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कानपुर: बारिश से सड़कें बनीं तालाब, मेयर ने ट्रैक्टर से लिया जायजा

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Published : Aug 14, 2020, 2:06 AM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोल दी है. बारिश से शहर की सड़कें तालाब बन गई हैं. यहां तक कि पूर्व मंत्री के घर भी पानी घुस गया, जिसके बाद अब राजनीति शुरू हो गई है.

roads became ponds in kanpur
कानपुर में बारिश से सड़कें बनीं तालाब.

कानपुर: बारिश के मौसम ने कई राज्यों में बाढ़ की नौबत ला दी है. वहीं हम आपको एक ऐसी हकीकत दिखाने जा रहे हैं, जिसको लेकर सीधे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से झूठ बोला गया. यह हकीकत है उस कानपुर की, जहां से देश की सबसे बड़ी योजना नमामि गंगे की नींव रखी गई थी, जिसमें प्रधानमंत्री समेत 11 राज्यों के मुख्यमंत्री ने शिरकत की थी.

roads became ponds in kanpur
सड़कें बनीं तालाब.

दरअसल, नमामि गंगे योजना की शुरुआत करते समय खलासी लाइन के नाले से होने वाले जलभराव पर चिंता व्यक्त की गई थी, क्योंकि इससे होने वाले जलभराव से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सरकार ने नाले के लिए बजट भी पास किया था, जिसके बाद अधिकारियों ने जांच शुरू की और कार्य को पूरा करते हुए मोहर भी लगा दी, लेकिन आज वही नाला फिर से लोगों के लिए आफत बन गया है.

आलम ये है कि बुधवार रात से हो रही बारिश के पानी से भरा नाला सड़क के बराबर उफना गया है. यहां तक कि पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार के घर के अंदर तक पानी भर गया, जिस पर अब राजनीति शुरू हो गई है. एक रात की बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोल दी. वहीं मेयर प्रमिला पांडेय ने इसका पूरा ठीकरा जल निगम के अधिकारियों के सिर पर मढ़ दिया. मेयर कुछ घंटे बाद ट्रैक्टर से प्रेमलता कटियार के घर पहुंच गईं और अपने आप को किसान की बेटी बताना शुरू कर दिया.

मेयर ने ट्रैक्टर से लिया जलभराव का जायजा.

ये भी पढ़ें: बिकरू कांड के आरोपी पहुंचाए जाएंगे फांसी के फंदे तक: आईजी मोहित अग्रवाल

दरअसल, मेयर प्रमिला पांडेय के ऊपर लगातार लगाए जा रहे आरोपों को देखते हुए बड़ी जांच बैठ सकती थी, जिसमें कई अधिकारियों के साथ-साथ कई नेता और मंत्रियों के नाम भी खुल सकते थे. खुद प्रमिला पांडेय भी लपेटे में आ सकती थीं. इसलिए वह पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार के घर पहुंचीं और जनता को यह दिखाने की कोशिश की, कि वे जलभराव को लेकर कितनी गंभीर हैं.

कानपुर: बारिश के मौसम ने कई राज्यों में बाढ़ की नौबत ला दी है. वहीं हम आपको एक ऐसी हकीकत दिखाने जा रहे हैं, जिसको लेकर सीधे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से झूठ बोला गया. यह हकीकत है उस कानपुर की, जहां से देश की सबसे बड़ी योजना नमामि गंगे की नींव रखी गई थी, जिसमें प्रधानमंत्री समेत 11 राज्यों के मुख्यमंत्री ने शिरकत की थी.

roads became ponds in kanpur
सड़कें बनीं तालाब.

दरअसल, नमामि गंगे योजना की शुरुआत करते समय खलासी लाइन के नाले से होने वाले जलभराव पर चिंता व्यक्त की गई थी, क्योंकि इससे होने वाले जलभराव से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सरकार ने नाले के लिए बजट भी पास किया था, जिसके बाद अधिकारियों ने जांच शुरू की और कार्य को पूरा करते हुए मोहर भी लगा दी, लेकिन आज वही नाला फिर से लोगों के लिए आफत बन गया है.

आलम ये है कि बुधवार रात से हो रही बारिश के पानी से भरा नाला सड़क के बराबर उफना गया है. यहां तक कि पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार के घर के अंदर तक पानी भर गया, जिस पर अब राजनीति शुरू हो गई है. एक रात की बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोल दी. वहीं मेयर प्रमिला पांडेय ने इसका पूरा ठीकरा जल निगम के अधिकारियों के सिर पर मढ़ दिया. मेयर कुछ घंटे बाद ट्रैक्टर से प्रेमलता कटियार के घर पहुंच गईं और अपने आप को किसान की बेटी बताना शुरू कर दिया.

मेयर ने ट्रैक्टर से लिया जलभराव का जायजा.

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दरअसल, मेयर प्रमिला पांडेय के ऊपर लगातार लगाए जा रहे आरोपों को देखते हुए बड़ी जांच बैठ सकती थी, जिसमें कई अधिकारियों के साथ-साथ कई नेता और मंत्रियों के नाम भी खुल सकते थे. खुद प्रमिला पांडेय भी लपेटे में आ सकती थीं. इसलिए वह पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार के घर पहुंचीं और जनता को यह दिखाने की कोशिश की, कि वे जलभराव को लेकर कितनी गंभीर हैं.

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