कानपुर: जिले के चर्चित संजीत अपहरण और हत्याकांड मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है. जिसमें निलंबित किए गए गोविंद नगर सीओ मनोज गुप्ता ने संजीत की बहन रुचि का संजीत के अपहरण और हत्या में हाथ होना बताया था. इसका खुलासा ज्वाइंट कमिश्नर अपराध एवं मुख्यालय के समक्ष दर्ज कराए गए संजीत के पिता के बयान से हुआ है.
मामले की जांच कर रहे ज्वाइंट कमिश्नर अपराध एवं मुख्यालय नीलाब्जा चौधरी
संजीत के अगवा होने के बाद अधिकारियों को जानकारी दिए बिना फिरौती दिलाने का कदम उठाने से लेकर पूरे मामले में बरती गई लापरवाही की जांच ज्वाइंट कमिश्नर अपराध एवं मुख्यालय नीलाब्जा चौधरी कर रहे हैं. संजीत के पिता चमन सिंह को छोड़कर वर्तमान बर्रा इंस्पेक्टर हरमीत सिंह और निलंबित सीओ मनोज कुमार गुप्ता के साथ-साथ नकली नोट बेचने वाले दुकानदार के बयान 25 जनवरी को दर्ज किए गए थे. दोबारा नोटिस भेजे जाने पर संजीत के पिता चमन व निलंबित सीओ दुबारा अपने बयान दर्ज कराने ज्वाइंट कमिश्नर के सामने पहुंचे थे.
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संजीत के पिता ने बताया कि सीओ ने उनके बेटे को खोजने में लापरवाही बरती और बेटी पर ही शक करना शुरू कर दिया था. ज्वाइंट कमिश्नर ने मनोज गुप्ता से सच्चाई पूछी तो उन्होंने संजीत के पिता की बात पर सहमति जताई. सीओ ने बताया कि उनकी पीड़ित परिवार से चार से पांच बार मुलाकात हुई थी, जिसके आधार पर मैंने यह बात कही थी. वहीं फिरौती वाली बात पर सीओ ने बताया कि अपहर्ताओं को फिरौती की रकम देने से पहले ही उनका ट्रांसफर हो चुका था. ज्वाइंट कमिश्नर ने बयान दर्ज करने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजने की बात कही है. यह बात संजीत के पिता ने कानपुर आकर बताइए.