकों ने एक विशेष एयर बैलून तैयार किया है, जो सुरक्षा के नजरिए से एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. फिलहाल इस एयर बैलून को वन विभाग के अधिकारियों के सामने दर्शाया गया, ताकि वन में घुसने वाले तस्करों, शिकारियों पर इसके जरिए नजर रखी जा सकेगी और उनकी रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जा सकेंगे.

एयर बैलून आस-पास की लगभग 100 मीटर जमीन से ऊपर की भेजेगा तस्वीर
इस एयर बैलून में हिलियम और हाइड्रोजन गैस भरी हुई है. यह लगभग 100 मीटर जमीन से ऊपर स्टैटिक रूप से आसपास के इलाके की तस्वीरें भेजेगा. एयर बैलून जंगलों में पेड़ और जानवरों की तस्करी को रोकने में काफी मददगार साबित होगा. इसे रोकने के लिए वन विभाग की टीम ने आईआईटी के वैज्ञानिकों से मदद भी मांगी थी और इसको लेकर वन विभाग और आईआईटी के बीच एक एमओयू भी हुआ था. विदेश के घने जंगलों में जानवरों पर निगरानी रखना जंगल के अंदर हो रहे गलत कामों पर रोक लगा पाना काफी मुश्किल होता है, लेकिन इस बैलून की मदद से तस्करी समेत सभी गलत कामों को रोका जा सकेगा.

Intro:कानपुर:-सरहद से जंगल तक पैनी निगरानी करेगा आईआईटी में बना कैमरे से लैस गुब्बारा

आईआईटी कानपुर का वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एयर बैलून तैयार किया है जो सरहद से लेकर जंगल तक सुरक्षा के मायनों में पहली नजर रखेगा , एयर बैलून ड्रोन की तरह काम करेगा लेकिन की खासियत यह है कि यह तीन-चार दिन तक हवा में रहकर निगरानी करेगा जबकि ड्रोन एक-दो घंटे तक ही हवा में रह सकता है एयर बैलून गुब्बारे के आकार का है जो बारिश आंधी तूफान बसवारी गर्मी या अन्य प्राकृतिक आपदा में भी सुरक्षित रहेगा ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस विभाग के प्रोफेसर डॉ सुब्रमण्यम सडरेला ने इसकी विशेषताओं के बारे में बताया ।


Body:आईआईटीके एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के विभाग वैज्ञानिकों ने एक विशेष एयर बैलून तैयार किया है यह एयर बैलून सुरक्षा के नजरिए से एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है क्योंकि इसके जरिए जहां व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जा सकती वहां पेज के जरिए पैनी नजर से नजर रखी जा सकेगी फिलहाल इस एयर बैलून को वन विभाग के अधिकारियों के सामने दर्शाया गया ताकि वन में घुसने वाले तस्करों शिकारियों पर इसके जरिए नजर रखी जा सकेगी और उनकी रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जा सकेंगे


Conclusion:इस एयर बैलून में हिलियम और हाइड्रोजन गैस भरी हुई है यह लगभग 100 मीटर जमीन से ऊपर स्टैटिक रूप से आसपास के इलाके की तस्वीरें भेजेगा एयर बैलून जंगलों में पेड़ वाद जानवरों की तस्करी को रोकने में काफी मददगार साबित होगा इसे रोकने में वन विभाग की टीम लगभग आशा है और वन विभाग की टीम ने आईआईटी के वैज्ञानिकों से इसके लिए मदद भी मांगी थी इसको लेकर वन विभाग और आईआईटी के बीच एक एमओयू भी हुआ था विदेश के घने जंगलों में जानवरों पर निगरानी रखना जंगल के अंदर हो रहे गलत कामों पर रोक लगा पाना काफी मुश्किल होता है लेकिन इस गुब्बारे की मदद से तस्करी समेत सभी गलत कामों को रोका जा सकेगा

बाइट :- डॉ सडरेला , प्रोफेसर , आईआईटी कानपुर

रजनीश दीक्षित
कानपुर ।
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