कानपुर: औद्योगिक नगरी में सावन के आखिरी सोमवार पर आनंदेश्वर धाम में भक्तों का जनसैलाब उमड़ा. रात से ही श्रद्धालु भक्त लम्बी कतारों में खड़े होकर ब्रह्ममूर्त की मंगला आरती के लिये शामिल हुए.
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महादेव करते हैं वास
सावन के अंतिम सोमवार को बाबा के जलाभिषेक के लिए हजारों की संख्या में भक्तों ने हाजिरी लगाई. मनचाहा आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना के साथ सभी भक्तों ने भोले बाबा के दर्शन किए. भक्तों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाकर अपने व परिवार की खुशियों की कामना की. इस अवसर पर आस-पास के जिलों से भक्त महादेव के दर्शन करने पहुंच रहे हैं.
खुदाई में निकला बाबा का शिवलिंग
इस मंदिर के प्रति लोगों की अपार आस्था है. पुराणों में उल्लेख है कि परमट स्थित मां गंगा के तट पर स्थित शिव धाम में देवों के देव महादेव वास करते हैं. इस स्थान पर एक आनंदी नाम की गाय रोजाना आती थी. जहांं स्वतः गाय के थन से दूध निकलकर जमीन पर गिर जाया करता था. किसानों ने गाय के दूध गिरने वाले स्थान पर खुदाई की तो बाबा का शिवलिंग निकला. जिसके बाद आनंदी गाय के नाम पर मंदिर का नाम आनंदेश्वर पड़ा और इसके बाद यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रतीक बन गया.
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सावन के सोमवार पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन कर बाबा से मनचाहा फल प्राप्त करते हैं. वहीं श्रद्धालु अभय मिश्रा ने बताया कि बाबा आनंदेश्वर के सुप्रसिद्ध मंदिर में लोगों की अपार आस्था है. यहां भक्तों द्वारा सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है.