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माघ मेले को लेकर प्रदूषण बोर्ड सख्त,कहा- गंगा में नालों का पानी गिरने से रोकें

प्रदेश में माघ मेले की तैयारियां जोरों से शुरू हो गई हैं. इसी क्रम में माघ मेले तक गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने को लेकर प्रदूषण बोर्ड सख्ती बरत रहा है. इसी क्रम में प्रदूषण बोर्ड ने कानपुर नगर निगम, जल निगम और जलकल को पत्र लिखकर गंगा में नालों का पानी गिरने से रोकने के लिए कहा है.

माघ मेले को लेकर प्रदूषण बोर्ड सख्त
माघ मेले को लेकर प्रदूषण बोर्ड सख्त
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Published : Dec 26, 2020, 5:45 AM IST

कानपुर: माघ मेले में गंगा को अविरल और निर्मल रखने के लिए प्रदूषण बोर्ड ने कानपुर नगर निगम, जल निगम और जलकल को पत्र लिखकर गंगा और पांडु नदी में गिर रहे नालों को जल्द ही रोकने को कहा है. बोर्ड ने पत्र में लिखा है कि नदियों में एक भी नाला न गिरने दिया जाए. बता दें कि अभी पांडु और गंगा नदी में रोज हजारों लीटर नालों का पानी गिर रहा है.

प्रदेश में माघ मेले की तैयारियां जोरों से शुरू हो गई हैं. तैयारी शुरू होने के साथ ही अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि इस बार माघ मेले की तैयारियों का जायजा खुद मुख्यमंत्री योगी ले रहे हैं. ऐसे में गंगा को साफ रखने की जिम्मेदारी वाले अफसरों में खलबली मची हुई है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने भी इसे लेकर निरीक्षण शुरू कर दिया है. जिसके बाद बोर्ड ने कानपुर नगर निगम, जल निगम और जलकल विभाग को पत्र लिखकर जल्द पांडु और गंगा नदी में गिर रहे नालों को रोकने को कहा है, ताकि माघ मेले तक गंगा को अविरल और निर्मल बनाया जा सके.

बायोरेमेडिएशन न होने के चलते हो रही है दूषित
प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एके माथुर ने पत्र में कहा कि गंगा में नालों का पानी लगातार गिर रहा है और बायोरेमेडिएशन नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते गंगा की निर्मलता में हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है.

निगम ने बायोरेमेडिएशन के लिए कराए गए 2 करोड़ के टेंडर
बता दें कि नगर निगम ने पांडु नदी में 6 नालों में से एक नाला बंद करने और 4 नालों को बायोरेमेडिएशन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके लिए निगम ने 2 करोड़ रुपये के टेंडर भी जारी किए हैं.

कानपुर: माघ मेले में गंगा को अविरल और निर्मल रखने के लिए प्रदूषण बोर्ड ने कानपुर नगर निगम, जल निगम और जलकल को पत्र लिखकर गंगा और पांडु नदी में गिर रहे नालों को जल्द ही रोकने को कहा है. बोर्ड ने पत्र में लिखा है कि नदियों में एक भी नाला न गिरने दिया जाए. बता दें कि अभी पांडु और गंगा नदी में रोज हजारों लीटर नालों का पानी गिर रहा है.

प्रदेश में माघ मेले की तैयारियां जोरों से शुरू हो गई हैं. तैयारी शुरू होने के साथ ही अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि इस बार माघ मेले की तैयारियों का जायजा खुद मुख्यमंत्री योगी ले रहे हैं. ऐसे में गंगा को साफ रखने की जिम्मेदारी वाले अफसरों में खलबली मची हुई है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने भी इसे लेकर निरीक्षण शुरू कर दिया है. जिसके बाद बोर्ड ने कानपुर नगर निगम, जल निगम और जलकल विभाग को पत्र लिखकर जल्द पांडु और गंगा नदी में गिर रहे नालों को रोकने को कहा है, ताकि माघ मेले तक गंगा को अविरल और निर्मल बनाया जा सके.

बायोरेमेडिएशन न होने के चलते हो रही है दूषित
प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एके माथुर ने पत्र में कहा कि गंगा में नालों का पानी लगातार गिर रहा है और बायोरेमेडिएशन नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते गंगा की निर्मलता में हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है.

निगम ने बायोरेमेडिएशन के लिए कराए गए 2 करोड़ के टेंडर
बता दें कि नगर निगम ने पांडु नदी में 6 नालों में से एक नाला बंद करने और 4 नालों को बायोरेमेडिएशन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके लिए निगम ने 2 करोड़ रुपये के टेंडर भी जारी किए हैं.

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