कानपुर: संजीत यादव अपहरण और हत्याकांड के फरार आरोपी राजेश उर्फ चीता को कानपुर की बर्रा पुलिस ने दबोच लिया. पूछताछ में चीता ने बताया कि अपहर्ताओं की मदद के बदले उसका 2 लाख रुपए में सौदा हुआ था. बता दें कि एसपी साउथ दीपक भूकर के निर्देशन में बर्रा पुलिस चीता की काफी दिनों से तलाश में जुटी थी. मुखबिर की सूचना पर बर्रा पुलिस ने कब्रिस्तान के पास से चीता को गिरफ्तार कर लिया है.
महत्वपूर्णं बातें-
- चीता ने बताया कि अपहर्ताओं की मदद के बदले 2 लाख रुपए में हुआ था सौदा.
- मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने चीता को कब्रिस्तान के पास से गिरफ्तार किया.
कानपुर के बर्रा से 22 जून को अपहरण हुए संजीत मामले का खुलासा पुलिस ने ईशु, कुलदीप गोस्वामी, रामजी शुक्ला, नीलू सिंह और प्रीति शर्मा को गिरफ्तार कर 22 जुलाई को किया था. बाद में मोबाइल दुकानदार कृष्ण कुमार नीलू के दोस्त चीता और रामाशीष को भी आरोपी बनाया गया था. कृष्ण कुमार को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, वहीं चीता को भी मुखबिर की सूचना पर बर्रा 6 से कब्रिस्तान के पास से पकड़ लिया गया. रामाशीष अभी फरार है. पुलिस के अनुसार चीता ने नीलू के कहने पर कृष्ण कुमार से फर्जी आईडी पर दो सिम खरीदे थे. अपहर्ताओं को 30 लाख की फिरौती मांगने की राय भी चीता ने दी थी. इसके बदले चीता ने 2 लाख रुपए मांगे थे, जिसमें सौदा हो गया था. अब बर्रा पुलिस चीता से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाने की कोशिश कर रही है.