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गरीबी की बेड़ियां तोड़ अंतरराष्ट्रीय फलक पर तिरंगा लहराने को बेताब संजना - up news

उत्तर प्रदेश के कानपुर में ठेला लगाने वाले की बेटी संजना 2 अगस्त से भूटान में होने वाले हेपकीड़ो बॉक्सिंग मुकाबले में सब जूनियर वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी.

अंतरराष्ट्रीय फलक पर तिरंगा लहराएगी संजना.
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Published : Jul 31, 2019, 9:47 AM IST

कानपुर: प्रतिभा न तो उम्र की मोहताज होती है और न ही अमीरी-गरीबी देखती है, उसे तो बस लगन चाहिये. ये बात साबित कर दिखाई है कानपुर में ठेला लगाने वाले फूलचंद की बेटी संजना ने. संजना 2 अगस्त से भूटान में होने वाले हेपकीड़ो बॉक्सिंग मुकाबले में सब जूनियर वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. वह सब जूनियर वर्ग में देश भर के 42 खिलाड़ियों के साथ पदक के लिये दावा पेश करेंगी.

अंतरराष्ट्रीय फलक पर तिरंगा लहराएंगी संजना.

संजना की मां ने क्या कुछ कहा
संजना की मां लक्ष्मी ने बताया कि संजना अपने पिता व भाई के साथ फल के ठेले पर मदद करती है. उन्होंने कहा कि हम उसे वो मुकाम नहीं दे पाए, जिसकी वह हकदार थी, लेकिन अपनी लगन के बल पर वह शहर ही नहीं अपने देश का नाम दुनिया में रोशन करेगी.

संजना भले ही गरीब परिवार से ताल्लुकात रखती हो, लेकिन उसके हौसले काफी बुलंद हैं. उन्हीं हौसलों का नतीजा है कि उसने 2018 में हरदोई में हुये स्टेट मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद तो संजना ने पदकों की झड़ी ही लगा दी. इस छोटी सी उम्र में संजना ने वो कर दिखाया जो शायद बड़े-बड़े नहीं कर सकते. संजना का सपना है कि आगे चलकर वह देश के लिये स्वर्ण पदक जीते. संजना का कहना है कि जिस जगह हम रहते हैं, वहां पर लड़कियों को बढ़ावा नहीं दिया जाता है, लेकिन मैं उन्हें दिखाना चाहती हूं कि अपनी लड़कियों को मेरे जैसा बनाएं.

जानिए कोच का क्या कहना है
संजना के हौसले की उड़ान को उस समय पंख लग गए जब उसकी मेहनत और लगन को देखते हुए उसके कोच आजाद ने उसको निशुल्क ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी. कोच आजाद का कहना है कि ट्रेनिंग कैम्प में इस बच्ची से मुलाकात हुई, तब पता चला कि यह बहुत गरीब घर से है. मैने तीन साल पहले इसको ट्रेनिंग देनी शुरू की थी. इसकी मेहनत और लगन का नतीजा रहा कि वह सात नेशनल में हारी नहीं, उसे सातो में मेडल मिले. संजना भूटान में होने वाले इंटरनेशनल हेपकीड़ो बॉक्सिंग में भाग लेने जा रही है. वह अगर भूटान में मेडल जीत जाएगी तो उसका एशियाड में चयन होगा.

कानपुर: प्रतिभा न तो उम्र की मोहताज होती है और न ही अमीरी-गरीबी देखती है, उसे तो बस लगन चाहिये. ये बात साबित कर दिखाई है कानपुर में ठेला लगाने वाले फूलचंद की बेटी संजना ने. संजना 2 अगस्त से भूटान में होने वाले हेपकीड़ो बॉक्सिंग मुकाबले में सब जूनियर वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. वह सब जूनियर वर्ग में देश भर के 42 खिलाड़ियों के साथ पदक के लिये दावा पेश करेंगी.

अंतरराष्ट्रीय फलक पर तिरंगा लहराएंगी संजना.

संजना की मां ने क्या कुछ कहा
संजना की मां लक्ष्मी ने बताया कि संजना अपने पिता व भाई के साथ फल के ठेले पर मदद करती है. उन्होंने कहा कि हम उसे वो मुकाम नहीं दे पाए, जिसकी वह हकदार थी, लेकिन अपनी लगन के बल पर वह शहर ही नहीं अपने देश का नाम दुनिया में रोशन करेगी.

संजना भले ही गरीब परिवार से ताल्लुकात रखती हो, लेकिन उसके हौसले काफी बुलंद हैं. उन्हीं हौसलों का नतीजा है कि उसने 2018 में हरदोई में हुये स्टेट मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद तो संजना ने पदकों की झड़ी ही लगा दी. इस छोटी सी उम्र में संजना ने वो कर दिखाया जो शायद बड़े-बड़े नहीं कर सकते. संजना का सपना है कि आगे चलकर वह देश के लिये स्वर्ण पदक जीते. संजना का कहना है कि जिस जगह हम रहते हैं, वहां पर लड़कियों को बढ़ावा नहीं दिया जाता है, लेकिन मैं उन्हें दिखाना चाहती हूं कि अपनी लड़कियों को मेरे जैसा बनाएं.

जानिए कोच का क्या कहना है
संजना के हौसले की उड़ान को उस समय पंख लग गए जब उसकी मेहनत और लगन को देखते हुए उसके कोच आजाद ने उसको निशुल्क ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी. कोच आजाद का कहना है कि ट्रेनिंग कैम्प में इस बच्ची से मुलाकात हुई, तब पता चला कि यह बहुत गरीब घर से है. मैने तीन साल पहले इसको ट्रेनिंग देनी शुरू की थी. इसकी मेहनत और लगन का नतीजा रहा कि वह सात नेशनल में हारी नहीं, उसे सातो में मेडल मिले. संजना भूटान में होने वाले इंटरनेशनल हेपकीड़ो बॉक्सिंग में भाग लेने जा रही है. वह अगर भूटान में मेडल जीत जाएगी तो उसका एशियाड में चयन होगा.

Intro:कानपुर :- गरीबी की बेड़ियों को तोड़कर अंतरराष्ट्रीय फलक पर तिरंगा लहराने को बेताब संजना ।

अब गरीब की बेटिया भी देश का परचम अंतर्राष्ट्रीय फलक पर फहरा सकती है, ये बात साबित कर दिखाई है कानपुर में ठेला लगाने वाले फूलचंद की बेटी संजना ने | संजना 2 अगस्त से भूटान में होने वाले हेपकीड़ो बॉक्सिंग मुकाबले में सब जूनियर वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी |  
 प्रतिभा न तो उम्र की मोहताज होती है और ना अमीरी-गरीबी देखती है, उसे तो बस लगन चाहिये | फल का ठेला लगाने वाले फूलचंद की बेटी संजना कश्यप ने हेपकीड़ो बॉक्सिंग में जान लगा दी और अपने परिवार के संघर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मुकाम दे दिया | संजना मेधा का परचम लहराने के लिये भूटान जाने वाली है  | भूटान में होने वाली हेपकीड़ो बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भारतीय टीम का हिस्सा बनेगी | संजना सब जूनियर वर्ग में देश भर के 42 खिलाड़ियों के साथ पदक के लिये दावा पेश करेगी |  

संजना की माँ लक्ष्मी ने बताया कि संजना अपने पिता व भाई के साथ फल के ठेले पर मदद करती है | हम उसे वो मुकाम नहीं दे पाये जिसकी वो हकदार थी लेकिन अपनी लगन के बूते वो शहर ही नहीं अपने देश का नाम दुनिया में रोशन करेगी | 




Body:संजना भले ही गरीब परिवार से ताल्लुकात रखती हो लेकिन उसके हौसले काफी बुलंद है | उसके बुलंद हौसले का ही नतीजा है कि 2018 में हरदोई में हुये स्टेट मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता | इसके बाद तो संजना ने पदको की झड़ी लगा दी,सहारनपुर स्टेट में गोल्ड,पटना नेशनल में स्वर्ण पदक व गुजरात में हुये नेशनल में स्वर्ण पदक जीता | 2018 में दिल्ली में हुये स्कूल गेम्स में स्वर्ण पदक हासिल किया | इस छोटी सी उम्र में संजना ने वो कर दिखाया जो बड़े बड़े नहीं कर सकते | संजना का सपना है कि आगे चलकर वो देश के लिये स्वर्ण पदक लाने की चाहत रखती है | संजना काकादेव के जय प्रकाश नगर में बनी बस्ती में रहती है | संजना का कहना है कि जिस जगह हम रहते है वंहा पर लड़कियों को बढ़ावा नहीं दिया जाता है लेकिन उनको दिखाना चाहते है कि सभी अपनी लड़कियों को मेरी जैसी बनाये | हर खिलाडी का कोई ना कोई आदर्श होता है लेकिन संजना अपने माता पिता को ही अपना आदर्श मानती है | 




Conclusion:बाईट - संजना कश्यप 

                बॉक्सिंग खिलाडी 
बाईट - लक्ष्मी कश्यप 

    संजना के हौसले की उड़ान को उस समय पंख लग गये जब उसकी मेहनत और लगन को देखते हुये उसके कोच आजाद ने उसको निशुल्क ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी | कोच आजाद का कहना है कि ट्रेनिंग कैम्प में इस बच्ची से मुलाकात हुयी तब पता चला कि यह बहुत गरीब घर से है |  तीन साल पहले इसको ट्रेनिंग देनी शुरू करी थी इसकी मेहनत और लगन का नतीजा रहा कि सात नेशनल में हारी नहीं सातो में मैडल मिले | संजना भूटान में होने वाले इंटर नेशनल हेपकीड़ो बॉक्सिंग में भाग लेने जा रही है |  संजना अगर भूटान में  मैडल जीतेगी तब उसका एसयाड में चयन होगा |  एसयाड  में अगर संजना फस्ट या सेकेण्ड आयेगी तो वर्ल्डकप में इसका चयन होगा | 
बाईट - संजना कश्यप 

                बॉक्सिंग खिलाडी 
बाईट - लक्ष्मी कश्यप 

                     संजना की माँ



वी/ओ/ -  संजना के हौसले की उड़ान को उस समय पंख लग गये जब उसकी मेहनत और लगन को देखते हुये उसके कोच आजाद ने उसको निशुल्क ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी | कोच आजाद का कहना है कि ट्रेनिंग कैम्प में इस बच्ची से मुलाकात हुयी तब पता चला कि यह बहुत गरीब घर से है |  तीन साल पहले इसको ट्रेनिंग देनी शुरू करी थी इसकी मेहनत और लगन का नतीजा रहा कि सात नेशनल में हारी नहीं सातो में मैडल मिले | संजना भूटान में होने वाले इंटर नेशनल हेपकीड़ो बॉक्सिंग में भाग लेने जा रही है |  संजना अगर भूटान में  मैडल जीतेगी तब उसका एसयाड में चयन होगा |  एसयाड  में अगर संजना फस्ट या सेकेण्ड आयेगी तो वर्ल्डकप में इसका चयन होगा | 

बाइट :- संजना कश्यप , बॉक्सिंग प्लेयर ,
बाइट :- लक्ष्मी कश्यप , संजना की माँ
बाईट - आजाद सिंह 

                  संजना के कोच  

रजनीश दीक्षित
कानपुर ।

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