कानपुर : नगर निगम के अफसर जिस ठोस दावे के साथ यह कहते हैं कि सब कुछ ठीक चल रहा है, उस दावे के पोल खुल रही है. गृहकर में 23.32 लाख रुपये का घपला सामने आया तो शासन ने राजस्व निरीक्षक प्रशांत मिश्रा को निलंबित कर दिया. प्रशांत के निलंबन की जानकारी मिलते ही नगर निगम में हड़कंप की स्थिति हो गई और यह चर्चा जोरों पर होने लगी कि अभी कई और राजस्व निरीक्षकों पर गाज गिरनी तय है.
इस पूरे मामले पर नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने बताया कि 'जोन-5 (जहां प्रशांत मिश्रा की तैनाती थी) जिन 17 भवनों का हकीकत में मूल्यांकन 2,48,11, 901 रुपये होना चाहिए था, उसके सापेक्ष प्रशांत मिश्रा ने 92,58,861 रुपये ही बिल बनाया था, जबकि सामान्य कर (गृहकर) 37,21,786.84 रुपये होना चाहिए था, मगर 13,88,829 रुपये ही बनाया गया था. अब इस मामले की जांच अपर निदेशक ऋतु सुहास को सौंपी गई है.'
कई अन्य पर गिर सकती गाज, गोपनीय जांच शुरू : नगर निगम में कई अन्य राजस्व निरीक्षकों के खिलाफ नगर आयुक्त ने गोपनीय जांच शुरू करा दी है. चर्चा है कि 31 मार्च तक जो राजस्व नगर निगम को मिला उसमें अफसरों ने अपने स्तर से खेल किया है. अब जल्द ही कई और चेहरे बेनकाब होंगे. नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन का कहना है जो दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
हाउस टैक्स से जुड़े इन आंकड़ों को देखिए
- 3.66 लाख आवासीय संपत्तियों से होती है हाउस टैक्स वसूली
- 70 हजार व्यावसायिक संपत्तियों से वसूला जा रहा है हाउस टैक्स
- करीब 200 करोड़ रुपये की सालाना आय नगर निगम को हाउस टैक्स से हो रही
- औसतन एक हजार लोग हाउस टैक्स की समस्याओं को लेकर नगर निगम आते हैं.
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