कानपुर: वैसे तो शहर की पहचान पूरे देश-दुनिया में एक औद्योगिक नगरी के तौर पर है ही. वहीं, अब कानपुर के साथ प्रदेश के हर जिले में औद्योगिक नगरी बसाने का खाका खींच लिया गया है. जिलों में उद्योग विभाग के अफसरों संग मिलकर उप्र लघु उद्योग निगम लिमिटेड (यूपीएसआईसी) के ऑफिसर पीपीपी मॉडल पर औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार करेंगे. सरकार ने सूबे की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने के लिए जहां ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से अरबों रुपये के निवेश की जोर आजमाइश करना शुरू कर दिया है. वहीं, इन औद्योगिक इकाइयों के संचालन को लेकर यूपीएसआईसी हर जिले में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना का मॉडल बना चुका है.
आवेदक या उद्यमी के पास होनी चाहिए 5 से 50 एकड़ लैंड: इस पूरे मामले पर यूपीएसआईसी के एमडी डॉ.रामयज्ञ मिश्र ने बताया कि पीपीपी मॉडल (PPP model) के लिए जो संरचना बनी है, उसके तहत आवेदक या उद्यमी के पास 5 से 50 एकड़ लैंड होनी चाहिए। ऐसे उद्यमी हमारे कार्यालय में अपना प्रस्ताव लेकर आ सकते हैं. सबसे पहले उस लैंड की जांच कराई जाएगी. इसके बाद डेवलपर को आमंत्रित करेंगे. वहीं, जब यह सुनिश्चित हो जाएगा कि औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार कर सकते हैं तो विकसित भूमि के पांच फीसद हिस्से पर उद्यमी अपना उद्यम लगाएंगे. इसके बाद बची 95 फीसदी भूमि का उपयोग औद्योगिक इकाई संचालन के लिए आवेदक या उद्यमी कर सकेंगे. हालांकि जो शेयर का भाग होगा, वह तीन हिस्सों में होगा.
उद्यमी को उद्यम स्थापना पर कई लाभ मिलेंगे: उद्योग विभाग के आला अफसरों का कहना है, कि अगर कोई उद्यमी इन दिनों अपनी औद्योगिक इकाई स्थापित करता है तो नई एमएसएमई नीति के तहत उसे कई तरह के लाभ मिलेंगे. बानगी के तौर पर बताया कि एक करोड़ रुपये के ऋण पर सरकार 25 फीसद तक सब्सिडी दे रही है. इसके अलावा सब्सिडी के साथ ही कई अन्य सुविधाएं भी उद्यमी ले सकेंगे.
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