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कानपुर : सिख दंगा पीड़ितों की मांग, दोषियों को कोई दल न दे शरण - riot victims relief committee

अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी ने 1984 में हिंसा भड़काने के किसी भी दोषी नेता को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की. साथ ही कहा है कि ऐसे लोगों को कोई भी पार्टी शरण न दे.

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दंगा पीड़ित राहत समिति की प्रेस कॉन्फ्रेंस
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Published : Mar 1, 2020, 12:00 PM IST

कानपुर: अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप सिंह भोगल ने 1984 के सिख दंगे में कई नेताओं के नाम सामने आने की बात कही. उन्होंने कहा कि दोषी बचने के लिए राजनीतिक पार्टियों का सहारा ले रहे हैं.

दोषी, सांसद और विधायकों का ले रहे है सहारा
एसआईटी के गठन की एक वर्ष विवेचना के पश्चात 1984 के सिख दंगे में कई नेताओं के नाम सामने आ रहे है. पूर्व राज्य मंत्री शिवराज सिंह कुशवाहा के संबंधित रिश्तेदारों के नाम सामने आ रहे हैं. वहीं कई पूर्व पार्षद समेत तीन पूर्व सांसदों के करीबियों के भी नाम सामने आए हैं. जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, वे अब प्रमुख राजनैतिक दलों का सहारा लेने का प्रयास कर रहे हैं. जो 1984 नवंम्बर के अपराधी थे, वे लोग सांसद, विधायकों से दबाव बनाकर जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं.

दंगा पीड़ित राहत समिति की प्रेस कॉन्फ्रेंस

दोषी नेता को करें निष्कासित
कानपुर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान कुलदीप सिंह भोगल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश के सीएम योगी ने कहा था कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही जीरो टोरलेन्स नीति के तहत जो दोषी है, उन्हें सजा मिलेगी. हमारी मांग है कि दोषी सत्ता में हो या विपक्ष में जिनके नाम सामने आ रहे हैं, उनको किसी पार्टी में पद न मिले. जो दोषी पद ग्रहण कर चुके हैंं, उनको अपनी पार्टी से निष्कासित कर दें. उन्होंने कहा कि मीडिया में नाम आने के बाद दोषी फरार होने का प्रयास कर सकते हैं. कुलदीप सिंह ने उम्मीद जताई कि एसआईटी जल्दी दोषियों को बिना दबाव के गिरफ्तार करेगी.

ये भी पढ़ें: कानपुर: अंतरराष्ट्रीय वाहन चोर गिरोह का फर्दाफाश, दो शातिर गिरफ्तार

कानपुर: अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप सिंह भोगल ने 1984 के सिख दंगे में कई नेताओं के नाम सामने आने की बात कही. उन्होंने कहा कि दोषी बचने के लिए राजनीतिक पार्टियों का सहारा ले रहे हैं.

दोषी, सांसद और विधायकों का ले रहे है सहारा
एसआईटी के गठन की एक वर्ष विवेचना के पश्चात 1984 के सिख दंगे में कई नेताओं के नाम सामने आ रहे है. पूर्व राज्य मंत्री शिवराज सिंह कुशवाहा के संबंधित रिश्तेदारों के नाम सामने आ रहे हैं. वहीं कई पूर्व पार्षद समेत तीन पूर्व सांसदों के करीबियों के भी नाम सामने आए हैं. जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, वे अब प्रमुख राजनैतिक दलों का सहारा लेने का प्रयास कर रहे हैं. जो 1984 नवंम्बर के अपराधी थे, वे लोग सांसद, विधायकों से दबाव बनाकर जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं.

दंगा पीड़ित राहत समिति की प्रेस कॉन्फ्रेंस

दोषी नेता को करें निष्कासित
कानपुर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान कुलदीप सिंह भोगल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश के सीएम योगी ने कहा था कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही जीरो टोरलेन्स नीति के तहत जो दोषी है, उन्हें सजा मिलेगी. हमारी मांग है कि दोषी सत्ता में हो या विपक्ष में जिनके नाम सामने आ रहे हैं, उनको किसी पार्टी में पद न मिले. जो दोषी पद ग्रहण कर चुके हैंं, उनको अपनी पार्टी से निष्कासित कर दें. उन्होंने कहा कि मीडिया में नाम आने के बाद दोषी फरार होने का प्रयास कर सकते हैं. कुलदीप सिंह ने उम्मीद जताई कि एसआईटी जल्दी दोषियों को बिना दबाव के गिरफ्तार करेगी.

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