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Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University: विवादों में घिरे प्रो. विनय पाठक ने ढाई माह बाद फिर संभाली वीसी कुर्सी - कुलपति विनय पाठक मामला

छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में कुलपति की कुर्सी एक बार फिर प्रो. विनय पाठक ने संभाल ली है. सोमवार को उन्होंने चार्ज संभाला. अभी कार्यभार प्रति कुलपति प्रो. सुधीर अवस्थी के पास था.

प्रो. विनय पाठक
प्रो. विनय पाठक
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Published : Jan 23, 2023, 9:20 AM IST

Updated : Jan 23, 2023, 6:13 PM IST

कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में सोमवार शाम चार बजे कुलपति प्रो. विनय पाठक ने लगभग ढाई माह बाद अपना कार्यभार संभाल लिया. सुबह से ही उनके कार्यभार ग्रहण करने को लेकर मामला बेहद गर्म था. सभी को उम्मीद थी, कि हमेशा की तरह प्रो. पाठक अपने तय समय पर कार्यभार संभालेंगे. मगर ऐसा नहीं हुआ, दोपहर तीन बजे तक वह कैंपस से बाहर रहे. हालांकि, उससे पहले उनके कार्यालय में स्टाफ ने उनकी पत्नी डॉ. वंदना पाठक की मौजूदगी में सुंदरकांड का पाठ किया. इसके बाद शाम लगभग चार बजे प्रो. विनय पाठक यूनिवर्सिटी पहुंचे और उन्होंने अपना कार्यभार संभाला.

नैक और दीक्षा समारोह की तैयारियों पर चर्चा: प्रो. पाठक जैसे ही कैंपस पहुंचे तो अपने चिर-परिचित अंदाज में उन्होंने प्रशासनिक अफसरों और प्रभारियों संग बैठकें कीं. प्रशासनिक अफसरों और प्रभारियों से नैक मूल्यांकन और दीक्षा समारोह की तैयारियों पर विस्तार से बात की. उन्होंने सभी से कहा, कि अपने स्तर से ठोस तैयारियां की जाएं. अब सीएसजेएमयू में आगामी 16 फरवरी को दीक्षा समारोह होना है. कहा यह जा रहा है, कि समारोह से पहले ही विवि में नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया को भी पूरा किया जा सकता है. वहीं, दीक्षा समारोह से पहले भी कई समारोह आयोजित किए जाएंगे.

मोबाइल नॉट एलाउड, कर्मियों ने किया सम्मान: प्रो. पाठक से जैसे ही कर्मचारी एसोसिशएन के पदाधिकारी पहुंचे तो उन्होंने सभी से कहा कि मोबाइल नॉट एलाउड. इसके बाद कर्मचारी एसोसिएशन की ओर से आलोक कुमार, मनीष द्विवेदी, मनीष चौबे समेत अन्य पदाधिकारियों ने उनका माल्यार्पण कर सम्मान किया. प्रो. पाठक ने कर्मियों से कहा, कि वह हमेशा उनके साथ हैं. हर कर्मी की समस्याओं का समय से समाधान कराएंगे. सुबह से लेकर शाम तक प्रो. पाठक ने मीडिया से खुद को पूरी तरह दूर रखा.

लगा था भ्रष्टाचार का आरोप
गौरतबल है कि प्रो. पाठक पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगे थे. लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में एफआईआर भी दर्ज हुई थी. इसके बाद एसटीएफ ने 50 से अधिक पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी. अब इस मामले में सीबीआई जांच शुरू हो गई है. प्रो. पाठक के कई करीबियों को गिरफ्तार भी किया गया था. माना जा रहा था उन पर भी कार्रवाई हो सकती है. लेकिन, प्रो. विनय पाठक को लेकर कैम्पस के अंदर जो तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें चार्ज नहीं मिलेगा या किसी अन्य कुलपति को चार्ज दिया जा सकता है. इस पर अब पूरी तरह से विराम लग गया है.

यह भी पढ़ें: Yogi Adityanath Government अब तक 2 करोड़ 20 लाख युवाओं को दे चुकी है रोजगार, कानून का राज भी किया स्थापित

कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में सोमवार शाम चार बजे कुलपति प्रो. विनय पाठक ने लगभग ढाई माह बाद अपना कार्यभार संभाल लिया. सुबह से ही उनके कार्यभार ग्रहण करने को लेकर मामला बेहद गर्म था. सभी को उम्मीद थी, कि हमेशा की तरह प्रो. पाठक अपने तय समय पर कार्यभार संभालेंगे. मगर ऐसा नहीं हुआ, दोपहर तीन बजे तक वह कैंपस से बाहर रहे. हालांकि, उससे पहले उनके कार्यालय में स्टाफ ने उनकी पत्नी डॉ. वंदना पाठक की मौजूदगी में सुंदरकांड का पाठ किया. इसके बाद शाम लगभग चार बजे प्रो. विनय पाठक यूनिवर्सिटी पहुंचे और उन्होंने अपना कार्यभार संभाला.

नैक और दीक्षा समारोह की तैयारियों पर चर्चा: प्रो. पाठक जैसे ही कैंपस पहुंचे तो अपने चिर-परिचित अंदाज में उन्होंने प्रशासनिक अफसरों और प्रभारियों संग बैठकें कीं. प्रशासनिक अफसरों और प्रभारियों से नैक मूल्यांकन और दीक्षा समारोह की तैयारियों पर विस्तार से बात की. उन्होंने सभी से कहा, कि अपने स्तर से ठोस तैयारियां की जाएं. अब सीएसजेएमयू में आगामी 16 फरवरी को दीक्षा समारोह होना है. कहा यह जा रहा है, कि समारोह से पहले ही विवि में नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया को भी पूरा किया जा सकता है. वहीं, दीक्षा समारोह से पहले भी कई समारोह आयोजित किए जाएंगे.

मोबाइल नॉट एलाउड, कर्मियों ने किया सम्मान: प्रो. पाठक से जैसे ही कर्मचारी एसोसिशएन के पदाधिकारी पहुंचे तो उन्होंने सभी से कहा कि मोबाइल नॉट एलाउड. इसके बाद कर्मचारी एसोसिएशन की ओर से आलोक कुमार, मनीष द्विवेदी, मनीष चौबे समेत अन्य पदाधिकारियों ने उनका माल्यार्पण कर सम्मान किया. प्रो. पाठक ने कर्मियों से कहा, कि वह हमेशा उनके साथ हैं. हर कर्मी की समस्याओं का समय से समाधान कराएंगे. सुबह से लेकर शाम तक प्रो. पाठक ने मीडिया से खुद को पूरी तरह दूर रखा.

लगा था भ्रष्टाचार का आरोप
गौरतबल है कि प्रो. पाठक पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगे थे. लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में एफआईआर भी दर्ज हुई थी. इसके बाद एसटीएफ ने 50 से अधिक पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी. अब इस मामले में सीबीआई जांच शुरू हो गई है. प्रो. पाठक के कई करीबियों को गिरफ्तार भी किया गया था. माना जा रहा था उन पर भी कार्रवाई हो सकती है. लेकिन, प्रो. विनय पाठक को लेकर कैम्पस के अंदर जो तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें चार्ज नहीं मिलेगा या किसी अन्य कुलपति को चार्ज दिया जा सकता है. इस पर अब पूरी तरह से विराम लग गया है.

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Last Updated : Jan 23, 2023, 6:13 PM IST
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