कानपुर: केंद्र सरकार की ओर से वैसे तो हर राज्य को हरसम्भव मदद दी जाती है. लेकिन, पीएम मोदी के कार्यकाल में 2014 से जो मदद पश्चिम बंगाल को दी गई. वो अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक ही रही है. अगर आप योजनाओं सम्बन्धी आंकड़ों को देखेंगे. तो खुद ब खुद हकीकत पता लग जाएगी. वहीं, केंद्र पर जो आरोप पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी लगा रहीं हैं वो पूरी तरह निराधार हैं. वहां पर मनरेगा में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है और उसके साक्ष्य हमारे पास हैं. बुधवार को ये बातें केंद्रीय मंत्री (खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री) साध्वी निरंजन ज्योति ने कहीं. वह शहर के कल्याणपुर स्थिति राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के 88 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंची थीं.
पश्चिम बंगाल 45 लाख आवास दिए गएः मीडिया से बात करते हुए साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, ममता बनर्जी आए दिन कहती हैं कि उनके राज्य में पीएम आवास नहीं दिए गए. जबकि 2014 के बाद से अब तक पश्चिम बंगाल में 45 लाख आवास दिए जा चुके हैं. इसी तरह पीएम सड़क योजना के तहत 2014 के बाद से अब तक 11000 करोड़ रुपये बजट के रूप में दिए गए. उन्होंने इस योजना का नाम ही अपने राज्य में बदल दिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा, हजारों करोड़ रुपये महिलाओं के उत्थान के लिए भी मोदी सरकार दे चुकी है. मगर ममता बनर्जी का आरोप है, केंद्र से बजट को लेकर हमेशा पश्चिम बंगाल उपेक्षित रखा जाता है. पश्चिम बंगाल में मनरेगा के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसके साक्ष्य केंद्र के पास हैं. वह अब बच नहीं पाएंगी, भले ही जो आरोप लगा लें.
मिलने के बहाने सांसदों ने किया प्रोपेगेंडा: केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले पर पश्चिम बंगाल के कई सांसदों ने मुझसे मिलने के लिए समय मांगा. उन्हें समय भी दिया गया, पहले तो सभी ने एक साथ आने की बात कहीं. पर समय से कोई आया नहीं. मैंने मंगलवार को शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक इंतजार भी किया. फिर दो सांसदों ने अलग-अलग आकर मिलने को कहा. मगर वो भी नहीं आए और उनकी मुख्यमंत्री जोकि एक महिला हैं, वह बस बेवजह ही केंद्र पर आरोप लगा रहीं हैं. उनके जिन अफसरों ने भ्रष्टाचार किया, उनको सजा जरूर होगी.
एनएसआई के स्थापना दिवस समारोह में पहुंची केंद्रीय मंत्रीः इससे पहले कानपुर में एनएसआई के स्थापना दिवस केंद्रीय मंत्री ने पूर्व छात्रों व प्रगतिशील किसानों से मिलकर खुशी जताई. इस मौके पर सभी को सम्मानित भी किया गया. इस दौरान निदेशक डॉ. नरेंद्र मोहन ने कहा कि 2014 तक इस संस्थान का बुरा दौरान रहा. मगर अब संस्थान दिनों दिन प्रगति के पथ पर है. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों संस्थान और कई देशों के बीच करार हुआ है. जिससे अब संस्थान को आगामी वर्षो में हर साल 6.5 करोड़ रुपये की कमाई होगी.